23 सितंबर को राहु-केतु के राशि परिवर्तन से कोरोना का असर होगा कम, जानें आपके जीवन पर क्या पड़ेगा प्रभाव

By गुणातीत ओझा | Published: September 21, 2020 02:19 PM2020-09-21T14:19:54+5:302020-09-21T14:19:54+5:30

राहु और केतु कोई भौतिक ग्रह नहीं हैं। इन्हें छाया ग्रह माना जाता है। ये सूर्य और चन्द्रमा के परिक्रमा मार्ग के कटान से उत्पन्न हुए हैं। राहु स्वतंत्र रूप से शनि का प्रभाव रखता है। जबकि स्वतंत्र रूप से केतु मंगल का प्रभाव रखता है।

Corona will be affected by Rahu-Ketu's zodiac change on 23 September, know what will be the effect on your life | 23 सितंबर को राहु-केतु के राशि परिवर्तन से कोरोना का असर होगा कम, जानें आपके जीवन पर क्या पड़ेगा प्रभाव

23 सितंबर को राहु-केतु की बदलेगी चाल, जानें क्या होगा असर।

Highlightsराहु और केतु कोई भौतिक ग्रह नहीं हैं। इन्हें छाया ग्रह माना जाता है।राहु स्वतंत्र रूप से शनि का प्रभाव रखता है। जबकि स्वतंत्र रूप से केतु मंगल का प्रभाव रखता है।

राहु और केतु कोई भौतिक ग्रह नहीं हैं। इन्हें छाया ग्रह माना जाता है। ये सूर्य और चन्द्रमा के परिक्रमा मार्ग के कटान से उत्पन्न हुए हैं। राहु स्वतंत्र रूप से शनि का प्रभाव रखता है। जबकि स्वतंत्र रूप से केतु मंगल का प्रभाव रखता है। राहु किसी ग्रह के प्रभाव को कम कर सकता है। केतु किसी ग्रह के प्रभाव को काफी बढ़ा सकता है। पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि  राहु ग्रह 23 सितंबर को सुबह 5:28 मिथुन राशि से वृष राशि में गोचर करेगा। यहां 12 अप्रैल 2022 तक स्थित रहेगा।

साल की बड़ी ज्योतिषीय घटना

राहु का यह राशि परिवर्तन इस साल की सबसे बड़ी ज्योतिषीय घटनाओं में से एक होगी। इसी प्रकार, केतु का गोचर 23 सितंबर को ही सुबह 7:38 बजे धनु राशि से वृश्चिक राशि में होगा। यहां 12 अप्रैल 2022 सुबह 8:44 बजे तक रहेगा। इन दोनों ग्रहों के गोचर से राशि जातकों के साथ ही राज और प्रशासन पर असर देखने को मिलेगा। मेष, कर्क, सिंह, वृश्चिक राशि वालों के लिए लाभदायी रहेगा। वहीं अन्य राशियों के लिए प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है। इसका कई राशियों पर शुभ और अशुभ दोनों तरह का प्रभाव पड़ेगा। इसे मंगल का छाया ग्रह माना जाता है।

जानें राहु और केतु कैसे डालते हैं आप पर प्रभाव

राहु इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार के क्षेत्र में सफलता देता है। राहु अभिनय और राजनीति के क्षेत्र में भी सफलता देता है। राहु आकस्मिक रूप से ऊंचाइयां भी देता है। केतु अनुसंधान और रहस्य के क्षेत्र में सफलता देता है। यह व्यक्ति को साहसी भी बनाता है। केतु का शुभ प्रभाव व्यक्ति को अध्यात्मिक सफलता भी देता है। यह व्यक्ति को धार्मिक स्थलों की यात्रा भी करवाता है।

राहु-केतु का अशुभ प्रभाव क्या है?

राहु जीवन में आकस्मिक समस्याएं पैदा करता है। यह व्यक्ति के जीवन और आदतों को दूषित कर देता है। इसके कारण व्यक्ति मलिन और धूर्त हो जाता है। राहु अज्ञात भय, अज्ञात रोग और आत्महत्या की तरफ भी ले जाता है। केतु रोग की संभावना को काफी बढ़ा देता है। यह गंभीर विकार या किडनी के रोग और त्वचा की विचित्र समस्यायें देता है।  यह कभी कभी व्यक्ति को तंत्र मंत्र के गलत रास्ते पर भी ले जाता है। ज्योतिषशास्त्र में राहु-केतु को छाया ग्रह माना गया है। राहु-केतु अगर बिगड़ जाएं तो जिंदगी को नरक बना देते हैं और अगर देने पर आएं तो गरीब को भी राजा बना देते हैं। इसलिए इन दोनों का राशि परिवर्तन कई लोगों के लिए राहत लेकर आएगा तो कुछ राशियों कों परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। 

कोरोना का असर  होगा कम

ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि अंक ज्योतिष के अनुसार 2020 का मूलांक 4 आता है। इसके राशि स्वामी राहू है। राहू का असर कोरोना वायरस से भी जुड़ा दिख रहा है। राहु के राशि परिवर्तन से कोरोना का असर न्यूनतम स्थिति में आने की संभावना है। राहु के राशि परिवर्तन से अचानक लाभ, अचानक कष्ट या नुकसान देखने को मिल सकता है। प्रदेश व देश के विकास में सहायक होगा तो सत्ता पक्ष में बेचैनी बढ़ाएगा। राहु में जहां शनि के गुण होते हैं तो केतु में मंगल के गुण है।

Web Title: Corona will be affected by Rahu-Ketu's zodiac change on 23 September, know what will be the effect on your life

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