हिन्दू धर्म के सबसे पवित्र त्योहार दिवाली का त्योहार 7 नवंबर को मनाया जाएगा। दिवाली से एक दिन पहले पूरे भारत में छोटी दिवाली या नरक चतुर्दशी के रूप में मनाया जाता है। कार्तिक मास में मनाई जाने वाली छोटी दिवाली पर भी लोग अपने घरों में दीया जलाते हैं। रोशनी के इस पर्व पर लोग विधी-विधान से पूजा करते हैं। छोटी दिवाली वाले दिन ही लोग अकाल मृत्यु से बचने और किसी भी संकट से बचने के लिए यमराज की पूजा भी करते हैं। आइए आपको बताते हैं क्या है छोटी दिवाली का शुभ मुहूर्त और पूजा मंत्र।
छोटी दिवाली शुभ मुहूर्त
छोटी दिवाली वाले दिन भी सही समय और शुभ मुहूर्त में पूजा करना सही माना जाता है। छोटी दिवाली वाले दिन पूजा से पहले स्नान का शुभ मुहूर्त सुबह 4 बजकर 30 मिनट से लेकर 6 बजकर 27 मिनट तक होगा वहीं पूजा करने की अवधि 1 घंटे 57 मिनट की होगी। शाम को दीया जलाने का कोई शुभ मुहूर्त नहीं बस ध्यान में रखें दीया सूर्य अस्त होने के बाद ही जलाएं।
छोटी दिवाली शाम को जलाएं 5 दीया
छोटी दिवाली के दिन या नरक चतुर्दशी के दिन सुबह उठकर तेल से खुद की मालिश करनी चाहिए। इसके बाद स्नान करना चाहिए। स्नान के बाद अपामार्ग की टहनियों को सिर से 7 बार घुमाना चाहिए। इन सभी क्रियाओं के बाद पानी में तेल डाल कर यमराज को तर्पण दिया जाता है। मान्यता है कि छोटी दिवाली की शाम घर में 5 दीया जलाया जाना चाहिए। इसे घर के चार कोनों में जलाना चाहिए। पांचवे दीए को कूड़ें या नाली की तरफ मुंह करके रखना चाहिए।
छोटी दिवाली मंत्र
छोटी दिवाली वाले दिन मां लक्ष्मी और गणेश की पूजा होती है। इस दिन यमराज की भी अराधना की जाती है। आप इस मंत्र से अपनी पूजा पूरी कर सकते हैं।
यमय धर्मराजाय मृत्वे चान्तकाय च।वेवस्वताय कालाय सर्वभूत चायाय च।।
इस मंत्र का जाप करके आप भगवान की कृपा पा सकते हैं।
नरक यातनाओं से मिलती है मुक्ति
माना जाता है कि छोटी दिवाली पर यम की पूजा करने से यम की यातनाओं से मुक्ति मिलती है। मान्यता है कि इस दिन यम अगर प्रसन्न हो गए तो सभी पापों से क्षमा कर देते हैं और नरक यातनाओं से भी मुक्ति मिलती है। इस दिन हनुमान जी की भी पूजा करने का विधान है। इस दिन हनुमान की जयंती भी होती है।