Rajasthan Rajendra Singh Gudha: राजस्थान विधानसभा चुनाव जल्द होने वाला है। इस बीच विधायक गण पाला बदलना शुरू कर दिया है। उदयपुरवाटी विधायक और राजस्थान कांग्रेस के पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना में शामिल हो गए। शनिवार को झुंझुनू में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की मौजूदगी में पार्टी में शामिल हुए।
राजेंद्र सिंह गुढ़ा और सीएम शिंदे दोनों ने लिबर्टी फार्म हाउस में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा, "राजस्थान में उद्योगों और खनन की संभावनाएं हैं। अगर हम यहां विकास करेंगे तो राज्य के बेरोजगार लोग दूसरे राज्यों में नहीं जाएंगे। यही काम शिवसेना महाराष्ट्र में कर रही है।"
गुढ़ा गांव में आयोजित एक कार्यक्रम में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने उनका पार्टी में स्वागत किया। इस अवसर पर शिंदे ने कहा, ''मैं राजेंद्र सिंह गुढ़ा का शिवसेना परिवार में स्वागत करता हूं। राजस्थान की वीरता व शौर्य तथा महाराष्ट्र की वीरता व शौर्य का अब मिलन हुआ है और दोनों साथ-साथ आगे बढ़ेंगे।''
शिवसेना में शामिल होने के बाद राजस्थान के पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता राजेंद्र गुढ़ा ने कहा, 'एकनाथ शिंदे के साथ मैं राज्य के युवाओं और महिलाओं के लिए काम करूंगा।' इससे पहले, राजस्थान के पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने लाल डायरी (लाल डायरी) का जिक्र करने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था।
उन्होंने कहा कि गुढ़ा ने जनता के लिए आवाज उठाई, मंत्री पद त्याग दिया, लेकिन सच्चाई का साथ नहीं छोड़ा। राजस्थान में इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसमें शिवसेना के किस्मत आजमाने के सवाल को शिंदे ने यह कहते हुए टाल दिया, ''हम क्षेत्र के विकास के लिए चुनाव लड़ते हैं, हम विकास की राजनीति करेंगे।''
शिंदे ने कहा, ''हमें जनता के लिए जनता की प्रगति और राज्य के विकास के लिए काम करना है। महाराष्ट्र की तरह यहां भी विकास की जरूरत है।'' इससे पहले, शिंदे ने गुढ़ा को पार्टी का दुपट्टा पहनाया। उल्लेखनीय है कि गुढ़ा ने मंत्री रहते हुए 17 जुलाई को विधानसभा में कानून-व्यवस्था को लेकर अपनी ही सरकार को घेरा था, जिसके बाद उन्हें मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया गया था।
उन्होंने सदन में कथित 'लाल डायरी' लहराने का प्रयास किया था। गुढ़ा उन छह विधायकों में से एक हैं, जिन्होंने 2018 का विधानसभा चुनाव बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के टिकट पर जीता था, लेकिन बाद में वे कांग्रेस में शामिल हो गए थे।