नई दिल्लीः कांग्रेस पर भाजपा ने बड़ा आरोप लगाया है। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि मोदी जी के नेतृत्व में देश को आगे बढ़ाने का पूरा रोडमैप तैयार है।
गलवान घाटी में हुई घटना पर भी कांग्रेस ने राजनीति की, ये वहीं कांग्रेस है जब 2017 के अगस्त में चीन और भारत का स्टैंड ऑफ हो रहा था, उस समय राहुल गांधीचीन के राजदूत के साथ गुपचुप मुलाकात कर रहे थे। चाइना और कांग्रेस का गुपचुप रिश्ता है।
नड्डा ने कहा कि आज ही मैंने टेलीविजन में देखा और दंग हूं कि राजीव गांधी फाउंडेशन को 2005-06 में people's republic of china और चाइनीज एंबेसी ने मोटी रकम राजीव गांधी फाउंडेशन को दिया। देश जानना चाहता है कि राजीव गांधी फाउंडेशन को इतना पैसा किस बात के लिए दिया गया था और उन्होंने देश में क्या स्टडी की थी, ये भी देश जानना चाहता है।
ये चाइना से फंड लेते हैं और उसके बाद वो स्टडी कराते हैं, जो देश के हित में नहीं, और ये उसके लिए वातावरण तैयार करते हैं। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि साल 2005-06 में राजीव गांधी फाउंडेशन को चीन से तीन लाख अमेरिकी डॉलर की राशि मिली थी।
प्रसाद ने कहा कि 2008 में कांग्रेस ने चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के साथ एक MoU किया था
इसके बाद केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि 2008 में कांग्रेस ने चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के साथ एक MoU किया था। जिसमें राहुल गांधी खुद साइन कर रहे थे और पीछे सोनिया जी और चीन के अभी के राष्ट्रपति शी जिनपिंग खड़े थे। अब तक कांग्रेस ने ये नहीं बताया कि पार्टी-से-पार्टी का ये रिश्ता क्यों बना?
नड्डा ने कहा कि कांग्रेस को यह बताना चाहिए कि इतनी मोटी रकम किस बात के लिए राजीव गांधी फाउंडेशन को मिली थी , जिसकी अध्यक्ष कांग्रेस नेता सोनिया गांधी हैं। नड्डा ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी फाउंडेशन के सदस्य हैं।
नड्डा ने ये गंभीर आरोप मध्य प्रदेश जनसंवाद नाम से आयोजित एक डिजिटल रैली को दिल्ली से संबोधित करते हुए लगाए
नड्डा ने ये गंभीर आरोप मध्य प्रदेश जनसंवाद नाम से आयोजित एक डिजिटल रैली को दिल्ली से संबोधित करते हुए लगाए। इस रैली को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी संबोधित किया। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे आश्चर्य होता है कि राजीव गांधी फाउंडेशन को 2005-06 में पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना और चीनी दूतावास ने तीन लाख अमेरिकी डॉलर क्यों दिए।’’ नड्डा ने कहा कि विपक्ष के लोग विरोध के नाम पर किस तरीके से ‘‘दोस्ती’’ निभाते हैं, यह इसका एक उदाहरण है।
नड्डा ने कहा, ‘‘देश जानना चाहता है कि राजीव गांधी फाउंडेशन को तीन लाख अमेरिकी डॉलर किस लिए दिए गए थे। एक परिवार की गलतियों के कारण 43 हजार वर्ग किलोमीटर हमारी भूमि चली गई। चीन से ये फंड लेते हैं और उसके बाद वो स्टडी कराते हैं, जो देश के हित में नहीं है और ये उसके लिए वातावरण तैयार करते हैं।’’ उन्होंने कहा कि लोगों को अपने पक्ष में करने के बहुत से तरीके होते हैं। ‘‘आज चीन के खिलाफ ऐसे खड़े हैं जैसे इनके बराबर का कोई दूसरा प्रहरी ही नहीं हो।’’