गुजरात विधानसभा चुनाव के दूसरे और अंतिम चरण में पीएम नरेंद्र मोदी ने लाइन में लगकर वोट डाला। राणिप बूथ में वोट डालने के बाद पीएम मोदी ने घरों के बाहर और सड़कों पर खड़े लोगों का हाथ हिलाकर अभिवादन किया। इस दौरान वह काफी दूर तक पैदल चलकर भी गए और फिर अपने काफिले में भी कार से बाहर हाथ हिलाते हुए आगे बढ़े। इस दौरान 'मोदी-मोदी' के नारे लगते रहे। टीवी पर इसका वीडियो चला और वायरल हो गया। विपक्षी दल और आलोचकों ने पीएम मोदी के इस रोडशो की निंदा की है साथ ही चुनाव आयोग पर भी निष्पक्षता खत्म करने के आरोप लगाए जा रहे हैं। 2014 लोकसभा चुनावों के दौरान भी पीएम मोदी ने वोट डालने के बाद कमल का चिन्ह दिखाया था जिसके बाद विवाद पैदा हुआ था। देखिए वीडियो...
चुनाव आयोग की साख पर सवाल
कांग्रेसी नेता रणदीप सुरजेवाला, शशि थरूर और अहमद पटेल ने पीएम मोदी के इस कदम की निंदा की है। इनका कहना है कि आचार संहिता का उल्लंघन किया गया है। इसके अलावा प्रशांत भूषण ने ट्वीट किया कि मौजूदा चुनाव आयुक्त एके ज्योति ने चुनाव आयोग की स्वतंत्रता को खत्म करने का काम किया है। योगेंद्र यादव का कहना है कि इस चुनाव में जीत हार चाहे जिसकी हो लेकिन असली हार चुनाव आयोग की हुई है। बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का इंटरव्यू चलाए जाने पर एक टीवी चैनल को नोटिस भेजा जा चुका है।
विजय रूपाणी की सफाई
गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने इन आरोपों पर सफाई पेश की है। उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि इतनी भीड़ थी तो उसमें पीएम मोदी ने सिर्फ अपनी उंगली दिखाकर ये बताया कि मैंने वोट कर दिया है, आप लोग भी वोटिंग कीजिए। उन्होंने कोई चुनाव चिन्ह नहीं दिखाया है। उन्होंने सिर्फ अभिवादन किया जो आचार संहिता का उल्लंघन नहीं है।