जयपुर, 12 सितंबर: राजस्थान के आगामी विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और कांग्रेस दोनों कमर कस ली है। बीजेपी, कांग्रेस के अलावा बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) भी राजस्थान में चुनाव की तैयारी में है। लेकिन आज भले तीन ही पार्टियां प्रमुखता से चुनावी मैदान में हों, पर जब पहली बार राजस्थान में चुनाव हुए थे तब समीकरण कुछ और थे। राज्य में विधानसभा चुनाव सबसे पहले 1951 में हुआ था। इस चुनाव में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी के रूप में सामने आई थी।
पहले ही 5 सालों में मुख्यमंत्री बदले गए। सबसे पहले श्री सी एस वेंकटचार्य (6 जनवरी 1951) राज्य के पहले निर्वाचित मुख्यमंत्री बने। इसके तुरंत बाद ही पार्टी में फेरबदल हुई और जिसके बाद जय नारायण व्यास ने 26 अप्रैल 1951 को मुख्यमंत्री पद संभाला। इस चुनाव में कुल 160 सीटों के लिए चुनाव हुए थे, जिसके लिए कुल 616 उम्मीदवार मैदान में उतरे थे।
- कुल मतदाता: 76, 76, 419 - कितने लोगों ने मतदान किया: 33, 61, 850- वैध मत: 32, 61, 442 - अवैध मत: 75, 408- वोट पड़े: 36,69 प्रतिशत - कितने सीटों निर्विरोध निर्वाचन हुआ: 7 सीटों - उम्मीदवार: 616 - सबसे बड़ी पार्टी को मिले वोट: 12, 86, 953 मत
- सबसे बड़ी पार्टी की सीटः कांग्रेस की 82 सीटों पर जीत - सबसे बड़ी पार्टी: कांग्रेस
विपक्ष की सीटें-
ऑल इंडिया भारतीय जनसंघ-8एचएमएस-2 कृषिकर लोक पार्टी (केएलपी)-7 केएमपीपी-1 अखिल भारतीय राम राज्य परिषद (आरआरपी)-24 एसपी-1 निर्दलीय-35 कुल- 78 सीटें विपक्ष के झोली में आई थीं।
वैसे तो इस विधानसभा चुनाव में कई महिला प्रत्याशी मैदान में उतरी थी। लेकिन उनमें कोई महिला प्रत्याशी विधानसभा सीट जीत नहीं पाई थी। इस चुनाव के दौरान उम्मीदवार साइकिल और ऊट गाड़ियों पर जाकर प्रचार करते थे।(यह डाटा चुनाव आयोग के आधिकारिक वेबसाइट से लिया गया है)