Akshaya Tritiya 2020: इस अक्षय तृतीया पर बन रहे हैं ये 6 राजयोग, पड़ रहा है अबूझ मुहूर्त-जानिए खास बातें
By मेघना वर्मा | Published: April 18, 2020 11:54 AM2020-04-18T11:54:55+5:302020-04-18T11:54:55+5:30
Akshaya Tritiya 2020: पुराणों में लिखा है कि अक्षय तृतीया के दिन पितरों का तर्पण तथा पिन्डदान के साथ दान, अक्षय फल प्रदान करना शुभ होता है।
हिन्दू धर्म में अक्षय तृतीया को खास पर्व बताया जाता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान लक्ष्मी की पूजा करना बेहद शुभ होता है। इस साल अक्षय तृतीया 26 अप्रैल को पड़ रही है। इस दिन को बेहद शुभ माना जाता है कि इस दिन किसी भी तरह का काम किया जा सकता है।
इस साल अक्षय तृतीया का पर्व इसलिए भी खास है क्योंकि इस बार बहुत सारे राजयोग एक साथ पड़ रहे हैं। वैशाख माह की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को कौन-कौन से पड़ रहे हैं राजयोग और क्या कुछ है इसमें खास आइए हम बताते हैं आपको-
इस अक्षय तृतीया पड़ रहा है ये 6 खास राजयोग
इस अक्षय तृतीया पर 6 राजयोग बन रहे हैं। वैदिक पंचाग के अनुसार इन राजयोग में सूर्योदय के समय शंख, नीचभंग, पर्वत योग, अमला, रूचक और शश योग बन रहा है। इन 6 राजयोग के पड़ने के साथ अक्षय तृतीया के दिन अबूझ मुहूर्त भी पड़ रहा है।
अबूझ मुहूर्त क्या है
अबूझ मुहूर्त वह मुहूर्त होता है जिसमें आप कोई भी शुभ कार्य कर सकते हैं। कभी-कभी कुछ ऐसी परिस्थिती भी आ जाती है जब आपके कार्य को करने के लिए कोई भी मुहूर्त नहीं निकलता। ऐसे में आपको अबूझ मुहूर्त में अपने सारे काम कर लेना चाहिए। ये बेहद पवित्र होता है।
अक्षय तृतीया मुहूर्त
अक्षय तृतीया - 26 अप्रैल
अक्षय तृतीया पूजा मुहूर्त - 05:48 से 12:19 तक
सोना खरीदने का शुभ समय - 05:48 से 13:22 तक
तृतीया तिथि प्रारंभ - 11:51 (25 अप्रैल)
तृतीया तिथि समाप्ति - (26 अप्रैल)
मां गंगा का धरती पर हुआ था आगमन
अक्षय तृतीया को लेकर मान्यता ये है कि इसी दिन मां गंगा का धरती पर आगमन हुआ था। इस दिन को पूजने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। अक्षय तृतीया वाले दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। पुराणों के अनुसार अक्षय तृतीया के दिन जो भी भक्त सच्चे मन से भगावन विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करता है उसे मनचाहा फल मिलता है।
पितरों का कर सकते हैं तर्पण
पुराणों में लिखा है कि अक्षय तृतीया के दिन पितरों का तर्पण तथा पिन्डदान के साथ दान, अक्षय फल प्रदान करना शुभ होता है। इस दिन गंगा स्नान करने से भगवत पूजन से समस्त पाप भी नष्ट हो जाते हैं। इस दिन किया गया चप, तप, हवन, स्वाध्याय और दान भी अक्षय हो जाता है। ये तिथि रोहिणी नक्षत्र के दिन आए तो इस दिन किए गए दान, जप-तप का फल भी अधिक बढ़ जाता है।