लाइव न्यूज़ :

Durga Ashtami 2020: दुर्गा अष्टमी की पूजा कब करें? व्रत, विधि, पूजन सामग्री के बारे में जानें सबकुछ

By गुणातीत ओझा | Updated: October 24, 2020 11:39 IST

पूरा देश इस समय नवरात्रि के चलते भक्तिमय हुआ है। आज 24 अक्टूबर को नवरात्रि का आठवां दिन यानि अष्टमी है। नौ दिन तक व्रत न रख पाने वाले लोग अष्टमी के दिन मां दुर्गा का आशीष प्राप्‍त करने के लिए व्रत रखते हैं।

Open in App
ठळक मुद्देआज 24 अक्टूबर को नवरात्रि का आठवां दिन यानि अष्टमी है। नौ दिन तक व्रत न रख पाने वाले लोग अष्टमी के दिन मां दुर्गा का आशीष प्राप्‍त करने के लिए व्रत रखते हैं।

Durga Ashtami 2020: पूरा देश इस समय नवरात्रि के चलते भक्तिमय हुआ है। आज 24 अक्टूबर को नवरात्रि का आठवां दिन यानि अष्टमी है। नौ दिन तक व्रत न रख पाने वाले लोग अष्टमी के दिन मां दुर्गा का आशीष प्राप्‍त करने के लिए व्रत रखते हैं। भक्‍तों की पूजा-अर्चना से प्रसन्न होकर मां उन्हें आशीर्वाद देती हैं। नवरात्र में देवी की उपासना करने से भक्‍तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं। शारदीय नवरात्र की अष्‍टमी-नवमी तिथि को ही व्रत का पारण किया जाता है। इस बार अष्‍टमी के दिन मां महागौरी की पूजा 24 अक्‍टूबर दिन शनिवार को यानि आज की जाएगी।

महा अष्टमी कब है (Navratri 2020 Ashtami Puja)अष्टमी और नवमी एक ही दिन होने के बावजूद भी देवी मां की अराधना के लिए भक्तों को पूरे नौ दिन मिलेंगे। इस साल अष्टमी तिथि का प्रारंभ 23 अक्टूबर (शुक्रवार) को सुबह 06 बजकर 57 मिनट से हो रहा है, जो कि अगले दिन 24 अक्टूबर (शनिवार) को सुबह 06 बजकर 58 मिनट तक रहेगी। जो लोग पहला और आखिरी नवरात्रि व्रत रखते हैं, उन्हें अष्टमी व्रत 24 अक्टूबर को रखना चाहिए। 24 अक्टूबर को अष्टमी व्रत रखना उत्तम है। इस दिन महागौरी की पूजा का विधान है।

पूजन विधिमहाष्टमी के दिन सुबह स्नान करने के बाद व्यक्ति को देवी भगवती की पूरे विधि विधान से पूजा करनी चाहिए। माता की प्रतिमा अच्छे वस्त्रों से सुसज्जित रहनी चाहिए, प्रतिमा को सारे पारंपरिक हथियारों से लैस रहना चाहिए जैसे उनके सिर पर जो छत्र होता है उस पर एक चांदी या सोने की छतरी होनी चाहिए। यज्ञ करने के बाद व्रतियों को कन्या रूपी देवी को भोजन कराने की मान्यता है। इसके बाद उसे उपहार देना चाहिए। कंजक पूजन के बाद देवी भगवती का अपने परिवार के साथ ध्यान करें। मां भगवती से सुख-समृद्धि की कामना करें साथ ही ‘या देवी सर्वभूतेषु शांति रूपेण संस्थिता। नमस्‍तस्‍यै नमस्‍तस्‍यै नमस्‍तस्‍यै नमो नम:’ मंत्र का ग्‍यारह बार जाप करें।

निशा पूजाअष्टमी तिथि में ही रात में निशा पूजा करने का विधान है। इन नौ दिनों के दौरान भक्त मां को प्रसन्न करने और उनकी कृपा दृष्टि पाने के लिए व्रत करते हैं। नवरात्रि के नौ दिन तक व्रत किया जाता है।

हवन और कंजक पूजनअष्टमी तिथि को हवन होता है और नवमी वाले दिन कंजक पूजन के साथ नवरात्रि का समापन हो जाता है। फिर नवरात्रि के व्रत का पारण किया जाता है। वहीं महाअष्टमी का व्रत करने वाले श्रद्धालु उदयातिथि में अष्टमी को मानते हुए आज शनिवार को व्रत कर उपवास रखेंगे। महानिशा पूजा में साधक तंत्र व मंत्र सिद्धि प्राप्त करते हैं। साधकों के लिए महानिशा पूजन खास महत्व रखता है। महाअष्टमी का उपवास रखने से श्रद्धालु को माता गौरी की असीम कृपा प्राप्त होती है।

पूजन सामग्री की पूरी लिस्टलाल चुनरी, आम के पत्‍ते, लाल वस्त्र, मौली, श्रृंगार का सामान, दीपक, घी/ तेल, लंबी बत्ती के लिए रुई या बत्ती, धूप, अगरबत्ती, माचिस, चौकी, चौकी के लिए लाल कपड़ा, नारियल, दुर्गा सप्‍तशती किताब, कलश, साफ चावल, कुमकुम, फूल, फूलों का हार, चालीसा व आरती की किताब, देवी की प्रतिमा या फोटो, पान, सुपारी, लाल झंडा, लौंग, इलायची, बताशे या मिसरी, कपूर, उपले, फल-मिठाई, कलावा, मेवे की खरीदारी जरूर कर लें।

देवी वन्दना मंत्रया देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता ।नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम: ।।

टॅग्स :नवरात्रिनवरात्री महत्वदुर्गा पूजामां दुर्गा
Open in App

संबंधित खबरें

भारतVIDEO: गोरखनाथ मंदिर में CM योगी ने कन्या पूजन किया, देखें वायरल वीडियो

बॉलीवुड चुस्कीVIDEO: शिल्पा शेट्टी ने पति राज कुंद्रा के साथ कन्या पूजन किया, देखें वीडियो

ज़रा हटकेVIDEO: दुर्गा पंडाल में नीले ड्रम में पति का शव!, चर्चित हत्याकांड को दर्शाया गया, देखें वीडियो

पूजा पाठनवरात्रि: उपनिषद में वर्णित है देवी का ब्रह्मरूप, ‘प्रज्ञान  ब्रह्मं’ ‘अहम् ब्रह्मास्मि’ की गूंज

पूजा पाठShardiya Navratri 2025: नवरात्रि के बाद कलश, चावल और नारियल का ऐसे करें इस्तेमाल, जानें क्या है नियम

पूजा पाठ अधिक खबरें

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 06 December 2025: आज आर्थिक पक्ष मजबूत, धन कमाने के खुलेंगे नए रास्ते, पढ़ें दैनिक राशिफल

पूजा पाठPanchang 06 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 05 December 2025: आज 4 राशिवालों पर किस्मत मेहरबान, हर काम में मिलेगी कामयाबी

पूजा पाठPanchang 05 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

पूजा पाठPanchang 04 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय