लाइव न्यूज़ :

आज ही के दिन NTR ने नई पार्टी बनाकर रोक दी थी कांग्रेस की आंधी, पढ़िए TDP का इतिहास

By भारती द्विवेदी | Updated: March 29, 2018 07:22 IST

एनटी रामराव ने आंध्र प्रदेश से कांग्रेस के हटाने के उद्देश्य से 29 मार्च 1982 को अपनी पार्टी तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) का गठन किया।

Open in App
ठळक मुद्देटीडीपी के मुखिया एन चंद्रबाबू नायडू एनटी रामाराव के दामाद हैं।साल 1993 में एनटी रामाराव ने सत्तर साल की उम्र में तेलुगु लेखिका लक्ष्मी पार्वती से दोबारा शादी की। 1984 के आम चुनाव में टीडीपी लोकसभा में मुख्य विपक्ष के रूप में थी। टीडीपी ऐसा करने वाली पहली क्षेत्रीय दल बन गई थी।

नन्दमूरि तारक रामाराव यानी एनटीआर। दुनिया इस शख्स को उनके उपनाम एनटी रामाराव के नाम से ही जानती है। एक ऐसा शख्स जिसने लोकसभा चुनाव में आंध्र प्रदेश में कांग्रेस की आंधी तब रोक दिया था, जब पूरे देश में इंदिरा गांधी की मौत के बाद कांग्रेस की लहर थी तब एनटी रामाराव ने साउथ से कांग्रेस को करारा झटका दिया था। इससे पहले वे दक्षिण भारत के सिनेमा के बड़े स्टार थे।

एक इंटरव्यू से बात फैली कि एनटी रामराव राजनीति में आएंगे

फिल्म ‘सरदार पापारायडू’ की शूटिंग ऊंटी में शुरू हुई थी। इस फिल्म में एनटी रामाराव एक ऐसा किरदार निभा रहे थे, जो समाज में हो रहे गलत के खिलाफ लड़ता है। ब्रेक टाइम में एनटी रामाराव कुर्सी पर बैठकर आंखें बंद करके अपने डायलॉग्स याद कर रहे थे। उसी समय कुछ पत्रकार उनसे मिलने आया और बातचीत शुरू हुई। पत्रकार ने एनटी रामाराव से  सवाल करते हुए ये पूछा कि अगले छह महीने में आप साठ साल के हो जाएंगे। क्या आप कोई बड़ा फैसला लेने वाले हैं? कुछ देर सोचने के बाद उन्होंने पत्रकार को जवाब दिया कि मेरा जन्म एक छोटे से गांव निम्माकुरू में हुआ है। तेलुगु भाषी लोगों ने पिछले 30 सालों में मुझे अपने दिल में जगह दी है और मुझे सपोर्ट किया है। वो लोग मेरी फिल्में देखते हैं, जिसकी वजह मैं अमीर हुआ हूं। लोगों ने ही मुझे इज्जत और शोहरत दी है। मैं तेलुगु भाषी लोगों का कर्जदार हूं और अब मैं उस कर्ज को चुकाना चाहता हूं। मेरे अगले जन्मदिन से मैं हर महीने के 15 दिन लोगों की सेवा करूंगा। उनके इस बयान को सारी फिल्मी मैगजीन ने बड़े उत्साह से छापा। वहीं नेल्लोर के एक न्यूजपेपर ने ये छापा कि एनटी रामाराव अपनी पार्टी लॉन्च करेंगे। पेपर में छपने के बाद हर जगह ये बात जंगल की आग की तरह फैली। लोगों ने इस बात को गंभीरता से लिया और चर्चा करने लगे।

किन हालातों में एनटी रामाराव ने पार्टी का गठन किया

साल 1978 के आम चुनाव में कांग्रेस पार्टी 37 प्रतिशत वोट लेकर सत्ता में आ गई। कांग्रेस पार्टी के सत्ता में आने के बाद से राजनीतिक और सामाजिक स्थिति बिगड़ने लगी। कांग्रेस पार्टी पर लगातार भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे। कांग्रेस के पांच साल के इस राज को लोग ’गोल्डन ऐज ऑफ करप्शन’ के नाम से बुलाने लगे थे। इन पांच सालों में कांग्रेस पार्टी ने चार बार मुख्यमंत्री का कमान अलग-अलग लोगों को सौंपा। आंध्र के लोग कांग्रेस सरकार के इस तरीके से बेहद ही नाखुश थे। तब तक राज्य की राजनीति और लोगों को देखकर एनटी रामाराव ने राजनीति में उतरने का फैसला कर लिया था। हालांकि उनके इस फैसले पर उनके दोस्तों ने काफी आपत्ति जताई थी। उनके दोस्तों के मुताबिक वो राजनीति की सच्चाई जानते हैं फिर वो क्यों राजनीति में जाना चाहते हैं। लेकिन एनटी रामाराव ने सोच लिया था कि तेलुगु के लोगों के लिए उन्हें राजनीति में आना है।

वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस से नाखुश नेता एनटी रामाराव के फैसले का इंतजार कर रहे थे कि वो कब पार्टी गठन का ऐलान करेंगे। 21 मार्च 1982 को ऊंटी से हैदराबाद लौटने पर उनके फैंस और कुछ नेताओं ने उनका शानदार स्वागत किया। 28 मार्च 1982 को हैदराबाद में 13 सदस्यों वाली स्टियरिंग कमिटी का गठन हुआ। उधर कांग्रेस के विधायक भास्कर राव एनटी रामाराव के साथ आने के लिए ना सिर्फ विधायक के पद से इस्तीफा दिया बल्कि कांग्रेस की प्राथमिकी सदस्यता भी छोड़ दी थी। 29 मार्च को दिन के ढाई बजे एनटी रामाराव और उनके समर्थक नए एमएलए र्क्वाटर में जमा हुए। एमएलए र्क्वाटर में जमा लोगों ने एनटी रामाराव जिंदाबाद के नारे लगाने शुरू कर दिए। अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए एनटी रामाराव ने नई पार्टी का ऐलान किया। और इस तरह 29 मार्च 1982 को आंध्र प्रदेश में तेलुगु देशम पार्टी का गठन हुआ। 

एनटी रामाराव का जीवन परिचय

आंध्र प्रदेश के निम्माकुरु गांव में 28 मई 1923 को एक किसान दंपत्ति नंदामूरि और वेंकेट रमणा के घर एनटी रामाराव का जन्म हुआ था। साल 1943 में एनटी रामाराव ने अपनी ममेरी बहन बासव तारकम से शादी की। एनटी रामाराव और बासव के आठ बच्चे हुए। 1949 में तेलुगु फिल्म 'मना देसम' ( हमारा देश) से फिल्मों की दुनिया में एंट्री ली। साल 1949 से लेकर 1982 तक अपनी फिल्मी करियर के दौरान उन्होंने ज्यादातर हिंदू देवी-देवताओं और पौराणिक कथाओं पर आधारित फिल्में की। 1982 के मार्च में उन्होंने 'तेलुगु देशम पार्टी' का गठन किया। साल 1983 में आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव में एनटी रामाराव की पार्टी ने 294 सीट में से 199 सीट जीत ली। 9 जनवरी 1983 को एनटी रामाराव ने आंध्र प्रदेश में पहले गैर कांग्रेसी मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। 

15 अगस्त 1984 को राज्यपाल राम लाल ने एनटी रामाराव को हटाकर उन्हीं के वित्तमंत्री भास्कर राव को मुख्यमंत्री बना दिया। साल 1984 में हुए लोकसभा चुनाव में एनटी रामाराव की पार्टी आंध्र प्रदेश की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। यहां तक की लोकसभा में टीडीपी मुख्य विपक्षी पार्टी थी। 1984 में आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव में तेलुगु देशम पार्टी फिर से बहुमत से जीती।। 1985 में एनटी रामाराव की पत्नी बासव तारकम की निधन हो गया। 1989 के चुनाव में एनटी रामाराव हारे और विपक्ष में बैठे, लेकिन 1994 में एक बार फिर एनटी रामाराव ने जीत हासिल की और मुख्यमंत्री बने। मुख्यमंत्री बनने के 9 महीने के बाद ही एनटी रामाराव के दामाद एन चंद्रबाबू नायडू ने उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी से हटा दिया और खुद मुख्यमंत्री बन गए। 1996 में एनटी रामाराव की मौत हो गई।

टॅग्स :तेलगु देशम पार्टीआंध्र प्रदेश निर्माण दिवस
Open in App

संबंधित खबरें

भारतCyclone Ditwah: तमिलनाडु में चक्रवात दित्वा का असर, झमाझम बारिश, IMD ने रेड अलर्ट जारी किया, भूस्खलन की कोई संभावना नहीं

भारतAndhra Pradesh: कुरनूल में 2 कारों की जोरदार टक्कर, दो बच्चों समेत 5 की दर्दनाक मौत

क्राइम अलर्टAndhra Pradesh: यूएस वीजा न मिलने पर डॉक्टर ने की खुदखुशी, महिला का सुसाइड नोट बरामद

बॉलीवुड चुस्कीऐश्वर्या राय बच्चन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पैर छुए, वीडियो

भारतAndhra Pradesh: सुरक्षाबलों ने 7 माओवादियों को किया ढेर, मरने वालों में 3 महिलाएं भी शामिल

राजनीति अधिक खबरें

राजनीतिDUSU Election 2025: आर्यन मान को हरियाणा-दिल्ली की खाप पंचायतों ने दिया समर्थन

राजनीतिबिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी से मिलीं पाखी हेगड़े, भाजपा में शामिल होने की अटकलें

राजनीतिBihar voter revision: वोटरों की सही स्थिति का पता चलेगा, SIR को लेकर रूपेश पाण्डेय ने कहा

राजनीतिबिहार विधानसभा चुनावः बगहा सीट पर बीजेपी की हैट्रिक लगाएंगे रुपेश पाण्डेय?

राजनीतिगोवा विधानसभा बजट सत्रः 304 करोड़ की 'बिना टेंडर' परियोजनाओं पर बवाल, विपक्ष का हंगामा