Chaitra Purnima 2025 Date: 12 या 13 अप्रैल, कब है चैत्र पूर्णिमा? नोट करें सही डेट और टाइम
By रुस्तम राणा | Updated: April 10, 2025 15:36 IST2025-04-10T15:36:18+5:302025-04-10T15:36:18+5:30
चैत्र पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करने से धन लाभ के योग बनते हैं। साथ ही जीवन में किसी भी समस्या का सामना नहीं करना पड़ता है।

Chaitra Purnima 2025 Date: 12 या 13 अप्रैल, कब है चैत्र पूर्णिमा? नोट करें सही डेट और टाइम
Chaitra Purnima 2025 Date: चैत्र मास में आने वाली पूर्णिमा तिथि को चैत्र पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, चैत्र पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करने से धन लाभ के योग बनते हैं। साथ ही जीवन में किसी भी समस्या का सामना नहीं करना पड़ता है। इस दिन हनुमान जयंती मनाई जाती है। हालांकि इस बार चैत्र पूर्णिमा की तिथि को लेकर लोगों में भ्रम की स्थिती है, जिसकी वजह से हर कोई जानना चाहता है कि चैत्र पूर्णिमा की सही तिथि क्या है?
कब है चैत्र पूर्णिमा 2025?
द्रिक पंचांग के अनुसार, पूर्णिमा तिथि 12 अप्रैल को देर रात 03 बजकर 21 मिनट से शुरू होगी और अगले दिन यानी 13 अप्रैल को सुबह 05 बजकर 51 मिनट पर समाप्त होगी। सनातन धर्म में सूर्योदय का विशेष महत्व है। ऐसे में 12 अप्रैल को चैत्र पूर्णिमा का पर्व मनाया जाएगा। इसी दिन हनुमान जन्मोत्सव भी मनाया जाएगा।
चैत्र पूर्णिमा के दिन चंद्रोदय का समय
पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ - अप्रैल 12, 2025 को 03:21 ए एम बजे
पूर्णिमा तिथि समाप्त - अप्रैल 13, 2025 को 05:51 ए एम बजे
पूर्णिमा के दिन चन्द्रोदय - 06:18 पी एम
चैत्र पूर्णिमा के दिन करें ये काम
चैत्र पूर्णिमा के दिन तामसिक, मांसाहार भोजन एवं शराब आदि का सेवन नहीं करना चाहिए। बल्कि इस दिन संभव हो तो व्रत रखें, अथवा शुद्ध शाकाहारी भोजन करें।
इस दिन तन-मन से स्वयं को पवित्र रखना चाहिए। इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करें। किसी की बुराई न करें और न ही किसी से झगड़ा इत्यादि करें। इस दिन किसी ऐसे कार्य को न करें जिसे समाज में अनैतिक और अवैध माना जाता हो।
इस दिन पूजा-अर्चना करते समय महिलाओं को इस बात पर विशेष ध्यान देना चाहिए कि महिलाएं पूजा के दौरान गलती से भी बजरंगबली की मूर्ति को स्पर्श न करें। ऐसे ही हनुमान जी की पूजन में कभी भी चरणामृत का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
चैत्र पूर्णिमा के दिन दान देने का भी अपना अलग महत्व होता है। इस दिन भगवान सत्यनारायण की पूजा की जाती है। बाद में लोग गरीब या जरूरतमंद व्यक्ति के साथ ब्राह्मण को दान देता है। माना जाता है कि इस दिन दान करने से उसका फल कई गुना बढ़ जाता है।