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Rajasthan Political Crisis: सीएम गहलोत के करीबी पर शिकंजा, 12 करोड़ की नकदी और 1.5 crore रुपये के आभूषण जब्त, 43 ठिकानों पर तलाशी

By सतीश कुमार सिंह | Updated: July 18, 2020 21:28 IST

अधिकारियों ने शुक्रवार और शनिवार को बताया कि आयकर विभाग ने दिल्ली, मुंबई, जयपुर और कोटा में 43 ठिकानों पर तलाशी लगभग पूरी करने के बाद करीब 1.5 करोड़ रुपये के आभूषण भी जब्त किए हैं।

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ठळक मुद्देराजस्थान के तीन कारोबारी समूहों के ठिकानों पर तलाशी के बाद करीब 12 करोड़ रुपये नकद जब्त किए हैं। राजस्थान में सत्तारूढ़ कांग्रेस के सामने पैदा हुए सियासी संकट के बीच 13 जुलाई से ये तलाशी शुरू की गयी थी।

नई दिल्ली/राजस्थानः राजस्थान में सियासी संकट जारी है। इस बीच आयकर विभाग ने सीएम अशोक गहलोत के करीबी पर नकेल कसना शुरू कर दिया है। दिल्ली, मुंबई और जयपुर सहित कई जगह रेड पड़े।

आयकर विभाग ने कर चोरी के आरोप में इस सप्ताह की शुरुआत में राजस्थान के तीन कारोबारी समूहों के ठिकानों पर तलाशी के बाद करीब 12 करोड़ रुपये नकद जब्त किए हैं। अधिकारियों ने शुक्रवार और शनिवार को बताया कि आयकर विभाग ने दिल्ली, मुंबई, जयपुर और कोटा में 43 ठिकानों पर तलाशी लगभग पूरी करने के बाद करीब 1.5 करोड़ रुपये के आभूषण भी जब्त किए हैं।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि डेढ़ करोड़ रुपये के गहनों के अतिरिक्त अनेक परिसरों से करीब 12 करोड़ रुपये नकद जब्त किए गए हैं। उन्होंने कहा कि कुल नकदी में से कम से कम पांच करोड़ रुपये मुंबई के एक लॉकर से जब्त किए गए हैं, वहीं चार शहरों में ऐसे करीब एक दर्जन बैंक खातों पर रोक लागू है। राजस्थान में सत्तारूढ़ कांग्रेस के सामने पैदा हुए सियासी संकट के बीच 13 जुलाई से ये तलाशी शुरू की गयी थी।

आयकर विभाग ने रतनकांत शर्मा, सुनील कोठारी, राजीव अरोड़ा और धर्मेंद्र राठौर को समन भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया है। बताया जाता है कि ये सभी राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत के करीबी हैं। बता दें कि आयकर विभाग ने इनके ठिकाने पर बीते दिनों राजस्थान, दिल्ली और मुंबई में छापा मारा था, आयकर विभाग की ये कार्रवाई राजस्थान में चल रहे सियासी हलचल के बीच हुई है।

कर चोरी मामले में राजस्थान के कारोबारी समूह के खिलाफ दिल्ली, जयपुर, मुंबई में आयकर विभाग के छापे

नयी दिल्ली/जयपुर, 13 जुलाई (भाषा) राजस्थान में सत्तारूढ़ कांग्रेस पर संकट के बीच, आयकर विभाग ने सोमवार को कथित कर चोरी के मामले में एक लोकप्रिय ज्वेलरी चेन समेत तीन व्यापारिक प्रतिष्ठानों के 43 परिसरों पर छापे मारे। इनके संबंध कांग्रेस नेताओं से है। सीबीडीटी ने देर रात जारी बयान में बताया , "आयकर विभाग ने तीन समूहों के जयपुर में 20, कोटा में छह, दिल्ली में आठ और मुंबई में नौ परिसरों पर तलाशी और सर्वेक्षण अभियान चलाया। " सीबीडीटी आयकर विभाग की नीति निर्माता संस्था है। बयान में बताया गया है, "कागज़, डायरी, डिजिटल डेटा के रूप में कई सबूत मिले हैं जो नकद में सोने-चांदी की खरीद फरोख्त, संपत्तियों में नकद का निवेश समेत अन्य का संकेत देते हैं। "

अधिकारियों ने बताया कि विभाग के दल ने आम्रपाली ज्वेलर्स के परिसरों पर छापे मारे। इसके मालिक राजीव अरोड़ा हैं, जो राजस्थान प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष हैं। साथ में ओम मेटल्स इंफ्राप्रोजेक्ट्स लिमिटेड पर भी छापा मारा गया है। माना जाता है कि इसके प्रवर्तक राज्य में कांग्रेस नेताओं के करीबी हैं। यह छापेमारी ऐसे वक्त हुई है जब राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच सियासी खींचतान चल रही है। सत्तारूढ़ पार्टी ने इसकी आलोचना की है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता धर्मेंद्र राठौड़ के परिसरों की भी तलाशी ली गई है। उन्होंने कहा कि इस कार्रवाई में पुलिस अधिकारियों के अलावा आयकर विभाग के कम से कम 80 कर्मचारी जुटे हैं।

