सेकुलर-संविधान विवाद: विजय गोयल ने कहा मोदी सरकार केंद्रीय मंत्री हेगड़े के बयान से सहमत नहीं

By IANS | Updated: December 27, 2017 17:22 IST2017-12-27T17:19:12+5:302017-12-27T17:22:03+5:30

संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान विपक्ष केंद्रीय मंत्री अनंत हेगड़े के संविधान में बदलाव के बयान पर माफी की मांग कर रहा है।

Parliamentary Affairs Minister Vijay Goel Said Narendra Modi Government is Not Agreed With Anant Hegde on Constitution and Secular controversy | सेकुलर-संविधान विवाद: विजय गोयल ने कहा मोदी सरकार केंद्रीय मंत्री हेगड़े के बयान से सहमत नहीं

सेकुलर-संविधान विवाद: विजय गोयल ने कहा मोदी सरकार केंद्रीय मंत्री हेगड़े के बयान से सहमत नहीं

संविधान में संशोधन को लेकर केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार हेगड़े द्वारा दिए गए विवादित बयान पर बुधवार (27 दिसंबर) को राज्यसभा की कार्यवाही बार-बार स्थगित करनी पड़ी। हालांकि, केद्र सरकार ने हेगड़े के बयान से खुद को अलग कर लिया। हेगड़े ने सोमवार को धर्मनिरपेक्ष शब्द की आलोचना की थी और कहा था कि भाजपा सरकार इस शब्द को प्रस्तावना से हटाने के लिए संविधान में संशोधन करेगी। राज्यसभा में कामकाज शुरू होने के कुछ ही देर बाद इसे स्थगित करना पड़ा। इसके बाद सदन की बैठक जब दोबारा शुरू हुई तो सरकार ने हेगड़े की टिप्पणी से खुद को अलग कर लिया। इसके बावजूद हंगामा जारी रहा, जिसके कारण सदन को अपराह्न् दो बजे तक के लिए दूसरी बार स्थगित कर दिया गया।

विपक्षी सांसदों ने सदन की कार्यवाही शुरू होते ही इस मुद्दे को उठाया। चार दिनों के अवकाश बाद बुधवार को संसद की बैठक शुरू हुई है। इस दौरान कांग्रेस पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई टिप्पणी को लेकर उनसे माफी की मांग पर अड़ी रही है। नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद केंद्रीय मंत्री हेगड़े को लेकर सरकार व भारतीय जनता पार्टी पर जमकर बरसे और उन्होंने कहा कि अगर किसी व्यक्ति का भारतीय संविधान में विश्वास नहीं है तो उसे सदन में या सरकार में रहने का कोई हक नहीं है।

आजाद ने कहा, "मंत्री का संविधान में कोई भरोसा नहीं है और उन्हें मंत्री रहने का कोई अधिकार नहीं है। उन्हें यहां तक कि संसद का सदस्य होने का भी अधिकार नहीं है।" केंद्रीय कौशल विकास व उद्यमिता मंत्री हेगड़े ने कर्नाटक के कुकनूर में एक कार्यक्रम में सोमवार को कहा था, "जो लोग अपने माता-पिता को नहीं जानते वे खुद को धर्मनिरपेक्ष कहते हैं, उनकी खुद की कोई पहचान नहीं होती। उन्हें अपनी जड़ों का पता नहीं होता, लेकिन वे बुद्धिजीवी होते हैं।" उन्होंने कहा, "कुछ लोग कहते हैं कि संविधान में धर्मनिरेपक्षता की बात है और आप को इसे स्वीकारना चाहिए। हम संविधान का सम्मान करेंगे, लेकिन संविधान में कई बार संशोधन हुए और इसमें भविष्य में भी बदलाव होगा..हम यहां संविधान में बदलाव करने के लिए ही आए हैं और हम इसे जल्द बदलेंगे।"

विपक्ष ने इस मुद्दे पर चर्चा की मांग की। सभापति एम. वेकैंया नायडू ने इस आग्रह को अस्वीकार कर दिया और विपक्षी सदस्यों को शून्यकाल में इसका संक्षिप्त रूप से उल्लेख करने की इजाजत दी। समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद नरेश अग्रवाल ने कहा कि यह संविधान को गाली देने जैसा है और इसके निर्माता बीआर अंबेडकर का अपमान है। अग्रवाल ने कहा, "यह संविधान को गाली देने जैसा है। क्या कोई संविधान को गाली देकर मंत्री पद पर रह सकता है? यह बाबा साहेब अंबेडकर का अपमान है।"

सत्तारूढ़ भाजपा ने अग्रवाल द्वारा विवाद में अनावश्यक रूप से अंबेडकर को खींचने पर आपत्ति जताई। इस बीच सदन की कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित कर दी गई। सदन की बैठक जब दोबारा शुरू हुई तो संसदीय कार्य राज्यमंत्री विजय गोयल ने कहा कि मोदी सरकार भारत के संविधान के प्रति बचनबद्ध है और मंत्री (हेगड़े) की टिप्पणी से सहमत नहीं है। हालांकि, इसके बाद भी विपक्षी सदस्यों ने अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखा और वे सभापति के आसन के पास पहुंच गए। नायडू ने प्रदर्शन कर रहे सदस्यों से कहा, "जब संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि सरकार इससे (हेगड़े के बयान से) सहमत नहीं है तो मामला यहीं खत्म हो जाता है।" उन्होंने सदस्यों से अपनी सीट पर जाने के लिए आग्रह किया। फिर भी हंगामा जारी रहने पर उन्होंने सदन को अपराह्न् दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।
 

Web Title: Parliamentary Affairs Minister Vijay Goel Said Narendra Modi Government is Not Agreed With Anant Hegde on Constitution and Secular controversy

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