पटनाः बिहार में चल रहे विधानसभा के बजट सत्र के दौरान विपक्ष ने सरकार को महंगाई के मुद्दे पर घेरा। बजट सत्र के आज छठे दिन नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पेट्रोल, डीजल और गैस की कीमतों में हो रही वृद्धि के खिलाफ अपने आवास 10 सर्कुलर रोड से विधानसभा साइकिल से पहुंचे।
केंद्र और राज्य सरकार पर हमला
इससे पहले भी तेजस्वी यादव किसानों के समर्थन में ट्रैक्टर चलाकर बजट सत्र में हिस्सा लेने विधानसभा पहुंचे थे। पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमत को लेकर उन्होंने सरकार पर चुप्पी साधने का आरोप लगाया। इस दौरान मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए तेजस्वी यादव ने केंद्र सरकार और राज्य सरकार पर जमकर तंज कसा।
उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की नहीं सुन रही है। यह सरकार के तानाशाही रवैये को दर्शाता है। यह सरकार किसान विरोधी है। ईंधन की कीमत बढ़ना किसानों पर हमला है। सरकार को किसानों की बात सुननी चाहिए। तेजस्वी ने कहा कि पेट्रोल और डीजल के दाम भी बढ़ रहे हैं, लेकिन सरकार ने उस पर चुप्पी साध ली है।
महंगाई डायन खाए जात है
पेट्रोल और डीजल के साथ एलपीजी गैस की कीमतों में वृद्धि हुई इससे आम लोगों का जीना दुश्वार हो गया है, जब यूपीए की सरकार में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि हो रही थी। तो उस समय भाजपा के नेता गाना गा रहे थे कि महंगाई डायन खाए जात है, लेकिन जब आज पेट्रोल डीजल एलपीजी गैस के दरों में लगातार वृद्धि हो रही है. ऐसे में भाजपा के नेता चुप्पी साधे हुए हैं।
उल्लेखनीय है कि पेट्रोल और डीजल के बढे दामों को लेकर राजद लगातार प्रदर्शन कर रही है, एक तरफ जहां सदन के अंदर नेता सत्ताधारी दल को इस मुद्दे पर घेर रही है, वहीं शहर से लेकर सूदूर गांवों तक राजद के कार्यकर्ताओं ने हाल में ही सडकों पर उतरकर आक्रोश मार्च किया।
नौकरी शब्द इनके शब्दकोश से गायब
वहीं, नेता प्रतिपक्ष ने बिहार में नौकरी और रोजगार के मुद्दे पर केंद्र की मोदी सरकार के साथ-साथ नीतीश सरकार को भी घेरा। उन्होंने तंज कसते हुए लिखा है कि- काठ की हांडी बार बार नहीं चढ़ती, नौकरी के नाम पर एक काठ की हांडी केंद्र सरकार ने चढ़ाई थी, 2 करोड़ नौकरी प्रति वर्ष वाली, तब से नौकरी के नाम पर वे पकौड़ा तलना ही सुझा पाए। अब दूसरी 20 लाख नौकरी वाली हांडी बिहार सरकार ने चढ़ाई है, जिसके बाद से नौकरी शब्द इनके शब्दकोश से गायब है।
इसके पहले भी तेजस्वी ने रोजगार के मुद्दे पर बिहार सरकार को घेरते हुए ट्वीट किया था कि- नीतीश सरकार के पास युवाओं को 20 लाख रोजगार देने का ना कोई रोडमैप है, ना ही विजन. बजट में आईटी, फूड प्रोसेसिंग का उल्लेख तक नहीं! हवा हवाई पेपरबाजी और जुमलेबाजी पर चल रही बिहार सरकार बस सब्ज़बाग दिखाना जानती है पर उसे अमलीजामा पहनाने की ना उनके पास योग्यता है और ना ही इच्छाशक्ति!