जयपुरः केन्द्र की पीएम मोदी सरकार की सियासी बेइमानी कांग्रेस में नई जान डाल रही है. कर्नाटक, एमपी, महाराष्ट्र के बाद जिस तरह से केन्द्र की पीएम मोदी सरकार राजस्थान में सियासी बेइमानी दिखा रही है, उसके नतीजे भविष्य में बीजेपी को भुगतने होंगे, क्योंकि अटल बिहारी वाजपेयी की सैद्धांतिक पार्टी वाली छवि तो लगभग ढेर हो चुकी है.
खबर है कि राजस्थान में जारी सियासी संग्राम के बीच सीएम अशोक गहलोत ने पीएम नरेंद्र मोदी से बात की. सीएम गहलोत का कहना था कि उन्होंने राज्यपाल कलराज मिश्र के बारे में रविवार को पीएम मोदी से बात की और राज्यपाल के व्यवहार के बारे में उन्हें अवगत कराया.
उन्होंने कहा कि- मैंने सात दिन पहले भेजे पत्र पर भी पीएम मोदी से बात की. उल्लेखनीय है कि गत सप्ताह, सीएम गहलोत ने पीएम मोदी को एक पत्र लिखकर राजस्थान के राजनीतिक हालात से अवगत कराते हुए कहा था कि- ऐसा उन्होंने इसलिए किया ताकि कल को वे ये ना कह दें कि मुझे इसकी जानकारी ही नहीं थी. हालांकि, यह साफ है कि पीएम मोदी सारे सियासी हालात से अनभिज्ञ तो नहीं हैं, लेकिन सीएम गहलोत ने पत्र भेज कर इस सियासी बेइमानी को इतिहास के पन्नों में जरूर दर्ज करवा दिया है.
वर्ष 2014 के बाद कांग्रेस के पास सियासी मुद्दे लगभग खत्म हो गए थे, परन्तु जिस तरह की सियासी तोड़फोड़ विभिन्न राज्यों में चल रही है, उससे कांग्रेस को नए मुद्दे मिल गए हैं, लिहाजा कांग्रेस लगातार आक्रामक होती जा रही है. सियासी जोड़तोड़ से वर्तमान में भले ही बीजेपी को फायदा नजर आ रहा हो, किन्तु भविष्य में उसे इसका नुकसान ही होगा!
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