सोशल मीडियाः जिग्नेश की रैली से ज्यादा भीड़ इंदौर के जलेबी की दुकान पर होती है
By भारती द्विवेदी | Updated: January 9, 2018 18:52 IST2018-01-09T17:54:39+5:302018-01-09T18:52:09+5:30
जिग्नेश मेवानी की युवा हुंकार रैली सोशल मीडिया पर खूब ट्रोल हुई। किसी ने हुंकार तो किसी ने सांप की फुफकार बताया।

सोशल मीडियाः जिग्नेश की रैली से ज्यादा भीड़ इंदौर के जलेबी की दुकान पर होती है
गुजरात के दलित नेता जिग्नेश मेवानी के दिल्ली पार्लियामेंट स्ट्रीट पर की गई रैली सोशल मीडिया पर टॉप ट्रेंड बनी रही। रैली को 'युवा हुंकार रैली' नाम दिया गया था। लेकिन सोशल मीडिया इसे 'सांपों की फुफकार रैली' करार दिया गया। सरकार की नीतियों के खिलाफ जिग्नेश की ये रैली शुरू से ही विवादों में चल रही थी। ट्विटर पर इसमें आर-पार की लड़ाई जैसा रहा। जिग्नेश के समर्थकों ने भीड़ की तस्वीरें डालीं तो विरोधियों ने खाली कुर्सियों की तस्वीरें पोस्ट कर इसे फ्लॉप शो बताया।
सैड इंडियन ने लिखा, जेएनयू में आजकल हाजिरी अनिवार्य हो गई है। इसलिए जिग्नेश मेवानी की रैली फेल हो गई।
JNU attendance was made compulsory so that #YuvaHunkarRally fails.
— Sad_indian (@Amit_knc2015) January 9, 2018
अभिजीत व्यास लिखते हैं- 'युवा हुंकार रैली से ज्यादा लोग तो इंदौर में किसी भी समय पोहे जलेबी की दुकान पर खड़े मिलते हैं।'
#YuvaHunkarRally से ज्यादा लोग तो इंदौर में किसी भी समय पोहे जलेबी की दुकान पर खड़े मिलते है #Indore#JigneshFlopShow
— Abhijeet Vyas (@Abhijeet_Vyas) January 9, 2018
क्राइम मास्टर गोगो ने लिखा 'युवा हुंकार रैली' में लोगों की भीड़ देखकर मुझे लगता है मैं भी जिग्नेश हूं।
After seeing number of people turned up for #YuvaHunkarRally me to #JigneshMevanipic.twitter.com/jrfJ1v3Cxc
— crime master gogo (@vipul2777) January 9, 2018
वहीं सुभाष चौहान नाम के एक यूजर्स ने इस रैली को जहरीले सांप की फुफकार रैली कहा है।
#YuvaHunkarRally
— subhash chauhan (@subhash49648604) January 9, 2018
ये हुंकार रैली नही , जहरीले सांप की
फुंफकार रैली है , .....
अगर ऐसे जहरीले सांपो से देश को
बचाना है तो इसका फन कुचल डालो , #जिग्नेश_ज़हरीले की फ्लॉप
फुफकार रैली
के वेंकेटशवरराव लिखते हैं, 'मुझे लगता है कि लोग दूसरा अरविंद केजरीवाल बना रहे हैं। लीडरशीप केवल लोगों के सपोर्ट से ही आता है।'
#YuvaHunkarRally@jigneshmevani80
— k venkateswararao (@KalasaniK) January 9, 2018
I think people are making another @ArvindKejriwal .leadership comes only with the support of the people.
उपाध्याय कृष्णा रैली में खाली कुर्सियों पर चुटकी लेते हुए लिखतें है, 'युवा की हुंकार रैली तक पहुंच ही नहीं पाई इसलिए चेयर खाली रह गई हैं।'
Yuva ki Hunkar Rally tak pahuchi hi nhi Is liye Chairs rah gyi... #YuvaHunkarRally
— Upadhyay Krishna (@Its_upadhyay) January 9, 2018
धीरज आहूजा लिखते हैं कि क्या दिल्ली पुलिस का शहर पर कोई कंट्रोल नहीं है? जब परमिशन नहीं थी तब क्यों रैली करने दी गई।
Does @DelhiPolice have no control over what happens in the city? Why did it allow the rally to take place when the permission was denied...its altogether a different issue that it turned out to be complete flop show, it should not have happened at the first place #YuvaHunkarRally
— Dhiraj Ahuja (@DhirajAhuja1108) January 9, 2018
डिजिटल हिंदुस्तानी नाम के अकाउंट से लिखा गया है कि जिसे देखो वो ही रैली करने के लिए दिल्ली चला आता है। जितनी रैली वाले नहीं उससे ज्यादा तो पुलिस हो जाती है।
जिसे देखो वो ही रैली करने के लिए दिल्ली चला आता है, जितनी रैली वाले नहीं उससे ज़्यादा पुलिस हो जाती !#YuvaHunkarRally
— DigitalHINDUSTANI (@digitalKapil) January 9, 2018
दिल्ली पुलिस ने 26 जनवरी का हवाला देते हुए रैली करने की इजाजत नहीं दी थी। जिग्नेश को समर्थन देने के लिए सीनियर एडवोकेट प्रंशात भूषण, शहला राशिद, कन्हैया कुमार, उमर खालिद, असम किसान नेता अखिल गोगोई संसद मार्ग पहुंचे थे।