तमिलनाडु की राजनीति में फिर भूचाल: दिनाकरन ने सरकार गिराने की ली शपथ, सीएम ने बुलाई आपात बैठक
By खबरीलाल जनार्दन | Updated: December 25, 2017 11:49 IST2017-12-25T09:02:29+5:302017-12-25T11:49:24+5:30
अम्मा की सीट जीतने के बाद टीटीवी दिनाकरन ने कहा कि तमिलानाडु की AIADMK सरकार तीन महीने में गिर जाएगी।

तमिलनाडु की राजनीति में फिर भूचाल: दिनाकरन ने सरकार गिराने की ली शपथ, सीएम ने बुलाई आपात बैठक
तमिलनाडु के आरके नगर उपचुनाव में ऐतिहासिक जीत दर्ज करने के बाद टीटीवी दिनाकरन के सरकार गिराने की बात कही है। उनके मुताबिक सबकुछ उनके पक्ष में है, तीन महीने के भीतर वह तमिलनाडु सरकार गिरा देंगे। आरके नगर सीट पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता की थी। उनकी मौत होने और करीबी शशिकला के जेल जाने के बाद पार्टी के दो फाड़ हो गए थे। इसलिए दिनाकरन ने आरके नगर में अम्मा की पार्टी के उम्मीदवार खिलाफ चुनाव लड़ना पड़ा।
दिनाकरन, शशिकला के भतीजे हैं। शशिकला और दिनाकरण दोनों खुद को अम्मा का उत्तराधिकारी समझते हैं। इसीलिए जब इस साल के शुरुआत में शशिकला को आय से अधिक संपत्ति के मामले में बैंगलुरु जेल भेजा गया तो उन्होंने दिनाकरन को पार्टी की कमान सौंपी थी। लेकिन अम्मा की पार्टी आल इंडिया अन्नाद्रमुक (AIADMK) में पलानीस्वामी और पन्नीरसेल्वम गुट ज्यादा प्रभावी है। उन्होंने दिनाकरन को हाशिए पर कर दिया।
असल में दिनाकरन हमेशा पर्दे के पीछे रहकर राजनीति के लिए जाने जाते थे। वह 1999 में पेरियाकुलम सीट से लोकसभा गए और 2004 में राज्यसभा। इसके अलावा तमिलनाडु की राजनीति और दूसरी पार्टियों से जोड़-घटाना में हमेशा वह एआईएडीएमके के प्रमुख चेहरे रहे। लेकिन वह पर्दे के पीछे रहे। शशिकला ने जब उन्हें पार्टी का उपमहाचिव बनाया तब बात बिगड़ी। पार्टी के प्रमुख चेहरे पनीसेल्वम व पलानीस्वामी को यह मंजूर नहीं हुआ।
इसके बाद दिनाकरन ने एआईएडीएमके पर दावा ठोंका और चुनाव आयोग में दो पत्तियों वाले चुनाव चिह्न के लिए गए। लेकिन उन्हें चुनाव अधिकारियों को रिश्वत देने मामले में गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद से उनकी राजनीति खत्म मानी जाने लगी थी। लेकिन उसी वक्त दिनाकरन ने तमिलनाडु सरकार को गिराने की शपथ ले ली। अब उनके आरके नगर सीट जीतने से तमिलनाडु की राजनीति में एक बार फिर से नये समीकरण बनने के कयास लगाए जा रहे हैं।
इसका प्रमाण भी मिलने लगे हैं। मुख्यमंत्री पलानीस्वामी और उप-मुख्यमंत्री पनीरसेल्वम ने आरके नगर हारने के तुरंत बाद पार्टी हेडक्वाटर में एक आपात बैठेक बुलाई है। इसमें सभी पार्टी पदाधिकारियों को बुलाया गया है। बैठक में आरके नगर सीट हारने और इससे होने वााले प्रभावों के बारे में समीक्षा होगी।
Chennai: Tamil Nadu CM E Palanisamy & Deputy CM O Panneerselvam call an emergency high level committee meeting at the AIADMK HQ to discuss on party's performance in #RKNagarByPoll
— ANI (@ANI) December 25, 2017
दिनाकरन के AIADMK में हाशिए किए जाने के बाद के परिणाम
