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कांग्रेस अध्यक्ष पद पर वापसी के सवाल पर राहुल गांधी बोले- कृपया इसी मुदु्दे पर लिखा गया मेरा एक साल पुराना पत्र पढ़िए

By भाषा | Published: May 08, 2020 9:38 PM

कांग्रेस नेता और केरल से सांसद राहुल गांधी से पूछा गया कि क्या वह फिर से कांग्रेस अध्यक्ष बनेंगे। इस पर पार्टी के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि आप लोग मेरा पत्र पढ़िए, जो मैंने पिछले साल लिखा था।

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ठळक मुद्देअध्यक्ष पद पर वापसी की संभावना से जुड़े सवाल पर कहा, ‘‘ आप (पत्रकार), कृपया इसी मुदु्दे पर लिखा गया मेरा एक साल पुराना पत्र पढ़िए।’’ गौरतलब है कि पिछले साल लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद गांधी ने इस्तीफा दिया था।

नई दिल्लीः कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने फिर से पार्टी अध्यक्ष की जिम्मेदारी नहीं संभालने के अपने रुख पर अडिग रहने का संकेत देते हुए शुक्रवार को कहा कि इसी मुद्दे पर एक साल पहले लिखे गए पत्र को पढ़ना चाहिए।

उन्होंने अध्यक्ष पद पर वापसी की संभावना से जुड़े सवाल पर कहा, ‘‘ आप (पत्रकार), कृपया इसी मुदु्दे पर लिखा गया मेरा एक साल पुराना पत्र पढ़िए।’’ वह कोविड-19 की स्थिति को लेकर संवाददाताओं से वीडियो लिंक के माध्यम से बातचीत कर रहे थे।

गौरतलब है कि पिछले साल लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद गांधी ने इस्तीफा दिया था। अपने त्यागपत्र को सार्वजनिक करते हुए उन्होंने कहा था कि वह हार की जिम्मेदारी ले रहे हैं। उन्होंने कहा था, ''कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर 2019 के चुनाव की हार की जिम्मेदारी मेरी है। हमारी पार्टी के भविष्य के विकास के लिए जवाबदेही होना महत्वपूर्ण है। इसी कारण से मैंने कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया है।'' 

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने लॉकडाउन से बाहर निकलने के लिए रणनीति बनाने की मांग करते हुए शुक्रवार को कहा कि इस स्थिति से निपटने के लिए लोगों के बीच से इस वायरस से जुड़ा डर का माहौल खत्म करना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार के कदमों में पारदर्शिता होनी चाहिए तथा सरकार छोटे कारोबारों की तत्काल मदद करे और गरीबों एवं मजदूरों के खातों में 7500 रुपये डाले।

गांधी ने वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए संवाददाताओं से कहा, ‘‘ हमें छोटे कारोबारों, मजदूरों की मदद करनी होगी। लोगों की नौकरियां जा रही हैं। अगर हम अभी मदद नहीं करते हैं तो (बेरोजगारी की) सुनामी आ जाएगी।’’ उन्होंने कहा कि सरकार जो कदम उठाए उसमें पारदर्शिता होनी चाहिए।

गांधी ने कहा, ‘‘अगर हमें लॉकडाउन से बाहर निकलना है तो हमें डर खत्म करना होगा। यह बताना होगा कि कोविड 99 प्रतिशत लोगों के लिए खतरनाक नहीं हैं। जिन एक फीसदी लोगों के लिए यह खतरनाक है उनकी हमें सुरक्षा करनी होगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगर इस लड़ाई को हम पीएमओ में रखेंगे तो यह लड़ाई हारी जाएगी। प्रधानमंत्री को मुख्यमंत्रियों पर और मुख्यमंत्रियों को जिला अधिकारियों पर विश्वास करना होगा।’’ गांधी के मुताबिक कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने कहा कि इस संकट से लड़ने के लिए विकेंद्रीकरण की जरूरत है। 

यह समय प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में कोविड-19 से लड़ाई का है : भाजपा ने राहुल से कहा

भाजपा ने शुक्रवार को कहा कि कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों और विषय विशेषज्ञों से विचार विमर्श करते रहे हैं और राहुल गांधी को ‘बुद्धिमता एवं व्यवहारिकता’ से काम लेते हुए मोदी के मार्गदर्शन में मानव इतिहास की सबसे बड़ी आपदा से मोर्चा लेने के लिए आगे आना चाहिए। भाजपा प्रवक्ता एवं राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने राहुल पर तंज करते हुए कहा, ‘‘ जीवन का अर्द्ध शतक बनाने की दहलीज पर खड़े कांग्रेस के चिर युवा नेता में अब थोड़ा विवेक और परिपक्वता आनी चाहिए। ’’

त्रिवेदी कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष के उस बयान पर टिप्पणी कर रहे थे जिसमें उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को सत्ता में हिस्सेदारी देने और महामारी के खिलाफ लड़ाई में मुख्यमंत्रियों को सहभागी बनाना चाहिए । भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि मोदी सरकार विपक्ष के सुझावों को ग्रहण करने को तत्पर है लेकिन ये सुझाव रचनात्मक होने चाहिए । उन्होंने कहा कि यह राहुल गांधी का चरित्र है कि वे मीडिया के समक्ष बिना तथ्यों का अध्ययन किये ही अपनी बातें रखते हैं । राहुल गांधी के गरीबों को नकद एवं विशेष पैकेज देने की मांग पर त्रिवेदी ने कहा कि सरकार पहले ही 1.7 लाख करोड़ रूपये के राहत पैकेज की घोषणा कर चुकी है और कोरोना वायरस संकट के दौरान कठिन परिस्थितयों में प्रत्यक्ष नकद अंतरण के माध्यम से गरीबों के हाथों में पैसा पहुंचाना सुनिश्चित कर रही है ।

उन्होंने कहा कि नोबोल पुरस्कार विजेता अभिजीत बनर्जी ने भी प्रत्यक्ष नकद अंतरण की तारीफ की है । उन्होंने कहा कि हाल ही में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के साथ संवाद में बनर्जी ने कहा था कि प्रवासी मजदूरों की समस्याओं का निपटारा स्थानीय प्रशासन को करना चाहिए । त्रिवेदी ने कहा, ‘‘ यह समय प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से विवाद खड़ा करने का नहीं है । इसकी बजाए यह समय सहयोग करने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में मानव इतिहास की सबसे बड़ी आपदा से मोर्चा लेने का है । ’’

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि राहुल गांधी अगर अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और मुख्यमंत्रियों से चर्चा करते तो उन्हें स्थिति की बेहतर जानकारी मिलती । भाजपा नेता ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की कविता ‘‘ आओ मिलकर दीया जलाये’ उद्धृत करते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष से महामारी से निपटने में सहयोग देने को कहा । उन्होंने कहा कि भारत एकमात्र ऐसा देश है जहां स्वास्थ्य एवं सुरक्षा कर्मियों पर हमले की घटनाएं सामने आई है और सरकार को ऐसे अपराधों से निपटने के लिये अध्यादेश लाना पड़ा है । त्रिवेदी ने आरोप नगाया कि इन मुद्दों को साम्प्रदायिक रंग देने के प्रयास किये जा रहे हैं और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों से केंद्र सरकार की आलोचना करने के लिये सम्पर्क किया जा रहा है । उन्होंने कहा कि जब लॉकडाउन 14 अप्रैल के बाद बढ़ाया गया तब महाराष्ट्र, पंजाब, ओडिशा, तेलंगाना जैसे राज्य पहले ही इसे बढ़ा चुके थे । 

 

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