तेजस्वी यादव ने सीएम नीतीश पर साधा निशाना, कहा- बिहार को बर्बाद किया और किसानों को मजदूर और भिखारी बना दिया
By एस पी सिन्हा | Published: December 23, 2020 02:47 PM2020-12-23T14:47:04+5:302020-12-23T18:54:10+5:30
1970-71 में देश में गेहूँ का MSP 76 रुपये था, आज क्या है यह सब जानते हैं। जबकि 1970 के मुकाबले देश में हर व्यवसाय या नौकरी से होने वाली आमदनी अथवा वेतन में या किसी समान के मूल्य में 250 से 450 गुणा तक वृद्धि हुई है लेकिन किसानों की फसलों के मूल्य में इतनी गुणा वृद्धि क्यों नहीं?
पटनाः किसानों के बहाने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने बिहार की मंडियों को खत्म कर दिया.
बिहार के किसानों का देश में सबसे कम आय है. तेजस्वी यादव ने किसान कानून की चर्चा करते हुए कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य को लिगलाइज्ड करना होगा. तेजस्वी यादव ने कहा कि 15 सालों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार को बर्बाद कर दिया और किसानों को मजदूर और भिखारी बना दिया.
आज बिहार नीचे पायदान पर पहुंच पाया है. जबकि पड़ोसी राज्य झारखंड में अधिक है. क्या यह सच नहीं है कि महाराष्ट्र, पंजाब और हरियाणा में जो मजदूरी कर रहे हैं, वह बिहार के किसान हैं. आखिर किसान मजदूर क्यों बने हैं? अगर इसका विरोध नहीं करेंगे और सड़कों पर नहीं जाएगे और बिहार के किसान भिखारी हो जाएंगे. इसलिए इसका विरोध जरूरी है.
2006 में नीतीश कुमार और बीजेपी ने मंडी क़ानून समाप्त कर बिहार के किसानों को मज़दूर बना दिया। अब नीतीश-भाजपा तीन नए काले कृषि क़ानून लाकर किसानों से मज़दूर बने लोगों को भिखारी बनाना चाहते है-@yadavtejashwi
— Rashtriya Janata Dal (@RJDforIndia) December 23, 2020
सिर्फ किसान ही नहीं बल्कि नौजवानों को बेरोजगार बना दिया
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सिर्फ किसान ही नहीं बल्कि नौजवानों को बेरोजगार बना दिया. आज बिहार के सरकारी शिक्षकों की क्या स्थिति है? यह किसी से छुपी हुई नहीं है. किसान आंदोलन पर चर्चा करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि इतने दिनों से आंदोलन चल रहा है फिर भी बिहार के मुख्यमंत्री या देश के प्रधानमंत्री ने मुंह से एक शब्द नहीं निकाले.
उन्होंने कहा कि हमलोग इस काले कानून का विरोध करें. केवल चमचई के लिए किसानों का गाली दी जा रही है. किसानों आंदोलन के बारे में कई गलत अफवाह उड़ाई जारी है. तेजस्वी यादव ने कहा हमलोगों किसानों के साथ खडे़ है. किसानों की कई बार समस्या को उठाया है. जो किसानों के सवाल एमएसपी को लेकर रहा है, इसको लेकर कानून में कोई चर्चा नहीं है.
चाहे वह नोटबंदी हो या जीएसटी हो
उन्होंने कहा कि पहले भी देखा गया है कि जो केंद्र सरकार के फैसले रहे हैं उसका रिजल्ट खराब रहा है. चाहे वह नोटबंदी हो या जीएसटी हो. उसका परिमाण सबकों पता है. उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन की मजबूती को लेकर राजद पूरी तरह से खड़ी है. आज हमारे नेता-कार्यकर्ता सभी जिलों में किसान गोष्ठी कर रहे हैं.
जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाती है तब तक राजद साथ खडी है. तेजस्वी यादव ने कहा कि स्व. चौधरी चरण सिंह की जयंती के अवसर पर पूरे बिहार में राजद कार्यक्रम किसानों के पूरे बिहार के जिला मुख्यालय पर कार्यक्रम किया जा रहा है. बापू के मूर्ति के नीचे हमने किसानों के आंदोलन में खडे़ रहने का संकल्प लिया था.
पश्चिम बंगाल चुनाव में पार्टी का क्या रुख होगा?
वहीं, तेजस्वी यादव ने कहा कि पश्चिम बंगाल चुनाव में पार्टी का क्या रुख होगा? इसका निर्णय राजद सुप्रीमो लालू यादव लेंगे. उन्होंने कहा कि बंगाल चुनाव पर अभी पार्टी नेताओं के साथ चर्चा नहीं हुई है. चर्चा के बाद अंतिम निर्णय लालू प्रसाद लेंगे. उन्होंने आगे कहा कि राजद पहले ही दूसरे राज्यों में चुनाव लड़ते आई है. हमारी पार्टी भाजपा को हराने वाले दलों का सहयोग करेगी.
तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार में हमने अपने कार्यकर्ताओं से कहा कि सभी चुनाव के लिए तैयार रहें. नेता प्रतिपक्ष ने अपने इस बयान से स्पष्ट तौर पर संकेत दे दिया है कि राजद पश्चिम बंगाल चुनाव में ममता बनर्जी के साथ खड़ी रहेगी. तेजस्वी यादव ने कहा है कि पश्चिम बंगाल चुनाव को लेकर पार्टी के नेताओं के साथ कोई बातचीत नहीं हुई है, लेकिन अंतिम फैसला राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू यादव करेंगे, बात तय है.
तेजस्वी यादव ने कहा है कि पश्चिम बंगाल को लेकर जिस तरह की सियासत हो रही है वह पूरा देश देख रहा है. बिहार विधानसभा चुनाव खत्म होने के बाद जब राजद के पक्ष में परिणाम नहीं आए तो ममता बनर्जी ने तेजस्वी यादव को फोन किया था. उन्होंने उन्हें बिहार चुनाव को लेकर सारी स्थिति से वाकिफ कराया था.
लालू यादव और ममता बनर्जी के बीच पुराने रिश्ते रहे हैं. साल 2015 में बिहार में महागठबंधन की जीत हुई थी तो वह ममता बनर्जी नीतीश कुमार के शपथ ग्रहण समारोह में आई थी. उस वक्त लालू प्रसाद यादव, नीतीश कुमार और ममता बनर्जी एक साथ खडे़ थे, लेकिन अब नीतीश कुमार भाजपा के साथ हैं और लालू यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल नीतीश से अलग.