Ganesh Chaturthi 2025:भगवान गणेश का भव्य त्योहार, गणेश चतुर्थी, 27 अगस्त 2025 को शुरू हुआ और पूरे भारत और विदेशों में भक्ति और उत्साह के साथ मनाया जाता है। भक्त भगवान गणेश की सुंदर मूर्तियों को घर लाते हैं, प्रेम और पवित्रता के साथ उनकी पूजा करते हैं, और 10 दिनों के बाद विसर्जन के दौरान उन्हें बड़ी श्रद्धा से विदाई देते हैं। हालाँकि कुछ परिवार डेढ़, तीन, पाँच या सात दिन विसर्जन करते हैं, लेकिन त्योहार का सार वही रहता है, सकारात्मकता, पवित्रता और दिव्य आशीर्वाद का प्रसार।
गणेश चतुर्थी का 10-दिवसीय त्योहार भगवान गणेश की पूजा, भक्ति और उत्सव का समय होता है। इस दौरान कुछ नियमों का पालन करना शुभ माना जाता है, जबकि कुछ कार्यों से बचना चाहिए।
त्योहार के दौरान क्या करें और क्या न करें
क्या करें
1- सफाई और शुद्धता: मूर्ति स्थापित करने से पहले पूरे घर को अच्छी तरह से साफ करें। पूजा स्थल को विशेष रूप से गंगाजल से पवित्र करें।
2- सही दिशा में स्थापना: गणेश जी की मूर्ति को घर के उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) में स्थापित करना सबसे शुभ माना जाता है। मूर्ति को कभी भी बाथरूम, शौचालय या सीढ़ी के नीचे न रखें।
3- इको-फ्रेंडली मूर्ति: मिट्टी या प्राकृतिक सामग्री से बनी इको-फ्रेंडली मूर्ति का चुनाव करें। यह पर्यावरण की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
4- भगवान गणेश को मेहमान मानें: गणेश जी को 10 दिनों के लिए अपने घर का मेहमान मानें। उनकी देखभाल प्यार और सम्मान के साथ करें।
5- नियमित पूजा और आरती: हर सुबह और शाम गणेश जी की आरती करें और मंत्रों का जाप करें। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
6- सात्विक भोजन का भोग: गणेश जी को सात्विक भोजन जैसे मोदक, लड्डू, फल और पंचामृत का भोग लगाएं। भोग में प्याज, लहसुन, मांस-मछली और शराब का उपयोग न करें।
7- सकारात्मक माहौल: घर में शांति और सकारात्मक माहौल बनाए रखें। बहस, झगड़े और नकारात्मक बातों से बचें।
8- परिवार के साथ समय बिताएं: यह त्योहार परिवार और दोस्तों के साथ मिलकर मनाने का है। भजन-कीर्तन में भाग लें और प्रसाद बांटें।
9- सही विसर्जन का पालन करें: विसर्जन से पहले अंतिम आरती और पूजा करें। विसर्जन के लिए प्राकृतिक जल स्रोतों के बजाय कृत्रिम तालाबों या घरों पर ही पानी के टब का उपयोग करें।
क्या न करें
1- अकेला न छोड़ें: मूर्ति की स्थापना के बाद, उसे अकेला न छोड़ें। घर में कम से कम एक व्यक्ति की उपस्थिति सुनिश्चित करें।
2- चंद्रमा को देखने से बचें: गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा को देखने से बचना चाहिए, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इससे झूठे आरोप लग सकते हैं।
3- बासी भोग न चढ़ाएं: गणेश जी को हमेशा ताजा भोग लगाएं। बासी फूल या भोजन का उपयोग न करें।
4- मांस-मदिरा का सेवन न करें: इन 10 दिनों में मांसाहारी भोजन और शराब का सेवन पूरी तरह से त्याग दें।
5- आलस्य और तामसिकता: आलस्य न करें। इन दिनों में सात्विक और भक्तिमय जीवनशैली अपनाएं।
6- शोर-शराबा: पूजा के दौरान बेवजह का शोर और तेज संगीत बजाने से बचें। भक्तिमय भजन या आरती बजाना शुभ है।
7- मूर्ति की संख्या: घर में एक से अधिक गणेश जी की मूर्ति न रखें, क्योंकि इससे ऊर्जा का संतुलन बिगड़ सकता है।
8- विसर्जन के बाद पीछे मुड़कर न देखें: गणेश विसर्जन के बाद पीछे मुड़कर न देखें। यह गणेश जी को विदाई देने का एक नियम है।
इन नियमों का पालन करके आप गणेश चतुर्थी से अनंत चतुर्दशी तक भगवान गणेश का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं और त्योहार का पूरा आध्यात्मिक लाभ उठा सकते हैं।
(डिस्क्लेमर: मौजूद आर्टिकल में दी गई जानकारी सामान्य ज्ञान पर आधारित है। लोकमत हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है, कृपया सटीक जानकारी के लिए किसी विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।)