बड़ी ज्योतिषीय घटनाः 3 नवंबर को बुद्ध होंगे तुला में मार्गी, व्यापार पकड़ेगा रफ्तार, बढ़ेंगे रोजगार के अवसर
By गुणातीत ओझा | Updated: November 2, 2020 08:06 IST2020-11-01T15:39:40+5:302020-11-02T08:06:21+5:30
बुद्धि ,बौद्धिकता ,विद्या, लेखन शक्ति , पत्रकारिता ,साहित्य आदि के कारक बुध ग्रह मंगलवार 3 नवंबर 2020 को तुला राशि मे मार्गी होंगे। यहां पर ही ये 27 नवंबर तक मार्गी रहकर चराचर जगत को प्रभावित करेंगे।

buddh rashi parivartan 3 november 2020
Rashi Parivartan November 2020: बुद्धि ,बौद्धिकता ,विद्या, लेखन शक्ति , पत्रकारिता ,साहित्य आदि के कारक बुध ग्रह मंगलवार 3 नवंबर 2020 को तुला राशि मे मार्गी होंगे। यहां पर ही ये 27 नवंबर तक मार्गी रहकर चराचर जगत को प्रभावित करेंगे। ज्योतिष शास्त्र में बुध देवताओं का संदेशवाहक है। बुध ग्रह ज्योतिष के मुताबिक राशि चक्र में मिथुन और कन्या राशि का स्वामी है। बुध सूर्य का निकटतम ग्रह है। पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि बुध ग्रह को बुद्धि का प्रदाता कहा गया है। बुध ग्रह के लक्षण की बात करें तो यह व्यक्ति में बुद्धि, विवेक, हाज़िरजवाबी और हास्य–विनोद का प्रतिनिधित्व करता है। यह एक शुभ ग्रह है लेकिन कुछ स्थितियों में बुध अशुभ ग्रह में बदल सकता है। बुध कम्युनिकेशन का ग्रह है।
यह व्यापार,वाणिज्य,कॉमर्स,व्यापार, खाते, बैंकिंग, मोबाइल, नेटवर्किंग, कंप्यूटर आदि से संबंधित क्षेत्रों का प्रतीक है। एक शक्तिशाली बुध आपके जीवन के उपर्युक्त क्षेत्रों में सफलता का प्रतीक है। ताकतवर बुध वाले लोग तेज दिमाग के होने की वजह से उनके सोचने की शक्ति अच्छी होती है। लेकिन, इनकी एक समस्या यह होती है कि ये चिंता और अनिश्चितता से प्रभावित होते हैं। बुध ग्रह के अधिदेवता भगवान विष्णु हैं। बुध व्यापार के देवता तथा व्यापारियों के रक्षक हैं। बुध चन्द्र और तारा के पुत्र है। बुध सौरमंडल के 8 ग्रहों में सबसे छोटा और सूर्य से निकटतम है। बुध के हाथों में तलवार, ढाल, गदा तथा वरमुद्रा धारण की हुई है।
बुध ग्रह के प्रभाव
ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि बुध एक दोहरी प्रकृति का ग्रह है। बुध ग्रह ज्योतिष में दो राशि चिह्न अर्थात् कन्या और मिथुन पर अपना नियंत्रण रखता है। हाथ, कान, फेफड़े, तंत्रिका तंत्र, त्वचा आदि शरीर के अंग बुध से प्रभावित हैं। बुध तर्क को दर्शाता है। वे लोग जिनकी कुंडली में बुध एक मजबूत स्थिति में होता है वे समझदार, तर्क–वितर्क में कुशल और एक बेहद अच्छी विश्लेषणात्मक क्षमता वाले होते हैं।
बुध के मार्गी होने से ये होंगे लाभ
बुध का वक्री और मार्गी होने का सबसे ज्यादा प्रभाव बिजनेस पर पड़ता है। वक्री बुध के समय में बिजनेस में मंदी रहती है। हानि उठाना पड़ती है और कर्ज लेकर बिजनेस चलाना पड़ता है। लेकिन बुध के मार्गी होते ही ये परेशानी दूर हो जाती है। बिजनेस में तरक्की होने लगती है। धन का आगमन सुचारू होने लगता है। बुध बुद्धि का प्रतीक है इसलिए यह ग्रह विद्यार्थियों के लिए महत्वपूर्ण है। बुध के वक्रत्वकाल में विद्यार्थियों का तनाव बढ़ जाता है। वे क्या करें क्या ना करें, पढ़ाई कैसे करें, कितनी करें इन सब बातों को लेकर बड़ा कंफ्यूजन रहता है। बुध के मार्गी होने पर विद्यार्थियों का मन पढ़ाई में लगने लगता है और वे फोकस्ड हो जाते हैं।
बुध है नपुंसक ग्रह
ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि बुध पुरुष ग्रह होने के बावजूद नपुंसक ग्रह कहलाता है। अर्थात यह जिस ग्रह के साथ बैठ जाए उसकी तरह व्यवहार करने लगता है। वक्री बुध यदि किसी खराब ग्रह के साथ बैठ गया और उसके खराब फल में वृद्धि हो जाती है, लेकिन यदि बुध मार्गी है तो उसका अशुभ प्रभाव उतना अधिक नहीं होगा। केवल एक ही ग्रह का अशुभ प्रभाव मिलेगा। बुध के मार्गी हो जाने से संयम और धैर्य में वृद्धि होगी। धन आगमन का मार्ग खुलेगा, क्योंकि बुध का संबंध पैसों से भी है। मार्गी बुध के प्रभाव से जातक के धन आगमन के मार्ग में आ रही बाधाएं दूर हो जाती है। वह जिस काम में हाथ डालता है, उसे सफलता मिलती है।
बुध के मार्गी होने का असर
बुध के मार्गी होने के कारण सभी राशियों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। धन आगमन का मार्ग खुलेगा और रुपए पैसों की आवक बढ़ेगी। व्यापारी गतिविधियां में सुधार होगा। कामकाज में तेजी आएगी। लोगों को बुद्धि की वजह से फायदा होगा। राजनीति में बुद्धिमान लोगों का वर्चस्व बढ़ेगा।सरकारी नौकरी करने वाले लोगों को फायदा होगा। धैर्य और संयम में वृद्धि होगी। रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।