क्या इस बार भी 2 जी के भेंट चढ़ जाएगा शीतकालीन सत्र?
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: December 22, 2017 01:49 AM2017-12-22T01:49:44+5:302017-12-22T12:56:14+5:30
संसद में बीजेपी सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस को एक और मुद्दा मिल गया है।
15 दिसंबर से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो चुका है। गुजरात चुनाव प्रचार के दौरान पीएम मोदी ने मनमोहन सिंह पर पाकिस्तान से मिलकर षड्यंत्र करने का आरोप लगाया था। जिसको लेकर विपक्ष ने पिछले 5 दिनों में जमकर हंगामा किया है। और इस बात पर अड़े है कि पीएम मोदी मनमोहन सिंह से माफी मांगे या ये माने की चुनाव जीतने के लिए ये एक राजनीतिक स्टंट था। अब जब कोर्ट ने कांग्रेस सरकार के समय हुए बहुचर्चित 2जी घोटाले के मुख्य आरोपी ए राजा और कनिमोझी को बरी कर दिया है, सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस को एक और मुद्दा मिल गया है। तो ये देखना दिलचस्प होगा कि क्या कांग्रेस अब वहीं करेगी जो भाजपा ने उसके साथ 2010 किया था।
संसद शीतकालीन सत्र और 2 जी का पुराना नाता रहा है
2010 में भाजपा और अन्य विपक्षी पार्टियों ने जब इस मुद्दे पर कांग्रेस को घेरा था तब भी संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा था। उस समय विपक्षी पार्टियों ने 2 जी घपले को लेकर एक दिन भी सत्र चलने नहीं दिया था। विपक्ष ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमिटी की जांच की मांग कर रही थी। वहीं यूपीए सरकार पब्लिक अकाउंट्स कमिटी की जांच पर अडिग थी। अब जब कि पूरा का पूरा पास ही बदल गया है तो कांग्रेस इस मौके को अपने हाथ से जाने नहीं देगी। विपक्ष के तेवर देखकर लगता नहीं है कि वो शीतकालीन सत्र चलने देंगे।
2 जी घोटाला क्या था
साल 2010 में चर्चित हुआ 2 जी घोटाला देश के सबसे बड़े घपलों में से एक माना जाता है। ये मामला तब सामने आया था जब महालेखाकार और नियंत्रक (कैग) ने 2008 में किए गए स्पेक्ट्रम आवंटन पर सवाल खड़े किए। 'पहले आओ और पहले पाओ' की नीति पर कंपनियों को लाइसेंस दिया गया था। कैग की रिपोर्ट के मुताबिक इसे घोटाले की वजह से सरकारी खजाने को लगभग 1.76 लाख करोड़ का नुकसान हुआ था।