राजस्थान में आज दूसरी विधायक दल की बैठक, कांग्रेस के न्योते पर पायलट ने कहा- नहीं जाऊंगा
By पल्लवी कुमारी | Published: July 14, 2020 07:26 AM2020-07-14T07:26:55+5:302020-07-14T07:26:55+5:30
Rajasthan Government Crisis: राजस्थान में सत्तारूढ़ कांग्रेस में उठे सियासी बवंडर के बीच पार्टी ने आज फिर विधायक दल की दूसरी बैठक बुलाई है। उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने दावा किया है कि अशोक गललोत की सरकार खतरे में हैं। 30 विधायक उनके सम्पर्क में हैं।
जयपुर: राजस्थान में चल रहे सियासी उठापठक (Rajasthan Government Crisis) के बीच मंगलवार (14 जुलाई) सुबह 10 बजे फिर से विधायक दल की बैठक बुलाई गई है। कांग्रेस पार्टी नेतृत्व को उम्मीद है कि नाराज चल रहे उप मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट (Sachin Pilot) और अन्य कई विधायक इसमें शामिल होंगे। सचिन पायलट को कांग्रेस मनाने की कोशिश में लगी हुई है। हालांकि, पायलट के करीबी सूत्रों का कहना है कि राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के खिलाफ अपने बागी रुख पर कायम हैं। वैसे, कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व पायलट को मनाने की कोशिशों के तहत उनके संपर्क में है। सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने पायलट से बात की है और उनसे कहा है कि वे मुख्यमंत्री के खिलाफ बगावत नहीं करें।
राजस्थान में कांग्रेस पार्टी में चल रहे अंर्तकलह को शांत करवाने के लिए पार्टी आलाकमान की तरफ से जयपुर भेजे गए तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल रणदीप सिंह सुरजेवाला ने बताया कि मंगवार को सुबह विधायक दल की दूसरी बैठक बुलाई गई है। इधर खबर है कि कांग्रेस के न्योते पर सचिन पायलट ने कहा है कि वह इस बैठक में नहीं जाएंगे।
कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा- हम उम्मीद करते हैं इस बैठक में सब आएंगे
कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने सोमवार (13 जुलाई) को कहा, 'कल सुबह दस बजे कांग्रेस विधायक दल की एक और बैठक होगी।' उन्होंने कहा, एक बार फिर हम सचिन पायलट, सभी विधायक साथियों को लिखकर भी भेज रहे हैं ... उनसे अनुरोध करते हैं कि आइए राजनीतिक यथास्थिति पर चर्चा करें। राजस्थान को कैसे मजबूत करें- ये चर्चा करें। अगर किसी व्यक्ति विशेष से कोई मतभेद है तो खुले मन से वो भी कहिए, कांग्रेस नेतृत्व ... सोनिया गांधी एवं राहुल गांधी सबकी बात सुनने और उसका हल निकालने के लिए संपूर्ण रूप से तैयार हैं।'
सुरजेवाला ने कहा,कल (14 जुलाई) दस बजे यह बैठक है और मुझे यह विश्वास है कि कांग्रेस पार्टी के सारे विधायक, मंत्री, उपमुख्यमंत्री एव मुख्यमंत्री इसमें भाग लेंगे।
कांग्रेस का दावा- : 109 विधायक सीएम गहलोत के समर्थन में
कांग्रेस पार्टी कहा है कि कांग्रेस और उसके समर्थक निर्दलीय सहित 109 विधायकों ने अशोक गहलोत के नेतृत्व में भरोसा जताया है। कांग्रेस विधायक दल की बैठक सोमवार दोपहर भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निवास में हुई। उसमें कांग्रेस के साथ साथ उसके समर्थक निर्दलीय, माकपा के एक, बीटीपी के दो एवं आरएलडी के एक विधायक शामिल हुए। इस बैठक के बाद इन सभी विधायकों को दिल्ली रोड पर एक होटल में ले जाया गया है। सुरजेवाला ने दावा किया कि 109 विधायकों ने अशोक गहलोत सरकार में अपना विश्वास जताया। उन्होंने कहा,'109 विधायकों ने अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली सरकार के प्रति समर्थन पत्र भी दिया और विश्वास भी जताया।' कांग्रेस नेता ने कहा,' इस विश्वास के साथ इन विधायकों ने भाजपा के विधायकों के खरीद फरोख्त के मंसूबों को फेल कर दिया। उन्होंने प्रजातंत्र के चीर-हरण की भाजपा की कोशिशों को खारिज कर दिया।'
सचिन पायलट का दावा- उनके साथ 30 से अधिक विधायक
सचिन पायलट ने रविवार (12 जुलाई) शाम दावा किया था कि उनके साथ 30 से अधिक विधायक हैं और अशोक गहलोत सरकार अल्पमत में है। दूसरी तरफ, कांग्रेस के विधायकों को बसों द्वारा फेयरमॉन्ट होटल में ले जाया जाना इस बात का संकेत है कि संकट अभी खत्म नहीं हुआ है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि मौजूदा संकट के निपटने तक संभवत: ये विधायक वहीं रुकेंगे।
विधायकों को प्रलोभन देकर राज्य की निर्वाचित कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने के प्रयासों के आरोपों पर राजस्थान पुलिस के विशेष कार्यबल (एसओजी) ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट व सरकार के मुख्य सचेतक महेश जोशी को बयान देने के लिए नोटिस जारी किया था।
एसओजी ने गत शुक्रवार को ही इस बारे में एक प्राथमिकी दर्ज की थी। इस नोटिस के बाद से ही सचिन पायलट की नाराजगी खुलकर सामने आ गई और राजस्थान में सियासी उठापटक का दौर शुरू हो गया। एसओजी ने इस बारे में दो मोबाइल नंबरों की निगरानी से सामने आये तथ्यों के आधार पर राज्य में विधायकों की खरीद-फरोख्त और निर्वाचित सरकार को अस्थिर करने के आरोपों के संबंध में शुक्रवार को मामला दर्ज किया। एसओजी अधिकारियों के अनुसार इन नंबरों पर हुई बातचीत से ऐसा प्रतीत होता है कि राज्य सरकार को गिराने के लिए सत्तारूढ़ पार्टी के विधायकों को प्रलोभन दिया जा रहा है।