चाणक्य नीति: हर पति-पत्नी को रखना चाहिए इन 5 बातों का ध्यान, सुखी रहेगा सारा परिवार
By मेघना वर्मा | Updated: May 24, 2020 16:40 IST2020-05-24T16:40:03+5:302020-05-24T16:40:03+5:30
पति-पत्नी के रिश्ते में दूरियां नहीं आनी चाहिए। आचार्य चाणक्य के अनुसार पति-पत्नी के बीच दूरियां बढ़ने लगें तो इसका असर घर के अन्य सदस्यों पर भी पड़ता है।

चाणक्य नीति: हर पति-पत्नी को रखना चाहिए इन 5 बातों का ध्यान, सुखी रहेगा सारा परिवार
पति-पत्नी का रिश्ता खट्टा-मीठा सा होता है। जिसमें प्यार की मिठास होती है और झगड़े की खटास। प्यार के इसी रिश्ते से जीवन की पटरी आगे बढ़ती है। कभी-कभी प्यार में झगड़े चल जाते हैं मगर ये झगड़े ज्यादा होने लगते हैं तो पति-पत्नी के साथ घरवालों का जीना भी दुशवार हो जाता है।
राजनीतिज्ञ आचार्य चाणाक्य ने परिवार में सुख-शांति और समृद्धि के लिए कुछ ऐसी बातें बताई हैं जिन्हें पति-पत्नी को जरूर ध्यान में रखना चाहिए। इससे उनके बीच होने वाले झगड़े कम हो सकते हैं-
1. प्यार हरे बरकरार
आचार्य चाणक्य के अनुसार पति-पत्नी के बीच प्यार और सौहार्द का रिश्ता हमेशा बरकरार होना चाहिए। अगर किसी बात पर झगड़ा हो रहा हो तो झगड़ने से पहले उस पर ध्यान से बात करें। हो सकता है बात-चीत में झगड़ा निपट जाए।
2. रिश्ते में ना आए दूरी
पति-पत्नी के रिश्ते में दूरियां नहीं आनी चाहिए। आचार्य चाणक्य के अनुसार पति-पत्नी के बीच दूरियां बढ़ने लगें तो इसका असर घर के अन्य सदस्यों पर भी पड़ता है। वैवाहिक जीवन को मजबूत बनाने के लिए पति-पत्नी को एक-दूसरे के साथ समय बीताना चाहिए।
3. जरूरत समझे
आचार्य चाणक्य के अनुसार पति-पत्नी के बीच का रिश्ता सबसे पवित्र होता है। इस रिश्ते को कायम रखने के लिए पति-पत्नी को एक-दूसरे की जरूरतों को समझना बहुत जरूरी है। आचार्य चाणक्य की नीतियों के अनुसार अगर पति-पत्नि एक दूसरे की जरूरतों को नजरअंदाज करेंगे तो रिश्ते में दूरियां बढ़ने लगेंगी।
4. सम्मान रहे कायम
ये जरूरी है कि पति-पत्नी के बीच एक-दूसरे के प्रति सम्मान बना रहना चाहिए। जिस जगह सम्मान नहीं होता वहां प्यार होना असंभव हो जाता है। इसलिए पति-पत्नी को ये ध्यान रखना चाहिए कि वो एक-दूसरे को प्यार के साथ उन्हें पूरा सम्मान दें। अगर एक-दूसरे की कोई बात खराब भी लग रही है तो उसे सम्मान पूर्वक सामने वाले को समझाने की कोशिश करें।
5. आपा ना खोएं
आपका गुस्सा आपके रिश्ते को अंदर से खोखला कर देता है। इसलिए अपने गुस्से पर नियंत्रयण करें। गुस्से को इतना ना बढ़ने दें कि आप अपना आपा खो दें। अक्सर पति-पत्नी के बीच मार-पीट भी होने लगती है। जिसका सीधा असर परिवार में रह रहे छोटे बच्चों या परिवार के लोगों पर होता है। इसलिए गुस्से में अपना आपा ना खोएं।

