प्रवासी भारतीय दिवस का आयोजन आज से शुरू हो चुका है। तीन दिनों तक चलने वाला ये कार्यक्रम इस बार सिंगापुर में आयोजित किया गया है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीआईओ (पर्सन ऑफ इंडियन ओरिजन) पार्लियामेंट्री कांफ्रेंस में 'सांसद सम्मेलन' का उद्घाटन किया। इस सम्मेलन में 23 देशों के 120 संसद और मेयर शामिल हुए हैं।
पीएम ने इसे सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा- मैं 125 करोड़ हिंदुस्तानियों की तरफ से विदेश से आए भारतीय मूल के नागिरकों का स्वागत करता हूं। अगर मैं राजनीति की बात करूं तो मैं देख रहा हूं कि मेरे सामने भारतीय मूल के लोगों की 'मिनी वर्ल्ड पार्लियामेंट' है। उन्होंने ये भी कहा कि भारत बदल रहा है। विश्व बैंक, आईएमएफ और मूडीज भारत को उम्मीद के साथ देख रहे हैं। रिफॉर्म टू टांसफार्म हमारी नीति है।
पीएम ने सुषमा स्वराज की तारीफ करते हुए कहा कि वे ना केवल भारतीय नागरिकों के लिए बल्कि प्रवासी भारतीय पर भी नजर रखती हैं।
सम्मेलन में दो सत्र में चर्चा होनी वाली हैं। जिसमें 'संघर्ष से संसद' तक का सफर और 'उभरता भारत' में प्रवासी भारतीय सांसदों की भूमिका जैसे विषय शामिल हैं।
प्रवासी भारतीय दिवस क्या है
9 जनवरी 1915 को महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटे थे। इसी लिए भारत सरकार साल 2003 से हर साल 9 जनवरी को प्रवासी भारतीय दिवस का आयोजन करती है। प्रवासी भारतीय दिवस का ये सोलहवां साल हैं। इस आयोजन का मकसद भारत के प्रति अप्रवासी भारतीयों की सोच, देश के लोगों से साथ बातचीत के लिए एक मंच उपलब्ध कराना, विदेश में रह रहे प्रवासी भारतीयों की कठिनाई जानना और उन्हें दूर करने की कोशिश करना है। साथ ही प्रवासी भारतीयों का देश में निवेश के लिए अवसरों को बढ़ाना भी प्रमुख उद्देश्य है।