चैत्र नवरात्रि 2018: अलौकिक अनुभव कराती है देवी चंद्रघंटा, नवरात्रि के तीसरे दिन इस मंत्र से करें उन्हें प्रसन्न

By गुलनीत कौर | Updated: March 19, 2018 17:45 IST2018-03-19T17:45:47+5:302018-03-19T17:45:47+5:30

देवी चंद्रघंटा की अराधना करने वाले भक्त के चेहरे पर तेज होता है और उसे देख लोगों को शांति और सुख का अनुभव होता है। 

Chaitra Navratri: Maa Chandraghanta katha, puja vidhi, mantra and vrat benefits | चैत्र नवरात्रि 2018: अलौकिक अनुभव कराती है देवी चंद्रघंटा, नवरात्रि के तीसरे दिन इस मंत्र से करें उन्हें प्रसन्न

चैत्र नवरात्रि 2018: अलौकिक अनुभव कराती है देवी चंद्रघंटा, नवरात्रि के तीसरे दिन इस मंत्र से करें उन्हें प्रसन्न

हिन्दू धर्म में नवरात्रि पर्व के दौरान आदि शक्ति के नौ रूपों की पूजा की जाती है। प्रतिपदा तिथि से लेकर नवरात्रि पारण तक नवदुर्गा के नौ रूपों के नाम का व्रत किया जाता है और उनकी पूजा की जाती है। इस वर्ष चैत्र नवरात्रि 18 मार्च 2018 से प्रारंभ होंगे। व्रत का पारण 26 मार्च को किया जाएगा। व्रत के तीसरे दिन यानी 20 मार्च को शक्ति के तीसरे स्वरूप देवी चंद्रघंटा की अराधना की जाती है। आइए जानते हैं देवी से जुड़ी कुछ अनजानी बातें। 

मां चंद्रघंटा पूजा

पौराणिक ग्रंथों में मां चंद्रघंटा को अलौकिक शक्तियां दिलाने वाली देवी बताया गया है। देवी का रूप निराला है। देवी के सिर पर अर्धचंद्र है, इनके दस हाथ हैं, हाथों में शास्त्र विराजमान हैं और इनकी मुद्रा युद्ध में उद्यत रहने की होती है। देवी चंद्रघंटा का वाहन सिंह है। ऐसी मान्यता है कि देवी की साधना और भक्ति करने से अलौकिक वस्तुओं के दर्शन होते हैं और दिव्य सुगंधियों का अनुभव होता है।

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इस विधि से करें देवी को प्रसन्न

नवरात्रि के तीसरे दिन यदि आप मां चंद्रघंटा के नाम का व्रत और पूजन कर रहे हैं तो सुबह स्नानादि करके लाल रंग के आसन पर विराजमान होकर देवी की मूर्ति या तस्वीर के सामने बैठ जाएं। हाथ में स्फटिक की माला लें और इस मंत्र का कम से कम एक माला यानि 108 बार जाप करें: पिण्डज प्रवरारुढ़ा चण्डकोपास्त्र कैर्युता | प्रसादं तनुते मह्यं चंद्र घंष्टेति विश्रुता || नवरात्रि के तीसरे दिन स्वर्ण यानी गोल्डन रंग के वस्त्र धारण करें। ऐसे मान्यता है कि यह रंग देवी चंद्रघंटा को अत्यंत पसंद है।

देवी चंद्रघंटा के व्रत के लाभ

शास्त्रों के अनुसार मां चंद्रघंटा की उपासना करने से भक्त इस लोक से दूसरे लोक की वस्तुओं का अनुभव कर पाता है। उसका मन और मस्तिष्क पूर्ण रूप से खुद के वश में आ जाता है। वह अपने आसपास की वत्सुओं को सामान्य लोगों से अधिक गहराई से समझने लगता है। कहा जाता है कि देवी चंद्रघंटा की अराधना करने वाले भक्त के चेहरे पर तेज होता है और उसे देख लोगों को शांति और सुख का अनुभव होता है। 

Web Title: Chaitra Navratri: Maa Chandraghanta katha, puja vidhi, mantra and vrat benefits

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