नई दिल्ली: कांग्रेस भले ही राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार से संकट टलने की बात कह रही हो लेकिन अभी भी गहलोत खेमे के विधायक होटल में ही ठहरे हुए हैं। मिल रही जानकारी के मुताबिक, 12 अगस्त तक सभी विधायक वहीं रहेंगे। ऐसे में साफ है कि पायलट के वापसी के बाद भी अशोक गहलोत संकट टलने को लेकर अभी पूरी तरह से निश्चिंत नहीं हुए हैं।
इसी बीच बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा है कि ऐसा लगता है कि राजस्थान की गहलोत सरकार सुरक्षित है लेकिन अभी कहा नहीं जा सकता कि अशोक गहलोत और पायलट के बीच ड्रामा फिर से कब शुरू हो जाए।
मायावती ने कहा कि बीएसपी यही कहना चाहती है कि इन दोनों के बीच विवाद से लोगों का नुकसान हुआ है। BSP प्रमुख मायावती ने कहा कि राज्यपाल को राजस्थान की हालत पर संज्ञान लेना चाहिए और अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी को निभाना चाहिए।
इसके साथ ही बसपा सुप्रीमो ने कहा कि जब सरकार को कोरोना के खिलाफ लड़ाई में ध्यान देना चाहिए तब राजस्थान में कांग्रेस के नेताओं के बीच सत्ता के लिए जो कलह हुआ उससे कहीं न कहीं प्रदेश की व्यवस्था व जनता को नुकसान हुआ है। मायावती ने कहा कि अभी सबकुछ सही नहीं कहा जा सकता है। मुझे उम्मीद है कि आने वाले समय में फिर से ऐसे हालात पैदा होंगे।
BSP विधायकों के कांग्रेस में विलय मामले में दायर याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई-
राजस्थान में बहुजन समाज पार्टी ( बसपा BSP) के छह विधायकों के कांग्रेस में विलय होने से संबंधित मामले में दायर याचिका पर आज (11 अगस्त) सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) सुनवाई करेगी। न्यायमूर्ति अरूण मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने सोमवार (10 अगस्त) को कहा कि हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ बीजेपी विधायक की याचिका पर छह विधायकों द्वारा अलग से दायर याचिका पर मंगलवार को सुनवाई होगी।
बीजेपी विधायक मदन दिलावर ने कांग्रेस में शामिल हुये बसपा के छह विधायकों के कांग्रेस विधायक के रूप में काम करने पर रोक लगाने से इंकार करने के हाई कोर्ट (Rajasthan High Court) के आदेश को चुनौती दी है। याचिका में कहा गया है कि 14 अगस्त से शुरू होने वाले राजस्थान विधानसभा सत्र में इन छह बसपा विधायकों के वोटिंग अधिकार को रोका जाए।
यहां समझे पूरा मामला
बसपा के छह विधायक 2019 में कांग्रेस में शामिल हो गए थे। जिसके बाद बीजेपी विधायक मदन दिलावर ने अयोग्य ठहराने की मांग वाली याचिका दायर की है। जिसके बाद राजस्थान विधानसभा के स्पीकर/अध्यक्ष सीपी जोशी ने 29 जुलाई को अयोग्य ठहराए जाने की याचिका को खारिज कर दिया था।
जिसके बाद बीजेपी विधायक मदन दिलावर ने हाई कोर्ट में इससे संबंधित याचिका डाली लेकिन कोर्ट ने मामले में 30 जुलाई को सुनवाई करते हुए सीपी जोशी को नोटिस जारी किया लेकिन स्पीकर के निर्देश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।
वहीं बसपा के भी इन छह विधायकों ने अलग से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। छह विधायकों ने अपनी याचिका में शीर्ष अदालत से अनुरोध किया है कि हाई कोर्ट में लंबित बीजेपी विधायक दिलावर की याचिका वह अपने यहां स्थानांतरित करे।