छोटी दिवाली 2018: यहां जानें दिवाली, नरक चतुर्दशी, गोवर्धन पूजा, भाई दूज का क्या है महत्व, और पूजा-विधि
By गुलनीत कौर | Updated: November 6, 2018 11:03 IST2018-10-23T08:07:01+5:302018-11-06T11:03:24+5:30
Dhanteras, Narak Chaturdashi, Choti Diwali, Diwali, Govardhan Puja, Bhai Dooj date 2018, significance, importance: हिन्दू धर्म में धनतेरस से लेकर भाई दूज तक, कुल 6 त्यौहार मनाए जाते हैं।

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हिन्दू धर्म में अक्टूबर से लेकर नवंबर तक त्यौहारों का मेला लगा रहता है। श्राद्ध पक्ष के खत्म होते ही सबसे पहले शारदीय नवरात्रि, फिर दशहरा और उसके कुछ दिनों के बाद धनतेरस, दिवाली, भाई दूज जैसे अनेकों पर्व आते हैं। इनमें से कई पर्व हिन्दुओं के अलावा जैन धर्म और सिख समुदाय के लोगों द्वारा भी मनाए जाते हैं। आइए जानते हैं सभी पर्वों की इस साल की तारीख और इन्हें मनाने का महत्व।
धनतेरस
हिन्दू धर्म में दीपावली से दो दिन पहले धनतेरस का त्यौहार मनाया जाता है। इसे भगवान धन्वन्तरि के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व हिन्दू कैलेंडर के अनुसार हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को पड़ता है।
हिन्दू धर्म के अलावा जैन धर्म के लोग इस पर्व को 'ध्यान तेरस' के रूप में मनाते हैं। कहते हैं कि इस दिन भगवान महावीर तीसरे और चौथे ध्यान में जाने के लिए योग निरोध के लिए चले गए थे। इस दिन को भगवान कुबेर और धन की देवी मां लक्ष्मी की अराधना से भी जोड़ा जाता है। इनकी पूजा कर धनवान बनाने के लिए प्रार्थना की जाती है। इस साल धनतेरस 5 नवंबर, 2018, दिन सोमवार को है।
नर्क चतुर्दशी (छोटी दिवाली)
नर्क चतुर्दशी या फिर नरक चौदस, यह पर्व दीपावली से ठीक एक दिन पहले आता है। इसदिन नरक से मुक्ति पाने के लिए यमराज की पूजा की जाती है। शाम होने पर लोग अपने घरों में दीपदान करते हैं।
ये दीप नर्क के राजा यमराज के लिए जलाए जाते हैं। ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि यमराज प्रसन्न हो जाएं, पापों को क्षमा कर दें और नरक की यातनाओं से मुक्ति दिला दें। नर्क चतुर्दशी से एक दिन पहले धनतेरस, इससे अगले दिन दीपावली और फिर उससे अगले दिन भाई दूज का पर्व मनाया जाता है। इस साल नर्क चतुर्दशी यानी छोटी दिवाली 6 नवंबर, 2018, दिन मंगलवार को है।
दिवाली
दीपावली या दिवाली उत्तर भारत में मनाया जाने वाला हिन्दू पर्व है। हिन्दू यह पर्व हर साल शरद ऋतु में आता है। यह पर्व हिन्दुओं के अलावा सिख, बौद्ध तथा जैन धर्म के लोग भी मनाते हैं। हिन्दुओं में दीपावली का पर्व भगवान राम के माता सीता और लक्ष्मण के साथ 14 वर्षों का वनवास व्यतीत करने के बाद लौटने की खुशी में मनाया जाता है।
जैन धर्म के लोग इसे महावीर के मोक्ष दिवस के रूप में मनाते हैं। सिखों द्वारा यह त्यौहार 'बन्दी छोड़ दिवस' के रूप में मनाया जाता है। ग्रेगोरियन कैलेंडर के मुताबिक दीपावली का पर्व हर साल अक्टूबर या नवंबर के महीने में पड़ता है। दीवाली का त्यौहार इस साल 7 नवम्बर, 2018, दिन बुधवार को है।
गोवर्धन पूजा, विश्वकर्मा पूजा
दिवाली से ठीक अगले दिन गोवर्धन पूजा और विश्वकर्मा पूजा दोनों ही मनाई जाती है। गोवर्धन पूजा को अन्नकूट के नाम से भी जाना जाता है। यह त्यौहार गोवर्धन पर्वत का धन्यवाद करने के लिए मनाया जाता है। इसके लिए पारंपरिक तारीके से पूजा की जाती है।
गोवर्धन पूजा के अलावा इसी दिन उत्तर भारत के कुछ क्षेत्रों में भगवान विश्वकर्मा की पूजा भी की जाती है। पूरे दिन औजारों, मशीनों का इस्तेमाल निषेध माना जाता है। ये दोनों पर्व इस साल 8 नवंबर, 2018, दिन गुरूवार को मनाए जाएंगे।
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भाई दूज
जैसा कि नाम से ही समझ में आता है, यह त्यौहार भाई और बहन के प्रेम को मनाने के लिए मनाया जाता है। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार भाई दूद्ज कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाते हैं, जो कि दिवाली से ठीक दो दिन बाद आती है। इस दिन बहने अपने भाई को तिलक लगाती हैं और उसकी लंबी उम्र के लिए कामना करती हैं। इस साल भाई दूज का पर्व 9 नवंबर, 2018, दिन शुक्रवार को है।



