राजस्थान पाॅलिटिकल फिल्मः इसलिए... जयपुर-टू-जैसलमेर!
By प्रदीप द्विवेदी | Published: July 31, 2020 09:36 PM2020-07-31T21:36:26+5:302020-07-31T21:36:26+5:30
विधायकों की खरीद-फरोख्त के रेट बढ़ गए हैं. यही नहीं, जयपुर में लंबे समय तक रुकने के कारण यहां की सुरक्षा व्यवस्था की जानकारियां भी सभी के पास थीं, मतलब- ऐसे हालात में दो-चार एमएलए का इधर-उधर हो जाना मुश्किल नहीं था और एक बार होटल से बाहर निकल गए तो फिर उन्हें तलाशना भी आसान नहीं था.
जयपुरः राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत के समर्थक विधायक लंबे समय से जयपुर में थे, लेकिन अचानक उन्हें जयपुर से जैसलमेर शिफ्ट किया गया है, कारण? राजस्थान का सियासी खेल अब अंतिम चरण में पहुंच गया है, इसलिए सियासी जोड़तोड़ की प्रक्रिया भी तेज हो जाएगी.
सीएम गहलोत ने तो प्रेस से कहा भी था कि प्रदेश में विधायकों की खरीद-फरोख्त के रेट बढ़ गए हैं. यही नहीं, जयपुर में लंबे समय तक रुकने के कारण यहां की सुरक्षा व्यवस्था की जानकारियां भी सभी के पास थीं, मतलब- ऐसे हालात में दो-चार एमएलए का इधर-उधर हो जाना मुश्किल नहीं था और एक बार होटल से बाहर निकल गए तो फिर उन्हें तलाशना भी आसान नहीं था.
इसके अलावा, सभी राजनीतिक दलों के सक्रिय दिग्गज नेता राजधानी जयपुर में हैं ही, विधायकों के परिवारजन भी आसानी से होटल तक पहुंच पा रहे थे, अर्थात- घरवालों के जरिए कोई संदेश पहुंचाना तो आसान था ही, बाहरी दबाव की भी आशंका थी. जैसलमेर, दिल्ली-जयपुर से दूर तो है ही, यहां जयपुर जैसी चहल-पहल भी नहीं है, लिहाजा हर गतिविधि पर पक्की नजर रखी जा सकती है.
यही कारण रहे हैं कि सीएम गहलोत समर्थक विधायकों को जैसलमेर ले जाया गया है. उल्लेखनीय है कि सीएम गहलोत समर्थक कांग्रेस विधायक जयपुर के फेयरमोंट होटल से निकल कर अब जैसलमेर पहुंच गए हैं. चार्टर्ड प्लेन से ये एमएलए जैसलमेर पहुंचे हैं. राजनीतिक जानकारों का मानना है कि हो सकता है, कुछ दिनों बाद इन विधायकों को किसी और जगह शिफ्ट कर दिया जाए, ताकि इन्हें तोड़ने की विरोधियों की रणनीति कामयाब नहीं हो पाए!