2010 के यूपीए से अलग और खतरनाक है 2019 के मोदी सरकार का राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टरः चिदंबरम
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 26, 2019 13:25 IST2019-12-26T13:25:36+5:302019-12-26T13:25:36+5:30
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने ट्वीट कर कहा, ''मुझे खुशी है कि भाजपा ने 2010 में आरंभ हुए एनपीआर की एक वीडियो क्लिप जारी की है। कृपया इसे सुनिए। हम देश के सामान्य नागरिकों की बात कर रहे हैं। नागरिकता पर नहीं, निवास पर जोर है।''

यह भी स्पष्ट करे कि वह इसे राष्ट्रीय नागरिकता पंजी (एनआरसी) से जोड़ने का इरादा नहीं रखती है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनपीआर) को लेकर बृहस्पतिवार को नरेंद मोदी सरकार पर दुर्भावनापूर्ण एजेंडा रखने का आरोप लगाया और दावा किया कि मौजूदा एनपीआर संप्रग सरकार के समय के एनपीआर से बिल्कुल अलग है।
पूर्व गृह मंत्री ने कहा कि अगर सरकार की नीयत साफ है तो वह 2010 के एनपीआर का स्पष्ट रूप से समर्थन करे और यह भी स्पष्ट करे कि वह इसे राष्ट्रीय नागरिकता पंजी (एनआरसी) से जोड़ने का इरादा नहीं रखती है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ''मुझे खुशी है कि भाजपा ने 2010 में आरंभ हुए एनपीआर की एक वीडियो क्लिप जारी की है। कृपया इसे सुनिए। हम देश के सामान्य नागरिकों की बात कर रहे हैं। नागरिकता पर नहीं, निवास पर जोर है।''
अगर बीजेपी की मंशा ईमानदार है, तो सरकार बिना शर्त बताएं कि वो 2010 के एनपीआर फॉर्म और डिजाइन का समर्थन करती हैं और इसे विवादास्पद NRC से जोड़ने का कोई इरादा नहीं है।
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) December 26, 2019
चिदंबरम ने दावा किया, " भाजपा नीत सरकार का व्यापक और दुर्भावनापूर्ण एजेंडा है। इसलिए उनके द्वारा जिस एनपीआर को मंजूरी दी गयी है वह खतरनाक और 2010 के एनपीआर के लिखित ब्यौरे एवं सन्दर्भ से अलग है।'' उन्होंने कहा, '' अगर भाजपा का इरादा सही है तो सरकार बिन शर्त यह कहे कि वह 2010 के एनपीआर फॉर्म और उसकी रूपरेखा का समर्थन करती है तथा इसे एनआरसी से जोड़ने का उनका कोई इरादा नहीं है।"
प्रत्येक सामान्य निवासी को अपने धर्म या जन्म स्थान से बेपरवाह होना चाहिए।
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) December 26, 2019
एनपीआर ने 2011 की जनगणना की तैयारी का समर्थन किया।
एनआरसी का कोई उल्लेख नहीं था।