पीएम मोदी के बयान पर कोहराम, भारतीय जमीन पर चीनी कब्जे को लेकर उठ रहे हैं सवाल

By शीलेष शर्मा | Updated: June 20, 2020 16:51 IST2020-06-20T16:51:28+5:302020-06-20T16:51:28+5:30

सर्वदलीय बैठक में पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा गलवान घाटी पर दिए गए बयान और उसके बाद सफाई पर चीन मामलों के विशेषज्ञ, राजनैतिक दल अब प्रधानमंत्री के बयान की विश्वसनीयता पर सवाल उठा रहे हैं।

PM Modi's statement raising questions about Chinese occupation on Indian land | पीएम मोदी के बयान पर कोहराम, भारतीय जमीन पर चीनी कब्जे को लेकर उठ रहे हैं सवाल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गलवान घाटी पर दिए गए बयान पर हो रहा है विवाद (फाइल फोटो)

Highlightsपूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह ने लोकमत से बातचीत में कहा की चीनी सैनिक गलवान घाटी में जहां तक घुस चुके हैं, वे अब उसे खाली नहीं करेंगे।नटवर सिंह ने कहा कि चीन जिस जगह पर एक बार कब्ज़ा जमा लेता है फिर उसे वह खाली नहीं करता है।अक्साईचीन पर जिस तरह चीन ने कब्ज़ा किया, भारत उसे आज तक उसे खाली नहीं करा पाया है। 

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सर्वदलीय बैठक में शुक्रवार को कहा कि लद्दाख में किसी बाहरी व्यक्ति ने घुसपैठ नही की है। इसको लेकर राजनैतिक भूचाल खड़ा हो गया है।

चीन मामलों के विशेषज्ञ, राजनैतिक दल अब पीएम मोदी के बयान की विश्वसनीयता पर सवाल उठा रहे हैं। राहुल गांधी ने सवाल उठाते हुए ट्वीट किया, "प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय सीमा में चीनी अतिक्रमण के सामने समर्पण कर दिया है, अगर वह जमीन चीन की थी तो हमारे सैनिक क्यों मारे गए? वह कहां मारे गए हैं?"

एक तरफ राहुल गांधी सवाल उठा रहे हैं। वहीं, पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह ने लोकमत से बातचीत में कहा की चीनी सैनिक गलवान घाटी में जहां तक घुस चुके हैं, वे अब उसे खाली नहीं करेंगे। उनका मानना था की चीन जिस जगह पर एक बार कब्ज़ा जमा लेता है फिर उसे वह खाली नहीं करता है। नटवर सिंह ने साफ़ किया कि अक्साईचीन पर जिस तरह चीन ने कब्ज़ा किया, भारत उसे आज तक उसे खाली नहीं करा पाया है। 

इसके सात ही उनका यह भी मानना था की गलवान घाटी में जो कुछ हुआ उसके बाद भारत की तरफ से जो रणनीति अपनायी गयी है , उसे देखते हुए यह कहा जा सकता है की इससे पीएम मोदी की विदेश नीति को गहरा धक्का लगेगा। 

गुजरात और चेन्नई में झूले से लेकर नारियल पानी तक जो केमिस्ट्री बैठायी, ये उसी का नतीजा

नटवर सिंह के अलावा पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद का बयान भी कमोबेश ऐसा ही है। उनका कहना है कि मोदी सरकार जिस तरह दावे कर रही है उससे उनकी विदेश नीति की समझ को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं।

भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच जो कुछ घटा उसने तमाम ऐसे भी सवाल खड़े कर दिए हैं, जिनका कोई उत्तर सरकार के पास नहीं है। मोदी को चाहिए की वह चीन की मानसिकता को समझें और उसके बाद करवाई करें। गुजरात और चेन्नई में झूले से लेकर नारियल पानी तक जो केमिस्ट्री बैठायी, यह घटना उसी का नतीजा है।  

पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम ने भी मोदी के सर्वदलीय बैठक में दिए गए बयान की झूठ से तुलना करते हुए कहा की यदि यह मान भी लिया जाए की प्रधानमंत्री जो कह रहे हैं वह सही है तो , 5-6 मई को दोनों सेनाओं के बीच टकराव क्यों हुआ। 5 मई से 6 जून के बीच भारतीय कमांडर चीनी कमांडरों से किस मुद्दे पर बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि 6 जून को कोर कमांडरों के बीच बातचीत का क्या विषय था। 

"राजा बोला रात है, रानी बोली रात है, मंत्री बोला रात है, यह सुबह-सुबह की बात है

कांग्रसे ने कहा कि यदि चीनी सेना भारतीय सीमा में नहीं घुसी तो 15-16 जून को संघर्ष और भारतीय सैनिकों की शहादत कहां हुई। किस जगह पर 20 भारतीय सैनिक वीर गति को प्राप्त हुए। चीन की सेना यदि भारतीय सीमा में नहीं घुसी थी तो विदेश मंत्री जयशंकर और विदेश मंत्रालय ने यथास्तिथि बहाल करने की मांग क्यों की। 

चीनी सेना पीछे लौट रही है सरकार द्वारा यह कहा जाना, इसका क्या मतलब था। क्या चीनी सेना अपनी ही सीमा में पीछे लौट रही थी। चिदंबरम ने जोर देते हुये कहा कि झूठे दावे करना सरकार छोड़ दे क्योंकि उसके पास झूठ का जवाब नहीं है। 

मोदी के बयान पर हो रहे हमलों के बीच प्रियंका गांधी ने भी मोदी के बयान पर व्यंग किया और गोरख़ पांडे की कविता ट्वीट कर दी, "राजा बोला रात है , रानी बोली रात है , मंत्री बोला रात है , संत्री बोला रात है , यह सुबह सुबह की बात है। "

Web Title: PM Modi's statement raising questions about Chinese occupation on Indian land

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