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राम मंदिर के लिए ट्रस्ट बना दिए, मस्जिद के लिए क्यों नहीं, एनसीपी चीफ शरद पवार ने कहा- देश सबका है, सभी के लिए है

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: February 19, 2020 20:51 IST

अयोध्या में मंदिर निर्माण के लिए गठित 'राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास' की आज दिल्ली में पहली बैठक हुई। लखनऊ में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के मुखिया शरद पवार ने मोदी सरकार से मस्जिद निर्माण के लिए ट्रस्ट बनाने के लिए सवाल पूछा है। 

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ठळक मुद्देप्रफुल्ल पटेल ने बुधवार को कहा कि पार्टी उत्तर प्रदेश में नयी राजनीतिक शुरुआत करना चाहती है।राकांपा को राज्य में बड़े पैमाने पर मजबूत किया जाएगा।

एनसीपी चीफ शरद पवार ने कहा कि आप जैसे राम मंदिर के लिए ट्रस्ट बना सकते हैं, मस्जिद के लिए क्यों नहीं बना सकते। देश सबका है, सभी के लिए है। अयोध्या में मंदिर निर्माण के लिए गठित 'राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास' की आज दिल्ली में पहली बैठक हुई।

लखनऊ में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के मुखिया शरद पवार ने मोदी सरकार से मस्जिद निर्माण के लिए ट्रस्ट बनाने के लिए सवाल पूछा। राकांपा महासचिव प्रफुल्ल पटेल ने दिल्ली में राममंदिर को लेकर हो ट्रस्ट की बैठक के बारे में सवाल पर कहा, 'सारी पार्टियों ने भारत में पहले से ही एक भूमिका रखी थी कि जहां कोर्ट का सवाल आएगा, हम उसे सर्वोच्च मानेंगे। कोर्ट का जो फैसला हुआ, सभी ने मान लिया। अमन चैन और भाईचारा सदैव सभी के बीच बना रहे और ये विवाद हमेशा के लिए खत्म हो। यही हम सबकी मंशा है।'

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) महासचिव प्रफुल्ल पटेल ने बुधवार को कहा कि पार्टी उत्तर प्रदेश में नयी राजनीतिक शुरुआत करना चाहती है और तय किया गया है कि राकांपा को राज्य में बड़े पैमाने पर मजबूत किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि आज उत्तर प्रदेश में भी हम देख रहे हैं, चाहे सपा हो, बसपा हो या कांग्रेस ... ये जिस तरह से राजनीति करते आये हैं और यहां की जनता ने चाहे लोकसभा चुनाव हों, चाहे पिछला विधानसभा चुनाव हो या उससे पहले के लोकसभा के चुनाव हों, लोगों ने तीनों पार्टियों का साथ देना छोड़ दिया है जिसकी वजह से यहां भाजपा को सत्ता बहुत बड़े पैमाने पर हासिल हुई है।

पटेल ने कहा, ''हम ये नहीं दावा करते हैं कि राकांपा रातों रात कोई विकल्प बनकर सामने आयी है लेकिन निश्चित तौर पर महाराष्ट्र में जिस तरह से अभी चुनाव हुए और शरद पवार ने जो एक अग्रसर भूमिका वहां रखी जिसके परिणामस्वरूप महाराष्ट्र में भाजपा—शिवसेना को हटाकर शिवसेना, कांग्रेस और राकांपा की सरकार वहां पवार ने बनायी। लोगों को ये बात बहुत पसंद आयी कि एक ऐसा नेता है जो इन लोगों को (भाजपा) जवाब देने में कहीं भी पीछे मुड़ने वाला नहीं है।''

उन्होंने कहा, ''उसी के फलस्वरूप हमारे उत्तर प्रदेश के राकांपा के साथियों ने कहा कि आप जरूर आइये। हम नयी शुरूआत करना चाहते हैं यहां से। उत्तर प्रदेश में राकांपा का अस्तित्व रहा है। बीच बीच में हम लोगों ने विधानसभा में भी खाता खोला है लेकिन अब हमने ये तय किया है कि एक बड़े पैमाने पर राकांपा को उत्तर प्रदेश में मजबूत करना है।’’

उन्होंने कहा, ''उत्तर प्रदेश में मैंने जो कहा कि सपा, बसपा और कांग्रेस तीनों में ही आपस में बहुत सारे अंतर नजर आते हैं। वो कभी एक होते नहीं। आपस में जिस तरह वो एक होने की कोशिश करते हैं, उसमें फिर बिखराव होता है। उससे यहां की जनता में भी उसका परिणाम विपरीत होता है इसलिए पवार के माध्यम से हम जरूर कोशिश करेंगे।’’ राकांपा नेता ने कहा कि उत्तर प्रदेश में हम जानते हैं कि वर्तमान में भाजपा का शासन है लेकिन जिस तरह देश में, इस राज्य में और अभी हाल में आपने देखा दिल्ली का जो चुनाव हुआ, केवल एक ही एजेंडा के साथ भाजपा चल रही है कि लोगों में आपस में धर्म के नाम पर बंटवारा करके लोगों में विभाजन निर्माण करके सत्ता किसी भी तरह से हासिल करनी है।

दिल्ली की जनता ने बहुत सूझबूझ के साथ ... पूरे देश के लोग दिल्ली में रहते हैं। लोगों ने वहां बहुत करारा जवाब भाजपा को दिया। इस सवाल पर कि सीएए और एनआरसी को लेकर महाराष्ट्र में उनकी पार्टी, शिवसेना और कांग्रेस गठबंधन में मतभेद हैं, पटेल ने कहा, ‘‘सीएए, एनआरसी और एनपीआर इसमें आशंकाएं लोग जता रहे हैं कि हम तीनों पार्टियों में कोई बहुत बडा मतभेद है। ऐसी कोई बात नहीं है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने क्या कहा है कि हम महाराष्ट्र में एनआरसी नहीं होने देंगे क्योंकि एनआरसी ही बीमारी की जड़ है।

सीएए तो एक कानून है, कानून बन चुका है। सीएए को लागू करने का माध्यम है एनआरसी और एनआरसी के मामले में वहां के सीएम (मुख्यमंत्री) ठाकरे का बयान ध्यान से पढें तो उन्होंने कहा है कि एनआरसी को हम लागू नहीं होने देंगे। एनपीआर को लेकर उन्होंने कहा है कि हम उसका अध्ययन करेंगे।

हमारी तीनों पार्टियों में इस बारे में कोई मतभेद नहीं है।’’ दिल्ली में राममंदिर को लेकर हो रही ट्रस्ट की बैठक के बारे में सवाल पर उन्होंने कहा, ‘‘सारी पार्टियों ने भारत में पहले से ही एक भूमिका रखी थी कि जहां न्यायपालिका का सवाल आएगा, हम उसे सर्वोच्च मानेंगे। न्यायपालिका का जो फैसला हुआ, सभी ने मान लिया। अमन चैन और भाईचारा सदैव सभी के बीच बना रहे और ये विवाद हमेशा के लिए खत्म हो। यही हम सबकी मंशा है।’’ 

टॅग्स :राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामलाउत्तर प्रदेशशरद पवारलखनऊनरेंद्र मोदीबाबरी मस्जिद विवादअयोध्यासुप्रीम कोर्ट
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