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राहुल गांधी का मोदी सरकार पर हमला, कहा- पेट्रोल-डीजल की कीमतें कम करने के बजाय बढ़ाईं, इसे वापस लेना चाहिए

By रामदीप मिश्रा | Updated: May 6, 2020 13:33 IST

नकदी संकट से जूझ रही केंद्र सरकार को पेट्रोल-डीजल पर उत्पाद शुल्क में रिकॉर्ड बढ़ोत्तरी से चालू वित्त वर्ष में 1.6 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व मिल सकता है। इससे सरकार को कोरोना वायरस संकट के चलते लॉकडाउन (बंद) से हो रहे राजस्व नुकसान की भरपाई करने में मदद मिलेगी।

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ठळक मुद्दे उत्पादन शुल्क घटाने जाने को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष व पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने सरकार से मांग की है कि इस निर्णय को वापस लिया जाना चाहिए।राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि कोरोनावायरस से जारी लड़ाई हमारे करोड़ों भाइयों और बहनों के लिए गंभीर आर्थिक कठिनाई का कारण बन रही है।

नई दिल्लीः केन्द्र सरकार की नरेंद्र मोदी सरकार ने पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 10 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर उत्पाद शुल्क 13 रुपए प्रति लीटर बढ़ा दिया। उत्पाद शुल्क में इस बढ़ोतरी के बाद लोगों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की घटी कीमतों का कोई भी फायदा नहीं मिल पाएगा। उत्पादन शुल्क घटाने जाने को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष व पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने सरकार से मांग की है कि इस निर्णय को वापस लिया जाना चाहिए।

राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'कोरोनावायरस से जारी लड़ाई हमारे करोड़ों भाइयों और बहनों के लिए गंभीर आर्थिक कठिनाई का कारण बन रही है। इस समय, कीमतें कम करने के बजाय, पेट्रोल और डीजल पर 10-13 रुपये प्रति लीटर कर बढ़ाने का सरकार का निर्णय अनुचित है और इसे वापस लिया जाना चाहिए। 

इससे पहले कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने पेट्रोल एवं डीजल पर उत्पाद शुल्क बढ़ाए जाने को लेकर सरकार की आलोचना करते हुए ट्वीट किया, 'कच्चे तेल के दामों में भारी गिरावट का फायदा जनता को मिलना चाहिए। लेकिन भाजपा सरकार बार-बार एक्साइज ड्यूटी बढ़ाकर जनता को मिलने वाला सारा फायदा अपने सूटकेस में भर लेती है।' 

कांग्रेस की उत्तर प्रदेश प्रभारी ने दावा किया, 'कच्चे तेल की कीमत में गिरावट का फायदा जनता को मिल नहीं रहा है और जो पैसा इकट्ठा हो रहा है उससे भी मजदूरों, मध्यम वर्ग, किसानों और उद्योगों की मदद हो नहीं रही है। आख़िर सरकार पैसा इकट्ठा किसके लिए कर रही है?' नकदी संकट से जूझ रही केंद्र सरकार को पेट्रोल-डीजल पर उत्पाद शुल्क में रिकॉर्ड बढ़ोत्तरी से चालू वित्त वर्ष में 1.6 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व मिल सकता है। इससे सरकार को कोरोना वायरस संकट के चलते लॉकडाउन (बंद) से हो रहे राजस्व नुकसान की भरपाई करने में मदद मिलेगी। मंगलवार देर रात सरकार ने पेट्रोल पर 10 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 13 रुपये प्रति लीटर उत्पाद शुल्क बढ़ा दिया। 

अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें दो दशक के निचले स्तर पर चली गयी हैं। इस स्थिति का लाभ उठाने के लिए सरकार ने यह निर्णय किया है। औद्योगिक सूत्रों के मुताबिक दो महीने से कम की अवधि में यह दूसरी बार उत्पाद शुल्क बढ़ाया गया है। वित्त वर्ष 2019-20 के बराबर उपभोग होने पर इससे सरकार को 1.7 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय होने की उम्मीद है। 

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