Chhath Puja 2019: छठ पूजा में रखें इन 10 नियमों का ध्यान, तीसरे वाले का विशेष रखें ध्यान

By मेघना वर्मा | Updated: October 30, 2019 10:19 IST2019-10-30T09:39:16+5:302019-10-30T10:19:45+5:30

Chhath Vrat Ke Niyam: छठ का पर्व आस्था का पर्व है, जिसमें सूर्य देवता और छठी मैया की उपासना की जाती है। छठ में सबसे पहले नहाया खाय, फिर खरना और इसके बाद तीसरे दिन ढलते सूरज को अर्घ्य दिया जाता है।

Chhath Puja 2019: chhath vrat ke niyam, keep these things in mind when do a chhath puja | Chhath Puja 2019: छठ पूजा में रखें इन 10 नियमों का ध्यान, तीसरे वाले का विशेष रखें ध्यान

Chhath Puja 2019: छठ पूजा में रखें इन 10 नियमों का ध्यान, तीसरे वाले का विशेष रखें ध्यान

Highlightsइस साल छठ पूजा 31 अक्टूबर से शुरू हो जाएगी।सिंदूर को हिन्दू मान्यताओं में सुहाग की निशानी माना गया है।

देश भर में छठ पर्व की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। विशेषकर बिहार और उत्तर प्रदेश में छठ के इस व्रत को काफी धूमधाम से मनाया जाता है। इस साल छठ का ये पर्व 31 अक्टूबर को शुरू हो जाएगा। सिर्फ उत्तर भारत और बिहार के में ही नहीं बल्कि मुंबई और कलकत्ता जैसे शहरों में भी छठ का ये त्योहार मनाई जाएगी। चार दिनों तक चलने वाला छठ पर्व सबसे कठिन व्रतों में से एक माना जाता है। 

छठ के इस व्रत में भगवान सूर्य और छठी मईया की पूजा की जाती है। छठ को सुहाग की रक्षा के लिए भी महिलाएं रहती हैं। इस व्रत में महिलाएं पूजा के समय नाक से लेकर मांग तक का लंबा सा सिंदूर लगाती हैं। नहाय-खाय से शुरू होने वाले इस व्रत में खरना और सूर्य को अर्घ्य देने के बाद ही ये व्रत खत्म होता है। छठ ही एक ऐसा पर्व है जिसमें ढलते सूरज को अर्घ्य दिया जाता है। 

छठ का पर्व आस्था का पर्व है, जिसमें सूर्य देवता और छठी मैया की उपासना की जाती है। छठ में सबसे पहले नहाया खाय, फिर खरना और इसके बाद तीसरे दिन ढलते सूरज को अर्घ्य दिया जाता है। सूर्य देव के इस व्रत की काफी मान्यता है। छठ पर्व में लगातार 2 दिन का निर्जला उपवास किया जाता है। इस उपवास के कई सारे नियम है जिनका पालन करना अति आवश्यक माना जाता है। 

छठ पर्व एक ऐसा पर्व है जिसमें व्रत और पूजा, दोनों को बेहद महत्व दिया जाता है। सूर्य की उपासना के साथ छठी मैया को प्रसन्न करने के लिए हर बात का ख्याल रखा जाता है। इस दौरान जो लोग व्रत करते हैं उन्हें तो व्रत संबंधी कठिन नियमों का पालन करना ही होता है, साथ ही घर-परिवार के अन्य सदस्यों को भी कई बातों का ध्यान रखना पड़ता है।

छठ पूजा में रखें इन नियमों का ध्यान

1. छठ पर्व में नहाय खाय के बाद से घर में मांस, मदिरा का सेवन और ऐसी चेजेओं को घर में लाना भी अपशकुन माना जाता है।
2. घर का कोई भी सदस्य शराब या नशीले पदार्थों जैसे कि सिगरेट, बीढ़ी आदि का सेवन ना करे अन्यथा छठ की पूजा का फल कभी नहीं मिलेगा।
3. इस दौरान घर में केवल सात्विक भोजन ही बनाएं। लहसुन-प्याज का भी परहेज करें।


4. घर में जिस जगह पूजा का प्रसाद बने उस जगह स्वयं भोजन करने ना बैठें।
5. छठ पर्व के तीन दिनों तक पूर्ण ब्रह्मचर्य का पालन करें।
6. किसी के बारे में गलत सोच ना रखें, किसी पर भी करोड़ करने से बचें।
7. किसी की निंदा करने से बचें, गलत विचारों पर संयम रखें।
8. व्रत के तीन दिनों तक कोशिश करें कि रात में जमीन पर सोएं। बिस्तर का इस्तेमाल ना करें।


9. इन तीन दिनों साफ-सुथरे और संभव हो तो नए वस्त्र धारण करें।
10. सूर्य को अर्घ्य देते समय लोहे, स्टील या प्लास्टिक के पात्र का इस्तेमाल करना वर्जित है।

छठ पूजा में क्यों लगाते हैं लम्बा-पीला सिंदूर

सिंदूर को हिन्दू मान्यताओं में सुहाग की निशानी माना गया है। विवाहित महिलाओं के लिए सिंदूर को सबसे बड़ा श्रृंगार बताया गया है। छठ पर्व पर भी महिलाएं सिंदूर को अपने नाक से लेकर मांग तक भरती हैं। एक मान्यता के अनुसार ये कहा जाता है कि जितना लंबा सिंदूर होगा, पति की उम्र और उनकी तरक्की उतनी ही लम्बी होगी। चूंकी छठ का पर्व छठी मैया से वरदान पाने का होता है तो इस दिन महिलाएं अपने सुहाग के लिए तरक्की और सफलता के लिए प्रार्थना करती हैं। 

English summary :
Lord Surya and Chhathi Maiya worshiped in this fast of Chhath. Married women fast on Chhath to protect Suhag. In this fast, women apply a long vermilion from nose to forehead at the time of worship. This fast starting with Nahay-Khay.


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