Dev Uthani Ekadashi Vrat Paran: देवउठनी एकादशी व्रत पारण में इन 5 बातों का रखें ध्यान वरना खंडित हो जाएगा उपवास
By मेघना वर्मा | Updated: November 9, 2019 07:06 IST2019-11-09T07:06:02+5:302019-11-09T07:06:02+5:30
देवउठनी एकादशी व्रत के पारण में कुछ चीजों का ध्यान देना जरूरी है। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु अपनी चार माह की नींद से जागते हैं। साथ ही देव उठनी एकादशी के दिन से ही सारे शुभ काम फिर से शुरू हो जाते हैं।

Dev Uthani Ekadashi Vrat Paran: देवउठनी एकादशी व्रत पारण में इन 5 बातों का रखें ध्यान वरना खंडित हो जाएगा उपवास
देशभर में देवउठनी एकादशी को धूम-धाम से मनाया गया है। हिन्दू धर्म में भगवान विष्णु को पूजने के लिए एकादशी का दिन बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन लोग पूरे विधि-विधान से विष्णु जी की पूजा की जाती है। इस साल 8 नवंबर को देवउठनी एकादशी मनाई गयी है। वहीं 9 नवंबर को इसका पारण किया जाएगा।
जिस तरह किसी भी व्रत को पूरे नियम पूर्वक रखना जरूरी है। उसी तरह किसी भी व्रत का पारण भी नियम के अनुसार करना जरूरी है। खासकर देवउठनी एकादशी व्रत के पारण में कुछ चीजों का ध्यान देना जरूरी है। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु अपनी चार माह की नींद से जागते हैं। साथ ही देव उठनी एकादशी के दिन से ही सारे शुभ काम फिर से शुरू हो जाते हैं।
आइए आपको बताते हैं देवउठनी एकादशी के व्रत का पराण करते समय किन जरूरी बातों का ध्यान देना जरूरी है-
1. करें तुलसी का प्रयोग
भगवान विष्णु को तुलसी बहुत प्रिय होता है। इसीलिए भगवान विष्णु के देवउठनी एकादशी के बाद पारण करते समय तुलसा का इस्तेमाल जरूर करें। सिर्फ अध्यात्मक रूप से ही नहीं स्वास्थ्य के रुप से भी तुलसी का बेहद महत्व है।
2. आंवला भी अनमोल
आंवले के पेड़ पर विष्णु भगवान का निवास होता है। इस कारण हिन्दू धर्म में आवंले को अलग महत्व दिया गया है। देवोत्थान एकादशी के पारण के समय आप आवंले का प्रयोग भी कर सकते हैं।
3. चावल खाकर करें पारण
देवोत्थान एकादशी का पारण आप चावल खाकर भी कर सकते हैं। एकादशी के दिन चावल खाने की मनाही होती है। मगर इसके बाद जब आप पारण करें तो चावल खाकर इसका पारण कर सकते हैं।
4. सेम के कई गुण
इस सीजन सेम की फलियां खाना बेहद अच्छा माना जाता है। इसके अपने ही गुण होते हैं। आप इस देवोत्थान एकादशी के पारण सेम की फलियों से कर सकते हैं।
5. ना करें प्याज-लहसुन का उपयोग
भूलकर भी देवोत्थान एकादशी के पारण को प्याज-लहसुन वाले खाद्य पद्वार्थ से ना करें। इसके साथ ही बैंगन, मूली, साग और मसूर की दाल

