Punjab ki khabar: पंजाब के दो मंत्रियों-मुख्य सचिव में ठनी, मनप्रीत सिंह और चरणजीत सिंह बोले- किसी भी बैठक में भाग नहीं लेंगे, जिसमें मुख्य सचिव होंगे

By भाषा | Updated: May 12, 2020 14:41 IST2020-05-12T14:41:23+5:302020-05-12T14:41:23+5:30

पंजाब के मुख्यमंत्री के सामने अजीब स्थिति पैदा हो गई है। राज्य के दो कैबिनेट मंत्री ने कहा कि वह मीटिंग में तब भाग लेंगे जब मुख्य सचिव को नहीं होंगे। यदि मुख्य सचिव किसी भी बैठक में आएंगे हमलोग नहीं भार लेंगे।

Punjab Cabinet meet ministers want chief secretary sacked Chief Minister Amarinder Singh Karan Avtar Singh Manpreet Singh Badal walk out | Punjab ki khabar: पंजाब के दो मंत्रियों-मुख्य सचिव में ठनी, मनप्रीत सिंह और चरणजीत सिंह बोले- किसी भी बैठक में भाग नहीं लेंगे, जिसमें मुख्य सचिव होंगे

संकट बढ़ता देख कर पंजाब कांग्रेस ने भी मंत्रियों का समर्थन किया। (file photo)

Highlightsबादल और प्रौद्योगिकी शिक्षा मंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने शनिवार को ‘‘कैबिनेट पूर्व’’ बैठक से बहिर्गमन किया था।मुख्य सचिव बैठक में शामिल नहीं हुए और उनके स्थान में गृह सचिव सतीश चंद्र बैठक में शामिल हुए।

चंडीगढ़ः पंजाब के दो मंत्रियों ने कहा कि वे ऐसी किसी भी बैठक में भाग नहीं लेंगे, जिसमें राज्य के मुख्य सचिव शामिल होंगे। वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने अपनी मंशा कैबिनेट की बैठक में स्पष्ट कर दी है।

उन्होंने एक बैठक में मुख्य सचिव कर्ण अवतार सिंह के ‘अस्वीकार्य बर्ताव’ का जिक्र किया। बादल और प्रौद्योगिकी शिक्षा मंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने शनिवार को ‘‘कैबिनेट पूर्व’’ बैठक से बहिर्गमन किया था, जिसके बाद कैबिनेट की बैठक सोमवार के लिए स्थगित कर दी गई थी।

मुख्य सचिव बैठक में शामिल नहीं हुए और उनके स्थान में गृह सचिव सतीश चंद्र बैठक में शामिल हुए। संकट बढ़ता देख कर पंजाबकांग्रेस ने भी मंत्रियों का समर्थन किया। बादल ने बताया कि यह मुद्दा कैबिनेट की बैठक में ‘‘अनौपचारिक’’ एजेंडे के तहत उठाया गया और उनके रुख का अन्य मंत्रियों ने समर्थन किया।

चन्नी ने बादल की बातों का समर्थन किया और कहा कि वह ऐसी किसी भी बैठक में शामिल नहीं होंगे, जिसमें मुख्य सचिव हिस्सा लेंगे। बादल ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैंने एक प्रस्ताव दिया कि मेरे लिए कैबिनेट की ऐसी बैठक में बैठना असंभव होगा जिसमें सीएस कर्ण अवतार सिंह भी बैठे हों।’’

उन्होंने दावा किया कि पंजाब मंत्रिमंडल के बाकी सदस्यों का भी यही निर्णय था। बादल ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कहा, ‘‘हमने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि वे इस बात का निर्णय करें कि बैठक में हमें बुलाना है अथवा सीएस (मुख्य सचिव) को।’’ कहा जाता है कि शनिवार को बादल और चन्नी के बहिर्गमन के बाद मंत्रिमंडल के बाकी सदस्यों ने भी उनका अनुसरण किया था। वित्त मंत्री ने मुख्य सचिव के ‘हावभाव’ और उनके बोलने के तरीके पर आपत्ति जताई थी।

बादल ने दावा किया कि उनका बर्ताव पंजाब मंत्रिमंडल की गरिमा के खिलाफ था। उन्होंने कहा कि यह अहं की लड़ाई नहीं है, लेकिन उन्होंने अधिकारी के बर्ताव के बारे में विस्ताव से कुछ नहीं बताया। उन्होंने कहा, ‘‘यह निर्णय राज्य के सर्वोच्च हित में लिया जाना है।’’

उन्होंने दो मंत्रियों के मुख्य सचिव के साथ किसी भी बैठक में शामिल नहीं होने का जिक्र करते हुए कहा,‘‘अब यह मुख्यमंत्री पर निर्भर करता है कि वह क्या निर्णय लेते हैं।’’ माना जाता है कि शनिवार की बैठक में चन्नी ने आबकारी नीति पर चर्चा के दौरान शराब की दुकान के मालिकों को किसी भी तरह की राहत देने का विरोध किया था।

चन्नी के बोलने के बाद मुख्य सचिव ने कथित तौर पर कुछ ‘‘रुखी टिप्पणी’’ की थी। इसके बाद बादल और चन्नी बैठक से चले गए थे और कहा जाता है कि कुछ देर बाद बाकी मंत्री भी चले गए थे । इसके बाद होने वाली कैबिनेट की बैठक को स्थगित कर दिया गया था।

इस बीच, पंजाब कांग्रेस प्रमुख सुनील जाखड़ ने मुख्य सचिव की आलोचना की। उन्होंने कहा,“यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सीएस के पद पर आसीन वरिष्ठ अधिकारी का अहंकार कानून के सुस्थापित सिद्धांतों के रास्ते आ रहा है। अपनी और अपने पद की गरिमा बनाए रखते हुए उन्हें पीछे हटना चाहिए।’’ 

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