नयी दिल्ली, 30 जून (भाषा) असम के राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के मुद्दे पर तृणमूल कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे की वजह से आज राज्य सभा की बैठक तीन बार के स्थगन के बाद अंतत: दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई। हंगामे की वजह से आज उच्च सदन में शून्यकाल और प्रश्नकाल भी नहीं हो पाए।
असम में एनआरसी का बहुप्रतीक्षित दूसरा और अंतिम मसौदा आज जारी होने के बाद विपक्षी दलों के सदस्य इसे अधूरा बताते हुये इस पर सदन में चर्चा कराने की मांग कर रहे थे। सुबह सदन की बैठक शुरु होने पर सभापति एम वैंकेया नायडू ने जैसे ही शून्यकाल शुरू करने को कहा, तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन ने एनआरसी का मुद्दा उठाया। उनकी पार्टी के सदस्यों के साथ ही कांग्रेस और सपा के सदस्यों ने भी एनआरसी के मुद्दे पर तत्काल चर्चा की मांग की।
नायडू ने कहा कि उन्हें इस मुद्दे पर चर्चा के लिए न तो कोई नोटिस मिला है और न ही कोई पत्र मिला है। उन्होंने कहा कि आज कुछ सदस्यों ने उनसे मुलाकात की और कहा कि आज वह एनआरसी का मुद्दा सदन में उठाना चाहते हैं।
सभापति ने कहा कि उन्होंने खुद गृह मंत्री से सदन में आने का अनुरोध किया ताकि सदस्यों के सवालों के जवाब दिए जा सकें। नायडू ने सदस्यों से शांत होने की अपील करते हुए कहा कि वह स्वयं चाहते हैं कि एनआरसी के मुद्दे पर सदन में चर्चा हो।
उन्होंने कहा कि गृह मंत्री राजनाथ सिंह सदन में मौजूद हैं और वह चाहेंगे कि गृह मंत्री एनआरसी के मुद्दे पर अपना पक्ष रखें। नायडू ने हंगामा कर रहे सदस्यों से अपील की कि वे कार्यवाही चलने दें। इसी दौरान तृणमूल कांग्रेस के सदस्य आसन के समक्ष आ गए। सदन में व्यवस्था बनते न देख उन्होंने बैठक को 11 बज कर करीब पांच मिनट पर दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।
दोपहर 12 बजे बैठक शुरु होते ही विपक्षी दलों के सदस्यों ने एक बार फिर यह मुद्दा उठाने की कोशिश की। सदन में हंगामे की स्थिति बनते देख नायडू ने बैठक दोपहर दो बजे तक के लिये स्थगित कर दी।
दोपहर दो बजे सदन की बैठक शुरु होने पर ब्रायन ने सभापति से यह मुद्दा उठाने की फिर अनुमति मांगी। नायडू ने शून्य काल में इस विषय पर बोलने की अनुमति देने का हवाला देते हुये सदन की कार्यवाही चलने देने का सदस्यों से अनुरोध किया। इस अपील का कोई असर न होते देख उन्होंने बैठक को दस मिनट के लिये स्थगित कर दिया। बैठक फिर से शुरू होने पर ब्रायन ने नियम 267 के तहत दिये गये नोटिस का हवाला देते हुये सभापति से चर्चा कराने की मांग की। नायडू द्वारा अनुमति नहीं देने पर तृणमूल कांग्रेस के अन्य सदस्य आसन के समीप आने लगे। इस पर नायडू ने बैठक कल तक के लिये स्थगित कर दी।
उल्लेखनीय है कि असम के नागरिकों की पहचान के लिए सबूत माने जाने वाले एनआरसी का पहला मसौदा 31 दिसंबर और एक जनवरी की मध्य रात्रि को जारी हुआ था। एनआरसी में शामिल होने के लिए मिले 3.29 करोड़ आवेदनों में से केवल 2.89 करोड़ आवेदनों को ही गुवाहाटी में आज जारी दूसरे मसौदे के लिए पात्र माना गया।
आज जारी दूसरे और अंतिम मसौदे को लेकर ही उच्च सदन में कांग्रेस, सपा और तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने हंगामा किया। इससे पहले बैठक शुरू होने पर उच्च सदन के दिवंगत पूर्व सदस्य एन तंगराज पांडियन को श्रद्धांजलि दी गई।
उच्च सदन में जून 1992 से जून 1998 तक तमिलनाडु का प्रतिनिधित्व कर चुके पांडियन का 17 जुलाई 2018 को 61 वर्ष की उम्र में निधन हो गया था। सदस्यों ने पांडियन के सम्मान में कुछ पलों का मौन रखा।
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