Anant Chaturdashi 2019: जानें अनंत चतुर्दशी की कथा और शुभ मुहूर्त, लगातार 14 साल व्रत रखने से मिलता है विशेष फल

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 10, 2019 01:43 PM2019-09-10T13:43:06+5:302019-09-10T15:20:29+5:30

Anant Chaturdashi 2019 (अनंत चतुर्दशी कब है २०१९): अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा के बाद पुरुष दाएं जबकि स्त्रियां बाएं हाथ में 'अनंत धागा' धारण करती हैं। मान्यता है इस व्रत को लगातार 14 साल करने से विष्णु लोक की प्राप्ति होती है।

Anant Chaturdashi 2019 kab hai date, vrat katha and shubh muhurat | Anant Chaturdashi 2019: जानें अनंत चतुर्दशी की कथा और शुभ मुहूर्त, लगातार 14 साल व्रत रखने से मिलता है विशेष फल

अनंत चतुर्दशी व्रत इस बार 12 सितंबर को

Highlightsअनंत चतुर्दशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा का है विशेष महत्वमहाभारत काल में युधिष्ठिर ने भी युद्ध में जीत और भाग्य बदलने के लिए किया था अनंत चतुर्दशी व्रत

Anant Chaturdashi 2019: भगवान विष्णु को समर्पित अनंत चतुर्दशी का व्रत इस बार 12 सितंबर (गुरुवार) को पड़ रहा है। इसी दिन गणपति के विसर्जन के साथ ही गणेशोत्सव का भी समापन हो जाएगा। भगवान विष्णु को समर्पित यह व्रत हर साल भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को किया जाता है। इस बार अनंत चतुर्दशी के दिन गुरुवार होने से इस बार इस व्रत का और महत्व बढ़ गया है। 

अनंत चतुर्दशी के दिन श्रीहरि की पूजा के बाद पुरुष दाएं जबकि स्त्रियां बाएं हाथ में 'अनंत धागा' धारण करती हैं। मान्यता है कि लगातार 14 साल अनंत चतुर्दशी का व्रत करने से भक्तों के सभी कष्टों का निवारण हो जाता है। यही नहीं, ऐसा करने से साधक को विष्णु लोक की प्राप्ति होती है। अनंत चतुर्दशी के दिन साधक को दिन में केवल एक बार नमक रहित भोजन करना चाहिए।

Anant Chaturdashi 2019: अनंत चतुर्दशी की कथा

अनंत दरअसल राखी के समान ही एक खास रंग का धागा होता है जिनमें 14 गांठे होती हैं। इस व्रत को घर या मंदिर में ही किया जाता है। अनंत चतुर्दशी की कथा के अनुसार प्राचीन काल में सुमंत नाम के एक ऋषि थे। उसकी पत्नी का नाम दीक्षा था। दोनों की एक परम सुंदरी कन्या थी जिसका नाम सुशीला था। सुशीला जब थोड़ी बड़ी हुई तो उसकी माता दीक्षा की मृत्यु हो गई। पहली पत्नी के मरने के बाद सुमंत को अपने बच्चों के लालन-पालन की चिंता हुई इसलिए उन्होंने कर्कशा नाम की स्त्री से दूसरा विवाह कर लिया। 

कुछ वर्षों बाद सुशीला का विवाह उनके पिता ऋषि सुमंत ने कौण्डिन्य ऋषि के साथ कर दिया। कौण्डिन्य ऋषि भी निर्धन थे और उनका जीवन कष्टों से भरा हुआ था। किसी तरह समय व्यतीत हो रहा था। इसी दौरान सुशील ने एक दिन जंगलों में भटकते हुए देखा कि कुछ स्त्रियां किसी देवता की पूजा पर रही थीं। सुशीला ने जब इस बारे में पूछा तो उन्होंने अनंत व्रत के महत्व के बारे में बताया। सुशीला ने जब यह सुना तो उन्होंने इस व्रत का अनुष्ठान किया और चौदह गांठों वाला अनंत धागा बांध कर ऋषि कौण्डिन्य के पास आ गई। 

धीरे-धीरे सुशील और कौण्डिन्य के दिन फिरने लगे। एक दिन ऋषि कौण्डिन्य ने जब यह धागा देखा तो इस बारे में पूछा। सुशीला ने पूरी बात बताई। इससे कौण्डिन्य क्रोधित हो गये और सोचा कि उनकी मेहनत का श्रेय भला पूजा को क्यों जा रहा है। क्रोधित कौण्डिन्य ने इसके बाद वह धागा तोड़ दिया। इसके साथ ही एक दोनों के दिन एक बार फिर बदलने लगे और उनकी सारी संपत्ति नष्ट होती चली गई।

कौण्डिन्य ने जब इस बार में अपनी पत्नी से चर्चा की तो पत्नी ने कहा कि अनंत भगवान का अपमान करने से ऐसा हो रहा है। कौण्डिन्य को अपनी इस गलती का ऐहसास हुआ। इसके बाद उन्होंने 14 सालों तक कौण्डिन्य ने अनंत चतुर्दशी का व्रत किया। इससे हरि प्रसन्न हुए और धीरे-धीरे दोनों के दिन एक बार फिर बदलने लगे और वे सुखपूर्वक रहने लगे। मान्यता है कि महाभारत काल में भगवान श्रीकृष्ण की बात मानकर युधिष्ठिर ने भी अनंत व्रत किया जिसके प्रभाव से पांडव महाभारत के युद्ध में विजयी हुए और उनके दिन फिरे।

Anant Chaturdashi 2019: अनंत चतुर्दशी पर पूजा का शुभ मुहूर्त

अनंत चतुर्दशी की पूजा पूरे दिन कभी भी की जा सकती है। हालांकि, सुबह या दोपहर से पहले पूजा कर लेना बेहतर है। भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 12 सितंबर को सुबह 5.06 बजे से होगी और यह इसका समापन अगले दिन यानी 13 तारीख को सुबह 7.35 बजे होगा। व्रती इस दिन आटे से रोटियां या पूड़ी बनाते हैं, जिसका आधा वे ब्राह्मण को दान करते हैं और शेष स्वयं ग्रहण करते हैं।

English summary :
Anant Chaturdashi 2019: The fast of Anant Chaturdashi dedicated to Lord Vishnu this year will celebrate on 12 September (Thursday). Ganeshotsav will also be concluded. This fast dedicated to Lord Vishnu is performed every year on the Chaturdashi of the Shukla Paksha of Bhadrapada.


Web Title: Anant Chaturdashi 2019 kab hai date, vrat katha and shubh muhurat

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