Chandra Grahan 2020: जून की इस तारीख को लगने जा रहा है चंद्रग्रहण, भगवान विष्णु से जुड़ी है इसकी कथा-पढ़ें यहां

By मेघना वर्मा | Updated: May 10, 2020 13:11 IST2020-05-10T13:11:24+5:302020-05-10T13:11:24+5:30

ग्रहण का हमारे जीवन पर काफी प्रभाव पड़ता है। साल में पड़ने वाले ग्रहण की बात करें तो ये ग्रहण भारत समेत यूरोप, अफ्रीका, एशिया और ऑस्ट्रेलिया में दिखाई देगा।

chandra grahan, surya grahan 2020 lunar eclispe solar eclispe know the date and time and its story | Chandra Grahan 2020: जून की इस तारीख को लगने जा रहा है चंद्रग्रहण, भगवान विष्णु से जुड़ी है इसकी कथा-पढ़ें यहां

Chandra Grahan 2020: जून की इस तारीख को लगने जा रहा है चंद्रग्रहण, भगवान विष्णु से जुड़ी है इसकी कथा-पढ़ें यहां

Highlightsचंद्रग्रहण के पीछे राहु-केतु होते हैं। यह एक उपच्छाया चंद्र ग्रहण होगा।

हिन्दू धर्म में ग्रहण को शुभ नहीं माना जाता है। ग्रहों की चाल और राशि बदलने का असर क्या पड़ेगा इस बात को भी देखा जाता है। साल 2020 ग्रहण की दृष्टी से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। हर साल की तरह इस साल भी सूर्य और चन्द्र ग्रहण लगने वाले हैं। खास बात ये है कि इस साल एक ही महीने में दो ग्रहण लगेंगे।

माना जाता है कि ग्रहण का हमारे जीवन पर काफी प्रभाव पड़ता है। साल में पड़ने वाले ग्रहण की बात करें तो ये ग्रहण भारत समेत यूरोप, अफ्रीका, एशिया और ऑस्ट्रेलिया में दिखाई देगा। आइए आपको बताते हैं इस साल ग्रहण कब-कब लग रहा है और क्या होगा इसका असर-

जून महीने लग रहा है दो ग्रहण

इस साल 5 जून को पहला ग्रहण लगेगा। वहीं दूसरा ग्रहण जून की ही 21 तारीख को लग रहा है। ये सूर्य ग्रहण होगा। दोनों ही ग्रहण भारत में समेत दक्षिण पूर्व यूरोप और एशिया में दिखाई देंगे। इस साल कुल 6 ग्रहण लगने वाले हैं। जिसमें से पहला ग्रहण 10 जनवरी को लग चुका है। 

क्या है ग्रहण की कहानी

चंद्रग्रहण के पीछे राहु-केतु होते हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार समुद्र मंथन के समय देवताओं और दानवों में अमृत पाने को लेकर युद्ध चल रहा था। इसी दौरान भगवान विष्णु ने मोहिनी का अवतार लिया और सभी को अमृत बराबर बांटने के लिए राजी कर लिया। 

जब मोहिनी का रूप लिए भगवान विष्णु अमृत को लेकर देवताओं के पास पहुंचे और उन्हें पिलाने लगे तो राहु नामक असुर भी देवताओं के बीच जाकर बैठ गया। जिससे अमृत उसे भी मिल जाए। जैसे ही वो अमृत पीकर हटा, भगवान सूर्य और चंद्रमा को इस बाकी भनक हो गई कि वह असुर है। 

इस छल की बात उन्होंने भगवान विष्णु को बता दी। विष्णु जी ने अपने सुदर्शन चक्र से उसकी गर्दन धड़ से अलग कर दी। क्योंकि वो अमृत पी चुका था इसीलिए वह मरा नहीं। उसका सिर और धड़ राहु और केतु नाम से जाना गया।माना जाता है कि इसी घटना के कारण राहु केतु सूर्य और चंद्रमा को ग्रहण लगाते हैं।

क्या होगा ग्रहण का समय

5 जून को लगने वाला चंद्र ग्रहम रात 11 बजकर 15 मिनट से शुरू होगा जो 6 तारीख को 2 बजकर 34 मिनट तक रहेगा। यह एक उपच्छाया चंद्र ग्रहण होगा। ज्योतिष के अनुसार इसका कोई सूतक काल मान्य नहीं होगा। इस ग्रहण को हम अपनी नंगी आंखों से देख नहीं पाएंगे।

Web Title: chandra grahan, surya grahan 2020 lunar eclispe solar eclispe know the date and time and its story

पूजा पाठ से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे