बीजेपी की इलेक्शन मैनेजमेंट टीम के सदस्य ने दिया इस्तीफा, बताईं ये 7 वजहें
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Updated: June 18, 2018 16:38 IST2018-06-18T16:38:39+5:302018-06-18T16:38:39+5:30
बीजेपी के महामंत्री राम माधव की टीम के सिपहसालार शिवम शंकर सिंह ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। एक लेख में गिनाई इसकी वजह...

बीजेपी की इलेक्शन मैनेजमेंट टीम के सदस्य ने दिया इस्तीफा, बताईं ये 7 वजहें
नई दिल्ली, 18 जूनः भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री राम माधव ने पूर्वोत्तर राज्यों में पार्टी को अप्रत्याशित सफलता दिलाई थी। उनकी विनिंग टीम के सदस्य शिवम शंकर सिंह ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। मिशिगन यूनिवर्सिटी से पढ़ाई कर चुके शिवम शंकर ने 2013 में बीजेपी के लिए काम करना शुरू किया था। वो पहले प्रशांत किशोर की 'I-PAC' टीम का हिस्सा थे बाद में बीजेपी के लिए पूरी तरह समर्पित हो गए।
इस्तीफा देने के बाद शिवम ने एक लेख लिया है जिसमें उन्होंने पार्टी छोड़ने के कारणों की विस्तार से चर्चा की। अपने लेख में शिवम ने बीजेपी की अच्छी और बुरी बातों को जिक्र करते हुए सात 'घिनौनी' राजनीति की बातों का भी उल्लेख किया है। शिवम का कहना है कि ये बातें देश को आत्मा को नुकसान पहुंचा रही हैं। उन्होंने लिखा कि बीजेपी देश के हित को ताक पर रखकर अपना फायदा देख रही है जिसका मैं समर्थन नहीं कर सकता। यह सोची समझी रणनीति के तहत किया जा रहा है। इसीलिए मैं बीजेपी से इस्तीफा दे रहा हूं।
बीजेपी कार्यकर्ता के ब्लॉग की प्रमुख बातेंः-
1. बीजपी ने मीडिया को कमजोर किया है। सरकार की आलोचना करने वाले पत्रकार को कांग्रेस का एजेंट बता दिया जाता है। जो भी असली मुद्दे उठा रहा है उस पर सीधे हमले हो रहे हैं।
2. पूरे देश में यह बात दुष्प्रचारित की जा रही है कि पिछले 70 साल में भारत में कुछ नहीं हुआ। यह पूरी तरह से गलत है और देश की मानसिकता को चोट पहुंचा रहा है। बीजेपी सरकार ने करदाताओं के 4,000 रोड़ रुपये विज्ञापन में लगा दिए। अब तो यह ट्रेंड बनता जा रहा है कि काम कम करो और ब्रांडिंग ज्यादा। मोदी पहले इंसान नहीं हैं जो सड़क बनवा रहे हैं। भारत 1990 में ही आईटी पॉवर हाउस बन गया था।
जैसेः बीजेपी पूछती है कि 70 सालों में देश में शौचालय क्यों नहीं बने? अगर आप इतिहास में देखेंगे तो 1947 में देश की आजादी के बाद बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी थी। हर 2-3 साल में सूखा पड़ जाता था। उस वक्त की प्राथमिकता लोगों को भोजन देना था। शौचायल उस वक्त लग्जरी था। यह तो ऐसा ही सवाल होगा कि 25 साल बाद कोई पूछे कि मोदी ने सभी घरों में एसी क्यों नहीं लगवा दी? हो सकता है कि चीज़ें थोड़ी देरी से हुई हों लेकिन यह कहना कि पिछले 70 साल में कुछ भी नहीं हुआ एक डरावना झूठ है।
3. फेक न्यूज की बढ़ोत्तरी हो रही है। हालांकि कुछ एंटी-बीजेपी फेक न्यूज भी हैं लेकिन प्रो-बीजेपी के टक्कर में नहीं। इसका इस्तेमाल ध्रुवीकरण और नफरत फैलाने के लिए किया जाता है। ऑनलाइन वेबसाइट्स इसका समर्थन कर रही हैं।
4. 'हिंदू खतरे में हैं', ये डर लोगों के दिमाग में भर दिया गया है। यह प्रचारित किया जाता है कि सिर्फ मोदी ही उन्हें बचा सकते हैं। सच्चाई ये है कि हिंदू आज भी वैसी ही जिंदगी जी रहे हैं जैसी पहले जिया करते थे। सिर्फ लोगों की मानसिकता बदली है। डर की राजनीति बहुत बुरी होती है।
5. सरकार के खिलाफ बोलो तो एंटी-नेशनल और एंटी-हिंदू करार दे दिए जाओगे। हर जगह वंदे मातरम गाकर अपनी देशभक्ति साबित करो। बीजेपी नेताओं को खुद राष्ट्रगीत याद नहीं होगा लेकिन वो दूसरों पर जबरदस्ती करेंगे। मैं देशभक्त हूं और मुझे इसे किसी के सामने दिखावा करने की जरूरत नहीं है।
6. बीजेपी नेताओं के ऐसे न्यूज चैनल्स हैं जिनका एकमात्र काम हिंदू-मुस्लिम, देशभक्त-देशद्रोह, भारत-पाकिस्तान डिबेट करना है। इससे असली मुद्दों से लोगों का ध्यान भटक जाए। लोगों की भावनाओँ का ध्रुवीकरण हो सके।
7. विकास का मुद्दा गायब हो गया। अगले आम चुनाव में बीजेपी ध्रुवीकरण और नकली राष्ट्रवाद के मुद्दे के साथ जाएगी। मोदी जी ने भी अपने भाषणों में नेहरू-जिन्ना का जिक्र करना शुरू कर दिया है। ध्रुवीकरण करो और चुनाव जीतो- मैं अपने नेताओं से ये नहीं सुनना चाहता था। मैंने ऐसे आदेश को मानने से इनकार कर दिया जिसमें राजनीतिक फायदे के लिए देश को दंगे में ढकेल दिया जाए
शिवम शंकर सिंह का पूरा ब्लॉग अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक कीजिए- Why I am resigning from BJP
लोकमत न्यूज के लेटेस्ट यूट्यूब वीडियो और स्पेशल पैकेज के लिए यहाँ क्लिक कर सब्सक्राइब करें!