NDA से अलग हुई TDP: सोमवार को पेश होगा अविश्वास प्रस्ताव, जानें नायडू से नकवी तक का पक्ष
By पल्लवी कुमारी | Updated: March 16, 2018 16:27 IST2018-03-16T12:30:07+5:302018-03-16T16:27:56+5:30
आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिलने तेलुगू देशम पार्टी (TDP) ने बीजेपी नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन तोड़ने का फैसला किया है।

NDA से अलग हुई TDP: सोमवार को पेश होगा अविश्वास प्रस्ताव, जानें नायडू से नकवी तक का पक्ष
नई दिल्ली, 16 मार्च; आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिलने तेलुगू देशम पार्टी (TDP) ने बीजेपी नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन तोड़ने का फैसला कर लिया है। इतना ही नहीं चंद्रबाबू नायडू की तेलगू देशम पार्टी ने मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर भी आ रही है। इसके पहले टीडीपी ने वाईएसआर कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन का ऐलान किया था। टीडीपी के इस प्रस्ताव को कांग्रेस, एआईएडीएमके और सीपीआईएम ने भी समर्थन की घोषणा कर दी है। वहीं, ममता बनर्जी ने भी इस फैसले का स्वागत किया है।
कांग्रेस और टीडीपी दोनों ही दल राज्य में केंद्र से विशेष दर्जे की मांग को उठाना चाहते हैं। कांग्रेस जो इस समय लोकसभा चुनाव की पूरी तैयारियों में जुटा है। इसी को ध्यान में रखते हुए टीडीपी के अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन का ऐलान किया है। आंध्र प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष एन रघुवीरा रेड्डी ने कहा कि पार्टी केंद्र के खिलाफ टीडीपी और वाईएसआर कांग्रेस की ओर से लाए जा रहे अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करेगी।
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-आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू राज्य विधानसभा में भाषण दे रहे हैं। उन्होंने कहा- विखंडन के वादे अभी तक पूरी नहीं हुए हैं। ये स्थिति उत्पन्न नहीं होती, अगर लोकसभा में इस मामले को तभी शामिल किया जाता। मैंन लिए फंड मांगा तो अरुण जेटली ने साफ मना कर दिया। उन्होंने कहा था कि तेलंगाना भावना के लिए तैयार किया गया था तो क्या अब आप अन्याय नहीं कर रहे हैं। मैंने पीएम मोदी को भी कई पत्र लिखा लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।
Arun Jaitley said, sentiment cannot increase quantum of funds. What a reckless statement. Telangana was carved for sentiment. Sentiment is very powerful. Even now you are doing injustice: AP CM N Chandrababu Naidu in Assembly pic.twitter.com/yNqNzit2YS
— ANI (@ANI) March 16, 2018
TDP has survived many crises and we can sail through this situation. I wrote many letters to the Centre. Recently also I gave a letter to PM but nothing materialised: Andhra Pradesh CM N Chandrababu Naidu in Assembly
— ANI (@ANI) March 16, 2018
- सरकार की ओर से केंद्रीय मंत्री विजय गोयल उप सभापति पीजे कुरियन से कहा कि टीडीपी सांसद वाई एस के भाषण के बाद सदन की कार्यवाही चलाई जाए। सरकार सभी मुद्दों पर बात करने के लिए तैयार है।
- दोपहर दो बजे के बाद राज्यसभा की कार्यवाही शुरू हो गई है। टीडीपी सांसद वाई एस चौधरी अपना अधूरा भाषण दे रहे हैं। गुरुवार को उनकी बात सुने बिना सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई थी।
- AIADMK विधायक और तमिलनाडु मंत्री डी जयकुमार ने NDA से TDP के अलग होने पर कहा कि आंध्र प्रदेश के विभाजन के बाद कई मुद्दे सामने आए थे। लेकिन इन वर्षों में समस्याए नहीं दिखी और अगर दिखी तो उन्हें क्यों नहीं उठाया गया? यह केवल एक मौके का फायदा उठाकर किया गया है।
There were issues after the division of Andhra Pradesh. If there were issues all these years, then why weren't they raised? This shows merely an opportunistic nature: D Jayakumar, AIADMK MLA & Tamil Nadu Minister on TDP's withdrawal from NDA pic.twitter.com/hESYr9ntM8
— ANI (@ANI) March 16, 2018
- संसद के बाहर TDP का विरोध जारी, कहा- बीजेपी तलाक,तलाक, तलाक
'#BJP Talaq talaq talaq': #TDP continues protest in #Parliament
— ANI Digital (@ani_digital) March 16, 2018
