Amarnath Yatra: अमरनाथ गुफा में छड़ी मुबारक की स्थापना के साथ ही बाबा बर्फानी की यात्रा संपन्न, करीब सवा चार लाख श्रद्धालुओं ने किए दर्शन

By सुरेश एस डुग्गर | Updated: August 9, 2025 16:49 IST2025-08-09T16:31:17+5:302025-08-09T16:49:15+5:30

Amarnath Yatra: सुरक्षाबलों ने अपनी मेहनत, सतर्कता और चौकसी के कारण उन सभी कोशिशों को नाकाम बना दिया जो यात्रा के लिए घातक साबित हो सकती थीं।

Amarnath Yatra concluded with installation of Chhari Mubarak in Amarnath cave about 4.25 lakh devotees visited the cave | Amarnath Yatra: अमरनाथ गुफा में छड़ी मुबारक की स्थापना के साथ ही बाबा बर्फानी की यात्रा संपन्न, करीब सवा चार लाख श्रद्धालुओं ने किए दर्शन

Amarnath Yatra: अमरनाथ गुफा में छड़ी मुबारक की स्थापना के साथ ही बाबा बर्फानी की यात्रा संपन्न, करीब सवा चार लाख श्रद्धालुओं ने किए दर्शन

Amarnath Yatra:   14500 फुट की ऊंचाई पर स्थित अमरनाथ गुफा में अमरनाथ यात्रा की प्रतीक ‘छड़ी मुबारक’ की स्थापना के साथ ही इस साल की अमरनाथ यात्रा का समापन हो गया। वैसे पिछले कई दिन पहले ही सैद्धांतिक तौर पर इसका समापन हो चुका था क्योंकि श्रद्धालुओं की संख्या घट जाने के बाद आतंकी खतरे और मौसम की दुहाई देकर श्रद्धालुओं की शिरकत पर कथित तौर पर पाबंदी लगाई जा चुकी थी। अधिकारियों ने बताया कि आज सुबह महंत दीपेंद्र गिरि के नेतृत्व में छड़ी मुबारक पवित्र गुफा पहुंची। सुबह सूर्य उदय के साथ श्रावण पूर्णिमा के मुहूर्त में पवित्र गुफा में दर्शन किए गए।

इसके बाद पूजा अर्चना की गई। वार्षिक अमरनाथ यात्रा आज श्रावण पूर्णिमा के दिन 14500 फुट की ऊंचाई पर स्थित अमरनाथ गुफा के मुख्य दर्शनों के साथ ही संपन्न हो गई। आज करीब डेढ़ सौ श्रद्धालुओं, जिनमें अधिकतर सुरक्षाकर्मी ही थे, ने गुफा के दर्शन किए जबकि 3 जुलाई को आरंभ हुई अमरनाथ यात्रा के 38 दिनों के भीतर 4.20 लाख श्रद्धालुओं ने हिमलिंग के दर्शन किए हैं।

इस बार अमरनाथ यात्रा में विभिन्न हादसों में कितने श्रद्धालुओं की मौत हुई है फिलहाल सरकार ने यह जानकारी उजागर नहीं की है। इस यात्रा की प्रतीक पावन पवित्र ‘छड़ी मुबारक’ को आज पवित्र गुफा में भी स्थापित किया गया जिसे लेकर साधुओं का एक दल श्रीनगर के दशनामी अखाड़े से चला था और इस दल का नेतृत्व दशनामी अखाड़े के महंत दीपेंद्र गिरि ने किया था।

पूजा प्रतिष्ठा के बाद इस ‘छड़ी मुबारक’ को पुनः उसी अखाड़े में स्थापित कर दिया जाएगा। ज्यादातर तीर्थयात्रियों ने 45 किलोमीटर लंबे पारंपरिक पहलगाम मार्ग के बजाय 16 किलोमीटर लंबे बालटाल मार्ग से यात्रा की। अब कल रात तक छडी मुबारक पहलगाम पहुंचेगी। पहलगाम के ही लिद्दर नदी पर पूजा और विसर्जन के बाद साधु-संतों के लिए पारंपरिक कढ़ी-पकौड़ा भंडारा का आयोजन किया जाएगा।

सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार अधिकारियों ने यात्रा को नियंत्रित रखने में पूरी सावधानी बरती। इस यात्रा में किसी गैरपंजीकृत यात्री को शामिल होने नहीं दिया गया। पंजीकृत यात्रियों को सिर्फ उनके तय अवधि के दिन यात्रा करने की इजाजत दी गई।

बालटाल व नुनवान आधार शिविर से गुफा की तरफ जाने वाले यात्रियों को भी नियंत्रित किया गया। अब जबकि यात्रा संपन्न हो गई है तो सरकार ने राहत की सांस ली है। सुरक्षाबलों ने अपनी मेहनत, सतर्कता और चौकसी के कारण उन सभी कोशिशों को नाकाम बना दिया जो यात्रा के लिए घातक साबित हो सकती थीं।

पिछले कुछ वर्षों से यह देखने को मिल रहा था कि आतंकी हमले अमरनाथ श्रद्धालुओं में नए उत्साह का संचार करते रहे और प्रत्येक आतंकी घटना के उपरांत यात्रा में शामिल होने वालों की संख्या और बढ़ जाती थी जिस कारण प्रशासन के लिए परेशानियां पैदा होती थीं।

Web Title: Amarnath Yatra concluded with installation of Chhari Mubarak in Amarnath cave about 4.25 lakh devotees visited the cave

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