लोकसभा में पीएम नरेंद्र मोदी ने जब किया भोजपुरी की एक कहावत का जिक्र, देखें वीडियो
By विनीत कुमार | Updated: February 11, 2021 11:52 IST2021-02-11T11:47:13+5:302021-02-11T11:52:30+5:30
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को लोक सभा में राष्ट्रपति पर अभिभाषण की चर्चा का जवाब देते हुए किसान आंदोलन और नए कृषि कानूनों को लेकर कई बातें कहीं। इस दौरान उन्होंने आरोप लगाया कि किसानों को भ्रमित किया जा रहा है।

पीएम मोदी ने लोकसभा में भोजपुरी कहावत का किया जिक्र (फोटो- वीडियो ग्रैब)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषणा पर लोक सभा में चर्चा के बाद बुधवार को इस पर जवाब देते हुए कांग्रेस और विपक्षी पार्टियों पर जमकर निशाना साधा। इस दौरान उन्होंने अपने भाषण में भोजपुरी कहावत का भी जिक्र किया और कहा कि जानबूझकर किसानों को भ्रम में डालने की कोशिश की जा रही है।
प्रोधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए कृषि कानून किसी के लिये बंधन नहीं बल्कि विकल्प हैं और इसलिए विरोध का कोई कारण नहीं है। पीएम मोदी ने शरद पवार का भी जिक्र किया और कहा कि जब एनसीपी नेता यूपीए सरकार में कृषि मंत्री थे तो उन्होंने भी इस तरह के सुधारों की बात कही थी लेकिन आज उनका सुर बदल गया है।
पीएम मोदी ने इस दौरान भोजपुरी के कुछ शब्दों का भी जिक्र किया और कहा कि कानून लागू होने के बाद न देश में कोई मंडी बंद हुई, न एमएसपी बंद हुआ। ये सच्चाई है। इतना ही नहीं ये कानून बनने के बाद एमएसपी पर खरीद भी बढ़ी है। देखें भोजपुरी में पीएम मोदी ने क्या कहा-
ना खेलब ना खेले देब, खेलवे बिगाड़ब… pic.twitter.com/gZAuOPMtkg
— Narendra Modi (@narendramodi) February 10, 2021
कांग्रेस सबसे कंफ्यूज पार्टी है: पीएम नरेंद्र मोदी
पीएम मोदी ने अपने भाषण के बीच सदन में शोर-शराबा करने वाले विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि ये जो हो-हल्ला, ये आवाज हो रही है और रुकावटें डालने का प्रयास हो रहा है...यह एक सोची-समझी रणनीति के तहत हो रहा है।
उन्होंने कहा, ‘रणनीति यह है...... जो झूठ, अफवाहें फैलाई गई हैं, उसका पर्दाफाश हो जाएगा तो लोग सच्चाई नहीं जान पाएं, इसलिए हो-हल्ला मचाने का खेल चल रहा है। लेकिन ये लोगों का विश्वास कभी नहीं जीत पायेंगे।’
उन्होंने अपने भाषण के दौरान कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए उसे ‘विभाजित और भ्रमित’ पार्टी करार दिया और कहा कि वह न तो अपना भला कर सकती है और ना ही देश की समस्याओं के समाधान के लिए सोच सकती है।
कृषि कानूनों का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘कानून बनने के बाद किसी भी किसान से मैं पूछना चाहता हूं कि पहले जो हक और व्यवस्थाएं उनके पास थीं, उनमें से कुछ भी इस नए कानून ने छीन लिया है क्या? इसका जवाब कोई देता नहीं है, क्योंकि सबकुछ वैसा का वैसा ही है।’
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने तीन कृषि कानूनों को लेकर हर क्लॉज पर चर्चा की पेशकश की और अगर इसमें कोई कमी है, तब बदलाव करने को भी तैयार है। उन्होंने कहा, ‘यह सदन, हमारी सरकार और हम सभी किसानों का सम्मान करते हैं जो कृषि कानूनों पर अपनी बात रख रहे हैं। यही कारण है कि हमारे शीर्ष मंत्री उनसे लगातार बात कर रहे हैं। किसानों के लिये काफी सम्मान है।’
(भाषा इनपुट)