ठाकरे सरकार का बड़ा फैसला- आरे में नहीं अब कंजूर मार्ग पर बनेगा मेट्रो कार शेड, केस भी होंगे वापस
By गुणातीत ओझा | Published: October 11, 2020 04:19 PM2020-10-11T16:19:45+5:302020-10-11T16:19:45+5:30
प्रस्तावित कार शेड को आरे से कांजूर मार्ग पर स्थानांतरित कर दिया गया है। इस मेट्रो परियोजना को कांजुर मार्ग में स्थित सरकारी भूमि पर स्थानांतरित किया जाएगा।
मुंबई:मुंबई की आरे कॉलोनी में प्रस्तावित मेट्रो का कार शेड अब कांजुर मार्ग क्षेत्र में बनाया जाएगा। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने इसकी घोषणा करते हुए यह भी कहा कि हम लोगों के खिलाफ दर्ज मामलों को भी वापस लेते हैं, जो आरे में प्रस्तावित मेट्रो कार शेड के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। प्रस्तावित कार शेड को आरे से कांजूर मार्ग पर स्थानांतरित कर दिया गया है। इस मेट्रो परियोजना को कांजुर मार्ग में स्थित सरकारी भूमि पर स्थानांतरित किया जाएगा। इसमें कोई खर्च भी नहीं आएगा। जमीन जीरो रेट पर उपलब्ध होगी।
ठाकरे ने कहा, 'आरे के जंगल में जो इमारत खड़ी हुई है उसका उपयोग किसी अन्य सार्वजनिक उद्देश्य के लिए किया जाएगा। इस उद्देश्य के लिए लगभग 100 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं, जिसे बेकार नहीं जाने दिया जाएगा। सरकार ने पहले 600 एकड़ आरे भूमि को जंगल घोषित किया था, अब इसे संशोधित कर 800 एकड़ कर दिया गया है। आरे के जंगल में आदिवासियों के अधिकारों का कोई उल्लंघन नहीं होगा।'
We withdraw cases registered against people who were protesting against the proposed metro car shed in Aarey. The proposed car shed has been shifted from Aarey to Kanjur Marg: Maharashtra CM Uddhav Thackeray pic.twitter.com/CoIsWiDOEi
— ANI (@ANI) October 11, 2020
100 करोड़ नहीं होंगे बर्बाद
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने रविवार को आरे मेट्रो कार परियोजना का स्थान बदलने की घोषणा करते हुए इसे यहां कांजूरमार्ग स्थानांतरित करने की बात कही। ठाकरे ने डिजिटल कॉन्फ्रेंस में कहा कि परियोजना को कांजूरमार्ग में सरकारी भूमि पर स्थानांतरित किया जाएगा और इस काम में कोई खर्च नहीं आएगा। उन्होंने कहा, ''भूमि शून्य दर पर उपलब्ध कराई जाएगी।'' ठाकरे ने कहा कि आरे जंगल के तहत आने वाली भूमि का इस्तेमाल दूसरे जन कार्यों के लिए किया जाएगा। इस परियोजना पर लगभग 100 करोड़ रुये खर्च हुए हैं, जो बर्बाद नहीं जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले सरकार ने बताया था कि आरे वन भूमि 600 एकड़ है , लेकिन अब इसमें संशोधन कर बताया जाता है कि यह 800 एकड़ है। आरे वन में आदिवासियों के अधिकारों में हस्तक्षेप नहीं किया जाएगा। गौरतलब है कि पिछले साल आम लोगों और पर्यावरणविदों ने आरे परियोजना और इस इलाके में पेड़ों की कटाई का विरोध किया था, जिसके बाद अब यह फैसला लिया गया है।
प्रदर्शनकारियों के खिलाफ दर्ज मामले होंगे वापस
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बुधवार को राज्य के गृह विभाग को निर्देश दिया कि शहर के प्रमुख हरित क्षेत्र आरे में प्रस्तावित मेट्रो कार शेड बनाने के लिए पेड़ों की कटाई का विरोध करने पर पिछले साल प्रदर्शनकारियों के खिलाफ दर्ज मामले वापस ले लिए जाएं। राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला किया गया। मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक ट्वीट में कहा कि ठाकरे ने राज्य के गृह विभाग को मामलों को वापस लेने की प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया है। राज्य के पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे ने कैबिनेट की बैठक में मामलों को वापस लेने का अनुरोध किया गया और उपमुख्यमंत्री अजित पवार और अन्य मंत्रियों ने समर्थन किया। आदित्य ठाकरे ने ट्वीट किया, "मैं सतत विकास और हरित शासन के महत्व को प्राथमिकता देने और साकार करने तथा ऐसे मुद्दों का समर्थन करने के लिए गठबंधन सरकार के सभी कैबिनेट सहयोगियों को धन्यवाद देता हूं।" उद्धव ठाकरे ने पिछले साल दिसंबर में मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के कुछ दिनों बाद हरित कार्यकर्ताओं के खिलाफ मामलों को वापस लेने की घोषणा की थी।