आल इंडिया अन्नाद्रमुक में हाशिए पर किए गए नेता टीटीवी दिनाकरन ने रविवार को राधाकृष्ण नगर (आरके नगर) विधानसभा सीट के लिए हुए उपचुनाव में जीत दर्ज की है। उन्होंने एआईएडीएमके उम्मीदवार ई मधुसूदनन को 40,707 वोटों के अंतर से हराया। यहां से निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़े दिनाकरन को 89,013 हजार वोट मिले, जबकि मधुसूदनन को 48,306 वोट मिले। डीएमके के एन मरुधु गणेश महज 24,681 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे।
दिनाकरन के समर्थकों ने मिठाइयां बांटकर, पटाखे जलाकर व ढोल-नगाड़ों के साथ जीत का जश्न मनाया। दिनाकरन शुरुआत से ही आगे चल रहे थे और मतगणना के आगे बढ़ने के साथ उनके व प्रतिद्वंद्वियों के बीच मतों का अंतर बढ़ता गया। इससे पहले दिन में संवाददाताओं से बातचीत में मदुरै हवाईअड्डे पर दिनाकरन ने कहा कि के पलनीस्वामी की अगुवाई वाली सरकार तीन महीनों में गिर जाएगी। उन्होंने कहा कि आरके नगर के लोगों ने तमिलनाडु के लोगों की राय जाहिर की है।
आरके नगर उपचुनाव में बीजेपी की जमानत जब्त हो गई
इस उपचुनाव में 2373 मतदाताओं ने 'इनमें से कोई नहीं (नोटा)' के विकल्प का इस्तेमाल किया। इससे भी कम वोट भाजपा के उम्मीदवार के नागराजन को मिले। नागराजन को 1,417 वोट मिले। नाम तमिझार पार्टी के कालिकोटुध्याम को 3,860 वोट मिले। आरके नगर विधानसभा सीट पूर्व मुख्यमंत्री दिवगंत जे जयललिता के पांच दिसम्बर, 2016 को निधन के बाद से रिक्त थी। इस सीट के लिए मतदान 21 दिसम्बर को हुआ, जिसमें करीब 1.77 लाख मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। दिनाकरन के 'प्रेशर कुकर' के मुकाबले एआईएडीएमके के 'दो पत्तियों' की हार पार्टी के संस्थापक और दिवंगत मुख्यमंत्री एमजी रामचंद्रन की 30वीं पुणयतिथि पर हुई है।
अपनी जीत के बाद यहां पत्रकारों से दिनाकरन ने कहा कि वह निर्दलीय उम्मीदवार थे, लेकिन एआईएडीएमके के कार्यकर्ता उनके साथ थे। दिनाकरन और मधुसूदनन को छोड़कर शेष 57 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई। वे कुल वोटों का एक छठा हिस्सा हासिल करने में विफल रहे।
16 साल बाद किसी निर्दलीय ने जीता आरके नगर सीट
दिनाकरन 2001 के बाद पहले निर्दलीय विधायक है, जिन्होंने जीत हासिल की है। उनसे पहले राधापुरम सीट से एम अप्पावु ने बतौर निर्दलीय उम्मीदवार जीत दर्ज की थी। इस पहले, चाची वीके शशिकाला को जेल हो जाने के बाद पार्टी के उपमहासचिव के रूप में दिनाकरन को हाशिए पर धकेल दिया गया था, जिसके बाद उन्होंने बतौर निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया।
इस बीच कई पार्टियों के नेताओं ने दिनाकरन की जीत को पैसे की जीत करार दिया है। डीएमके नेता एम.के. स्टालिन ने एक बयान में कहा है कि उपचुनाव में पार्टी की हार वास्तव में चुनाव आयोग के लिए एक बहुत बड़ी हार है। उन्होंने दावा किया कि पुलिस यह सुनिश्चित करने में नाकाम रही कि चुनाव निष्पक्ष और स्वतंत्र तरीके से हो। उन्होंने कहा कि जब मतदान चल रहा था, तब भी मतदाताओं को रिश्वत देने पर चुनाव आयोग चुप रहा था।