चारा घोटाले के फैसले पर क्या रहा देश के बड़े अखबारों का रुख

By खबरीलाल जनार्दन | Updated: December 24, 2017 13:15 IST2017-12-24T08:47:56+5:302017-12-24T13:15:45+5:30

जानिए, देश के प्रमुख अखबारों ने चारा घोटाले के एक और मामले में लालू यादव को दोषी पाए जाने की खबर की कवरेज कैसे की।

what newspapers reports on fodder scam verdict as lalu got convicted | चारा घोटाले के फैसले पर क्या रहा देश के बड़े अखबारों का रुख

चारा घोटाले के फैसले पर क्या रहा देश के बड़े अखबारों का रुख

चारा घोटाले फैसले पर देश के प्रमुख अखबारों में तीन तरह की खबरें प्रकाशित हुईं। पहली उदासीन रहते हुए मामले की महज सूचना प्रकाशित करने वाली, दूसरी सूचना को आक्रामकता से पेश किया गया और तीसरी बीते दो फैसलों से इस फैसले को अलग बताकर सुरक्षात्मक रवैया अपनाने वाली। आइए एक नजर डालते हैं आज के अखबारी दुनिया पर-

बिहार का प्रमुख हिन्दी दैनिक हिन्दुस्तान लिखता है, 'लालू दोषी करार'। अखबार इस मामले पर किसी भी तरह की टिप्पणी से बचा है। संपादकीय पृष्ठ पर तयशुदा साप्ताह‌िक लेख प्रकाशित किए गए हैं।

हिन्दुस्तान टाइम्स का भी यही रवैया है। बल्कि एचटी ने एडिटोरियल पेज पर 2जी घोटाले को घोटाला होने पर सवाल खड़ा करता हुआ एक आलेख प्रकाशित किया है।

बिहार में अच्छी धाक रखने वाले अखबार प्रभात खबर ने लिखा, 'लालू यादवः कैदी नंबर 3351'। उप शीर्षक में लिखा, 'अब कोई चारा नहीं'। अखबार ने अपने तीन पन्ने 12, 13, 14 फैसले के नाम लिखा। हालांकि संपादकीय में इस बारे में कुछ नहीं लिखा गया।

दैनिक जागरण ने लालू फैसले पर आक्रामक हेडलाइन बनाई, लिखा- चारा घोटालाः सलाखों के पीछे लालू। संपादकीय ने भारतीय न्याय व्‍यवस्‍था की धीमी गति को रेखांकित किया है। अखबार ने संतोष जताया कि देर से ही सही पर फैसला आया।

अमर उजाला लिखता है, 'लालू फिर दोषी, जेल भेजा'। हालांकि संपादकीय में अखबार देश के आमजन को संबोधित करते हुए एक करारा व्यंग प्रकाशित किया है। इसमें बीते दो दिनों से सीबीआई के 2जी व आदर्श घोटाले पर जनता की नाराजगी और लालू फैसले पर जनता की खुशी के बारे में लिखा गया है।

इं‌डियन एक्सप्रेस का रुख साफ है। मुख्य हेडलाइन में इसने लालू के दोषी करार दिए जाने की सूचना को साफ-साफ लिखता है। एक्सप्रेस ने हेडलाइन में ही साफ किया है कि लालू को घोटाले के दूसरे मामले में दोषी पाया गया है। ओपीनियन पेज पर लालू मामले पर टिप्पणी से बचा है। लेकिन एक आलेख में 2जी और गुजरात में सीटें कम होने को लेकर पीएम मोदी को घेरा गया है।

टाइम्स ऑफ इंडिया का रुख भी लालू मामले में आक्रामक है। मुख्य हेडलाइन में लालू यादव के घोटाले में दोषी पाए जाने के ‌लिए Nailed उपमा का प्रयोग किया है। इसका मतलब होता है, कील ठुकना होता है। साथ ही अखबार ने हेडलाइन में ही बताया है कि लालू 8वीं बार जेल में। हालांकि एडिटोरियल पेज पर अखबार किसी भी तरह की टिप्पणी से बचा है। हां, मामले पर एक स्पेशल पेज प्रकाशित किया है, उस पर केस की पूरी पड़ताल है। टीओआई के हिन्दी संस्करण ने भी लालू पर व्यंगात्मक हेडलाइन लगाई, 'बेचारे लालू फिर गए जेल'।   

दैनिक भास्कर ने हेडलाइन में लालू के 7वीं बार जेल जाने की सूचना दी। जबकि टीओआई ने 8वीं बार जेल जाने की सूचना दी है। भास्कर का मामले पर रवैया उदासीन रहा। संपादकीय पेज पर इस बारे में कुछ प्रकाशित नहीं किया गया।

मुंबई और दिल्ली के टेबलॉयड मुंबई मिरर व मेल टुडे के लिए स्‍थानीय खबरें ही महत्वपूर्ण रहीं। लालू मामले पर दोनों ने सूचनात्मक खबरें प्रकाशित की हैं।

Web Title: what newspapers reports on fodder scam verdict as lalu got convicted

राजनीति से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे