तमिलनाडु विधानसभा चुनाव 2021ः कांग्रेस ने समितियां गठित कीं, 32 उपाध्यक्ष, 57 महासचिव और 104 सचिव नियुक्त
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: January 2, 2021 06:27 PM2021-01-02T18:27:24+5:302021-01-02T18:29:21+5:30
तमिलनाडु विधानसभा चुनावः पार्टी के संगठन महासचिव के. सी. वेणुगोपाल की ओर से जारी बयान के मुताबिक, कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इन नियुक्तियों और समितियों के गठन को स्वीकृति प्रदान की.
नई दिल्लीः कांग्रेस ने कुछ महीने बाद होने जा रहे तमिलनाडु विधानसभा चुनाव के मद्देनजर शनिवार को अपनी राज्य इकाई के लिए 32 उपाध्यक्षों समेत कई पदाधिकारियों की नियुक्ति की और कई समितियों एवं चुनाव प्रबंधन दल का गठन किया.
पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम और मणिशंकर अय्यर तथा कई अन्य वरिष्ठ नेताओं को विभिन्न समितियों में स्थान दिया गया है. पार्टी के संगठन महासचिव के. सी. वेणुगोपाल की ओर से जारी बयान के मुताबिक, कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इन नियुक्तियों और समितियों के गठन को स्वीकृति प्रदान की.
तमिलनाडु प्रदेश कांग्रेस कमेटी के लिए 32 उपाध्यक्ष, 57 महासचिव और 104 सचिव नियुक्त किए गए हैं. इसके साथ ही, पार्टी ने कार्यकारी समिति के सदस्य और 32 जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भी नियुक्त किए हैं. कांग्रेस ने प्रदेश चुनाव समिति, चुनाव समन्वय समिति, चुनाव अभियान समिति, प्रचार समिति, घोषणापत्र समिति, मीडिया समन्वय समिति और चुनाव प्रबंधन दल का गठन किया है.
तमिलनाडु में इस साल अप्रैल-मई में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित है. कांग्रेस के द्रमुक की अगुवाई वाले गठबंधन में शामिल होकर चुनाव लड़ने की संभावना है. इस बीच, कांग्रेस ने कृष्ण बरुआ को एनएसयूआई की असम इकाई का अध्यक्ष नियुक्त किया है.
चिदंबरम और अय्यर को अहम जिम्मेदारी: पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदंबरम को कार्यकारी समिति के साथ ही प्रदेश चुनाव समिति और चुनाव समन्वय समिति तथा अय्यर को प्रदेश चुनाव समिति एवं घोषणापत्र समिति में जगह दी गई है. सांसद मणिकम टैगोर, कार्ति चिदंबरम और ज्योति मणि को भी विभिन्न समितियों में शामिल किया गया है.
नियुक्ति पर कार्ति ने उठाए सवाल: कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने इन नियुक्तियों पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि इससे कोई लक्ष्य पूरा नहीं होगा. उन्होंने ट्वीट किया, ''इन विशाल समितियों से कोई लक्ष्य पूरा नहीं होता. 32 उपाध्यक्ष, 57 महासचिव और 104 सचिव. किसी के पास कोई ताकत नहीं होगी जिसका मतलब यह है कि कोई जवाबदेही भी नहीं होगी.''