सीबीडीटी ने किसी भी समूह का नाम नहीं लिया है, लेकिन छापेमारी के कारण बताए हैं। बयान में बताया गया है, "एक समूह होटल, पनबिजली परियोजनाएं, धातु और ऑटो क्षेत्र जैसे कई कारोबारी गतिविधियों में शामिल है। यह संदेह है कि उसने इन गतिविधियों से अर्जित बेहिसाब आय को रीयल स्टेट में निवेश किया है।" बयान में बताया गया है कि दूसरा समूह सोने-चांदी के जेवरात के व्यापार और चांदी के प्राचीन सामान के कारोबार में शामिल है तथा ब्रिटेन और उसके अमेरिका समेत अलग अलग देशों में सहयोगी उद्यम हैं और उन देशों में संपत्तियां और बैंक खाते हैं। सीबीडीटी ने कहा, " इस समूह के खिलाफ मुख्य आरोप यह है कि वह अपनेचांदी के जेवरात का काफी कारोबार नियमित बही खातों से इतर कर रहा है। "

कर चोरी के मामले मे राजस्थान की कंपनी के प्रमोटरों को तलब करेगा आयकर विभाग

आयकर विभाग राजस्थान के तीन कारोबारी समूहों के प्रमोटरों को जल्द तलब करेगा जिनके परिसरों पर उसने कथित कर चोरी के मामले में इस सप्ताह की शुरुआत में छापे मारे थे। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जांच अधिकारियों ने इन कंपनियों के ठिकानों पर तलाशी के दौरान इनके कुछ कर्मचारियों के बयान दर्ज किए। राजस्थान में सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी में गहराते राजनीतिक संकट के बीच कंपनी के मुंबई, दिल्ली, कोटा और जयपुर स्थित 43 परिसरों पर 13 जुलाई को तलाशी शुरू हुई थी।

अधिकारियों ने बताया कि जिन कारोबारी समूहों पर छापे मारे गए, उनके मुख्य कर्ताधर्ताओं को सम्मन जारी किये जाएंगे। उन्होंने कहा कि उनके व्यापार के बारे में और जानकारी जुटाने तथा जब्त सामग्री से उनका सामना कराने के लिए पूछताछ जरूरी है। अधिकारियों ने बताया था कि तलाशी के बाद करीब 12 करोड़ रुपये नकद और डेढ़ करोड़ रुपये के गहने जब्त किए गए। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने सोमवार को कहा था कि तीन समूहों के जयपुर में 20 परिसरों पर, कोटा में छह, दिल्ली में आठ और मुंबई में नौ ठिकानों पर तलाशी और सर्वे अभियान चलाया गया।

प्रमोटर आर के शर्मा तथा एक अन्य कांग्रेस नेता धर्मेंद्र राठौर के परिसरों पर छापे मारे गए

विभाग ने समूहों की पहचान उजागर नहीं की, लेकिन अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली और राजस्थान में ओम मेटल्स इन्फ्राप्रोजेक्ट्स, राजस्थान कांग्रेस के नेता राजीव अरोड़ा के जयपुर स्थित आम्रपाली ज्वेल्स तथा जयपुर में एक आलीशान होटल के प्रमोटर आर के शर्मा तथा एक अन्य कांग्रेस नेता धर्मेंद्र राठौर के परिसरों पर छापे मारे गए। यह छापेमारी ऐसे वक्त हुई है जब राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच सियासी खींचतान चल रही है।

सत्तारूढ़ पार्टी ने इसकी आलोचना की है। बयान में बताया गया, ‘‘एक समूह होटल, पनबिजली परियोजनाएं, धातु और ऑटो क्षेत्र जैसी कई कारोबारी गतिविधियों में शामिल है। यह संदेह है कि उसने इन गतिविधियों से अर्जित बेहिसाब आय को रीयल स्टेट में निवेश किया है।’’

बयान में बताया गया है कि दूसरा समूह सोने-चांदी के जेवरात के व्यापार और चांदी के प्राचीन सामान के कारोबार में शामिल है तथा ब्रिटेन और अमेरिका समेत अलग अलग देशों में उसके सहयोगी उद्यम हैं और उन देशों में संपत्तियां और बैंक खाते हैं।

सीबीडीटी ने कहा, ‘‘इस समूह के खिलाफ मुख्य आरोप यह है कि वह अपने चांदी के जेवरात का काफी कारोबार नियमित बही खातों से इतर कर रहा है।’’ बयान में बताया गया है कि तीसरा समूह होटल कारोबार में शामिल है। उसमें कहा गया है कि इसमें उसके निवेश के स्रोत को सत्यापित किया जाना है।

इनपुट एजेंसी से

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