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- जब कोई अविश्वास प्रस्ताव चला जाता है तो 50 सांसदों को इसके समर्थन में खड़ा होना चाहिए और 50 सांसद खड़े हो गए, लेकिन अध्यक्ष ने कहा कि इसे नहीं माना जा सकता। तो, मैं पूछना चाहता हूं कि सरकार को क्या डर लगता है? उनके पास लोकसभा में भारी बहुमत है- कांग्रेस शशि थरूर
When a no-confidence motion is moved 50 MPs should stand in its support & 50 MPs stood, but Speaker said it cannot be considered as House is not in order. So, I want to ask what does govt fear? They have huge majority in Lok Sabha: Congress' Shashi Tharoor on today's proceedings pic.twitter.com/dZ2x7xyjtQ
— ANI (@ANI) March 16, 2018
-संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर हंगामे तो लेकर लोकसभा की कार्यवाही सोमवार तक स्थगित कर दी गई है।
- लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव को समर्थन देने वाले सांसदों की गिनती हंगामे के बीच करना मुमकिन नहीं है। इस तरह लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पेश हुए बिना ही सदन की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी गई है।
- कांग्रेस नेता रेणुका चौधरी ने कहा, आंध्र प्रदेश के लोगों के साथ हमारी प्रतिबद्धता जारी है और मोदी सरकार इसको हमसे अलग नहीं कर सकती। केंद्र सरकार के नीतियों का खुद ही पर्दाफाश हो रहा है।
Our commitment to people of AP continues & this govt has no business to take away that right of ours. It is only right that we fight collectively, it is the principle we are fighting on. Centre has exposed itself and that it does not stand by any ally: Renuka Chowdhury, Congress pic.twitter.com/OYID3MkL3X
— ANI (@ANI) March 16, 2018
- JDU नेता केसी त्यागी ने कहा- एक इतने बड़े गठबंधन में विचारों को लेकर छोटे-मोटे मतभेद आम बात है। एनडीए सरकार को इससे कोई खतरा नहीं है।
In a big alliance, small difference of opinions happen. There is no danger to NDA government. But, #TDP withdrawing from NDA is unfortunate: KC Tyagi, JDU pic.twitter.com/83C8XDRS5I
— ANI (@ANI) March 16, 2018
- बीजेपी नेता जीवीएल नरसिम्हन राव ने कहा, राज्य सरकार और टीडीपी सोचती है कि ऐसा करने से जनादेश खिलाफ हो सकती है, तो वह गलत हैं। बीजेपी राजनीतिक पार्टी के तौर पर आंध्र प्रदेश में खुद का कायम करने की कोशिश कर रही है। आंध्र प्रदेश लिए यह एक और त्रिपुरा साबित होगा।
The state govt & TDP are feeling the pinch of the public opinion going against them and BJP will use this as an opportunity to grow as a political party and emerge as a dominant political force in Andhra Pradesh. For us it will prove to be the next Tripura: GVL Narasimha Rao,BJP pic.twitter.com/b7FrxYF8Km
— ANI (@ANI) March 16, 2018
- टीडीपी सांसद जयदेव गल्ला ने दिल्ली में कहा, बीजेपी ने डर्टी गेम खेलना शुरू कर दिया है। आपने देखा ना तमिलनाडु में उन्होंने क्या किया। बीजेपी छोटे दलों को प्रोत्साहित करके बड़े पार्टियों के भीतर दरार पैदा करने की कोशिश में लगी है।
BJP has started to play its dirty games. What they did in Tamil Nadu, how they tried to encourage smaller parties and create rift within larger parties, now, they are trying to bring similar strategies to AP. We have no confidence in the government: Jaydev Galla, TDP MP in Delhi pic.twitter.com/dOfvuWU8kj
— ANI (@ANI) March 16, 2018
- केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने टीडीपी के अविश्वास प्रस्ताव के बारे में कहा, हम देख लेंगे संसद में क्या होता है। देखते हैं कौन सी पार्टी किस और जाती है। अभी चुनाव का वक्त सारे राज्य अलग-अलग डिमांड करेंगे।
Will see what happens in Parl, which party chooses to go which way. In a way it is election year & every state has demands & issues, it is not right for us to comment on it. It is a custom, before actual elections there is always a rehearsal in Parl: MA Naqvi on BJP-TDP break-up pic.twitter.com/OZSVLLfh9X
— ANI (@ANI) March 16, 2018
