राजस्थान में बड़ा प्रशासनिक फेरबदल, 144 अधिकारियों के तबादले, 2019 बैच के 89 अफसर शामिल
By भाषा | Updated: June 29, 2020 15:26 IST2020-06-29T15:26:05+5:302020-06-29T15:26:31+5:30
राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार ने बड़ा प्रशासनिक फेरबदल किया है। सरकार ने 144 अफसरों के तबादले किए हैं।आदेश में 2019 बैच के 89 अधिकारियों को भी शामिल किया गया है।

अधिकारियों के अनुसार कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए सरकार ने इन्हें पदस्थापित करने का फैसला किया है। (file photo)
जयपुरः स्थानीय निकाय व पंचायतों के प्रस्तावित चुनावों से पहले राजस्थान सरकार ने राज्य प्रशासनिक सेवा के 144 अधिकारियों के तबादले किए हैं। कार्मिक विभाग ने रविवार देर रात इस बारे में एक आदेश जारी किया।
इसके अनुसार तीन दर्जन से ज्यादा उपखंड अधिकारी एसडीएम को बदला गया है। वहीं, आठ अधिकारियों के पहले किए गए तबादले रद्द किए गए हैं तो तीन अधिकारियों को पदस्थापन्न की प्रतीक्षा में रखा गया है। राज्य निर्वाचन आयोग ने जिला परिषदों व पंचायत समितियों के चुनाव कराने की तैयारी कर ली है हालांकि इसका कार्यक्रम अभी घोषित नहीं किया गया है।
राज्य में 129 स्थानीय निकायों का कार्यकाल अगस्त में पूरा होगा। आदेश में 2019 बैच के 89 अधिकारियों को भी शामिल किया गया है, जिनके प्रशिक्षण के दो महीने अभी बाकी हैं। अधिकारियों के अनुसार कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए सरकार ने इन्हें पदस्थापित करने का फैसला किया है।
जब से मोदी सरकार आई पड़ोसी देशों से हमारे रिश्ते खराब हुए : गहलोत
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की विदेशी नीति पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि जब से यह सरकार सत्ता में आई है पड़ोसी देशों के साथ हमारे संबंध खराब हुए हैं। गहलोत ने कहा, 'जब से राजग की यह सरकार आई है तब से देख रहे हैं कि हमारे पड़ोसी देशों के साथ संबंध बिगड़ते गए।' गहलोत हैशटैग 'स्पीक अप फोर आवर जवांस' के साथ एक वीडियो संदेश ट्वीटर पर शेयर किया है। इसमें उन्होंने कहा है,'जब से राजग की यह सरकार आई है तब से देख रहे हैं कि हमारे पड़ोसी देशों के साथ संबंध बिगड़ते गए।
उन्होने कहा कि जब नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने तो दक्षिण एशिया के तमाम पड़ोसी देशों के राष्ट्रपतियों को बुलाया गया था और वे आये भी थे। क्या कारण है कि आज तमाम पड़ोसी देश हमारे खिलाफ हो गए चाहे वह पाकिस्तान हो, नेपाल हो या श्रीलंका हो ।' गहलोत के अनुसार,' चीन की बात अब हमारे सामने है। अभी तक यह रहस्य बना हुआ है कि चीन के साथ आखिर हुआ क्या है। प्रधानमंत्री मोदी को देशवासियों को विश्वास में लेना चाहिए था। परंतु दुर्भाग्य है जो तथ्य पेश किए देश के सामने उसका स्वागत चीन में हो रहा है।
मोदी हमारे प्रधानमंत्री हैं लेकिन उनके बयानों का स्वागत चीन की मीडिया व वहां के लोग कर रहे हैं तो आप समझ सकते हैं कि कितनी बड़ी चूक है।' उन्होंने कहा है, 'आज देश जिस दशा से गुजर रहा है उसे लेकर देशवासी बहुत चिंतित हैं, केंद्र सरकार की तरफ से कोई जवाब आ नहीं रहे हैं। चीन को लेकर बहुत आक्रोश है। आज नहीं तो कल प्रधानमंत्री को देशवासियों को हकीकत बतानी पड़ेगी कि वास्तव में वहां पर हुआ क्या है, उसे छिपाने से काम नहीं चलेगा।'