राजस्थान में कांग्रेस के बीच विवाद भले ही थमता नजर आ रहा है। हालांकि, अब पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और कांग्रेस सांसद प्रताप सिंह बाजवा के बीच पिछले कुछ दिनों से जारी झगड़ा अब सुर्खियों में आ गया है। यही नहीं बात अब तू-तू मैं-मैं तक पहुंच गई है। दरअसल, राज्य सभा सांसद प्रताप बाजवा की डीजीपी दिनकर गुप्ता को लिखी चिट्ठी पर कैप्टन अमरिंदर ने जवाब दिया है।
अमरिंदर ने कहा है कि बाजवा की सुरक्षा हटाने का फैसला उनका था। अमरिंदर सिंह ने कहा, 'मैंने आपकी सुरक्षा हटाने से संबंधित फैसला लिया था। इसलिए अगर आपकी कोई नाराजगी है तो मेरे डीजीपी पर हमला करने की बजाय मुझे लिखिए। या फिर कांग्रेस हाई कमान के पास जाइए।'
इससे पहले बाजवा ने मंगलवार को पंजाब पुलिस के प्रमुख दिनकर गुप्ता पर हमला करते हुए आरोप लगाया कि 'राजनीतिक हस्तक्षेप' के कारण उनकी सुरक्षा वापस ली गई है। उन्होंने दिनकर गुप्ता के नाम एक खुला खत लिखा था। बाजवा ने कहा कि बीते कुछ सालों के दौरान कई खुफिया रिपोर्टों में उन पर खतरे की आशंका की पुष्टि हुई है। इसके बावजूद उनकी सुरक्षा हटाई गई।
बाजवा ने ये आरोप भी लगाया कि उन पर खतरे की आशंका को खत्म करने के लिए पुलिस ने 'फर्जी खतरा संबंधी' रिपोर्ट तैयार की है। साथ ही चंडीगढ़ के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) संजय बेनीवाल को लिखे एक अलग पत्र में बाजवा ने कहा कि सुरक्षा वापस लेने के कारण उनके परिवार को हुए किसी भी नुकसान के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री और राज्य डीजीपी जिम्मेदार होंगे।
बहरहाल, बाजवा के खत पर अमरिंदर सिंह ने कहा कि उन्हें उस पंजाब पुलिस को लेकर ऐसी बातें नहीं कहनी चाहिए जिसने राज्य को आतंकवाद सहित कई मुश्किल हालात से बचाया।
अमरिंदर सिंह ने साथ ही कहा, 'क्या बाजवा को वाकई लगता है कि एक ऐसी पुलिस जो आजाद नहीं हो, पेशेवर नहीं हो और जिस पर भरोसा नहीं किया जा सकता, वो इतनी उपलब्धि हासिल करने में कामयाब होती।'
इससे पहले अमरिंदर सिंह ने सोमवार को कहा था कि प्रताप सिंह बाजवा को राज्य पुलिस द्वारा की दी गई सुरक्षा को वापस लेना एक ‘नियमित प्रक्रिया’ है और इसका राज्य सरकार से उनकी चल रही तनातनी से कोई संबध नहीं है।
बता दें कि पंजाब सरकार ने शनिवार को राज्य की ओर से बाजवा को दी गई सुरक्षा वापस लेने का फैसला करते हुए कहा कि उन्हें केंद्रीय सुरक्षा उपलब्ध है और वह किसी खतरे का भी सामना नहीं कर रहे हैं।
यह फैसला तीन जिलों में जहरीली शराब से 121 लोगों की मौत के बाद बाजवा और कांग्रेस के अन्य राज्यसभा सदस्य शमशेर सिंह डुल्लो की ओर से शराब के राज्य में कथित अवैध कारोबार की सीबीआई जांच कराने की मांग के कुछ दिन बाद आया था।