-टीडीपी सांसद थोटा नरसिम्हन ने अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए लोकसभा के सचिव को लिखा पत्र।
Letter of TDP MP Thota Narasimhan to Lok Sabha Secretary-General for moving motion on 'No-Confidence in the Council of Ministers' in the House. pic.twitter.com/Zwg5qge3Sw
— ANI (@ANI) March 16, 2018
- सीपीआईएम के नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि आंध्र प्रदेश के साथ धोखे को माफ नहीं किया जा सकता है। अब मोदी सरकार को सबक सिखाना ही होगा। सीपीआईएम भी अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करेगी।
CPI(M) supports no-confidence motion being brought against BJP govt. Its betrayal of the promise of special status for Andhra Pradesh is inexcusable. Its all-round failure & evasion of parliamentary accountability needs to be highlighted, tweets CPI(M)'s Sitaram Yechury(File Pic) pic.twitter.com/HRCxsvffcs
— ANI (@ANI) March 16, 2018
- पश्चिम बंगाल में टीएमसी नेता ममता बनर्जी ने भी टीडीपी के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा , 'मैं सभी राजनीतिक दलों से अपील करती हूं कि सभी राजनीतिक मिलकर काम करें।
I welcome the TDP's decision to leave the NDA. The current situation warrants such action to save the country from disaster. I appeal to all political parties in the Opposition to work closely together against atrocities, economic calamity&political instability: Mamata Banerjee pic.twitter.com/zRKBWMdKbL
— ANI (@ANI) March 16, 2018
- आंध्र प्रदेश के एक्साइज मिनिस्टर केएस जवाहर ने कहा कि बीजेपी ने तेलुगू जनता को धोखा दिया है और इस बार भी उन्होंने ऐसा ही किया है, इसलिए हम अपना सर्मथन वापस ले रहे हैं।
BJP has cheated Telugu people, this time also they have succeeded in doing so, we will be moving a no-confidence motion (in the Parliament): KS Jawahar, Andhra Pradesh Minister pic.twitter.com/10jwZaPDiZ
— ANI (@ANI) March 16, 2018
सूत्रों की मानें तो वाईएसआर को इस अविश्वास प्रस्ताव पर टीडीपी के साथ कई अन्य विपक्षी पार्टियों का भी साथ मिल सकता है। पिछले हफ्ता टीडीपी ने यह कह कर केन्द्र सरकार का साथ छोड़ा था कि केंद्र ने उन्हें आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की बात कही थी। लेकिन वह अब अपनी बातों से मुंह मोड़ रहे हैं।
इसपर वित मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि अगर हम आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देते हैं तो बिहार, झारखंड और ओडिशा जैसे राज्य भी ऐसी मांग उठा सकते हैं। इसके बाद ही कैबिनेट में टीडीपी के दो मंत्रियों ने इस्तीफा दिया था। वहीं बीजेपी के दो मंत्रियों ने भी आंध्र प्रदेश में इस्तीफे दिए थे।
क्या है अविश्वास का प्रस्ताव
अविश्वास का प्रस्ताव को निंदा प्रस्ताव, अविश्वास प्रस्ताव या विश्वास प्रस्ताव कहा जाता है। ये एक संसदीय प्रस्ताव है, जिसे पारंपरिक रूप से विपक्ष द्वारा संसद में एक सरकार को हराने या कमजोर करने की उम्मीद से रखा जाता है। या फिर दुर्लभ उदाहरण के रूप में यह एक तत्कालीन समर्थक द्वारा पेश किया जाता है, जिसे सरकार में विश्वास नहीं होता। यह प्रस्ताव नये संसदीय मतदान द्वारा पारित किया जाता है या अस्वीकार किया जाता है।
भारत में कब रखा गया पहला अविश्वास का प्रस्ताव
भारत में पहली बार संसद के इतिहास में अगस्त 1963 में जे बी कृपलानी ने अविश्वास प्रस्ताव रखा था। ये तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की सरकार के खिलाफ था। 1963 से लेकर अब तक संसद में 25 बार अविश्वास प्रस्ताव रखा जा चुका है। जिसमें से 24 बार यह प्रस्ताव असफल रहा है। लेकिन 1978 में अविश्वास प्रस्ताव ने मोरारजी देसाई की सरकार को गिरा दिया था।
कैसे पास होगा अविश्वास प्रस्ताव
लोकसभा अविश्वास प्रस्ताव तभी स्वीकार करेगा जब कम से कम 50 सांसद इसके समर्थन में होंगे। संसद की कार्यप्रणाली के तहत लोकसभा स्पीकर वाईएसआर कांग्रेस फ्लोर लीडर से प्रस्ताव पेश करने को कहेंगी। इसमें अगर 50 सांसदों ने सर्मथन कर दिया तो मोदी सरकार के खिलाफ पहला अविश्वास प्रस्ताव होगा। हालांकि ये कार्यवाही तभी हो सकती है, जब सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चले ।