संसद के बज़ट सत्र काे उत्तरार्ध में मंगलवार (27 मार्च) को सुबह 11 बजे शुरू होते ही लोक सभा की कार्यवाही हंगामे की वजह से 12 बजे तक के लिए स्थगित हो गयी। सदन में वाईएसआर कांग्रेस के सांसद "हमें इंसाफ चाहिए" के नारे लगा रहे थे। मंगलवार को चार राजनीतिक दल नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले हैं। मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी), तेलुगु देशम पार्टी और वाईआरएस कांग्रेस ने अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस सदन को पहले ही दिया है। बज़ट सत्र का उत्तरार्ध पाँच मार्च से शुरू हुआ है। अभी तक बज़ट सत्र का उत्तरार्ध पंजाब नेशनल बैंक (पीएनपबी) घोटाले, कावेरी जल विवाद, इराक के मोसुल में 39 भारतीयों की मौत, आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा इत्यादि मुद्दों पर हंगामे की भेंट चढ़ता रहा है।
सोमवार को चौथे राजनीतिक दल के तौर पर सीपीएम सांसद मो.सलीम ने लोकसभा के महासचिव को अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया है। कांग्रेस की ओर से भी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया गया है। उन्होंने यह नोटिस शुक्रवार दिया है, जिसमें मंत्रिमंडल के प्रति अविश्वास जाहिर किया गया है। कांग्रेस ने 27 मार्च को इसे एजेंडे में शामिल करने का नोटिस दिया है।
इससे पहले मोदी सरकार में सहयोगी रही तेलुगुदेशम पार्टी और राज्य के दूसरे दल वाईआरएस कांग्रेस अविश्वास प्रस्ताव को लेकर नोटिस दे चुके हैं। उन्होंने अविश्वास प्रस्ताव का निर्णय आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिए जाने के बाद लिया है। हालांकि, सदन में हंगामें के चलते उनके नोटिस पेश नहीं हो सके हैं।
इधर, आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिलने पर तेलुगू देशम पार्टी ने बीजेपी नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन से नाता तोड़ चुकी है। इसके साथ ही आए दिन अविश्वास प्रस्ताव लेकर संसद की कार्यवाही स्थगित की जा रही है। बीते सोमवार को जहां राज्यसभा की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित रही, वहीं लोकसभा पहले दोपहर तक स्थगित रही। बाद में कुछ देर कार्यवाही शुरू होने के बाद विपक्ष ने फिर से हंगामा किया, जिसके बाद लोकसभा भी पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई।
आपको बता दें, इस समय कांग्रेस के 48 सांसद हैं। इस तरह सरकार के खिलाफ प्रस्ताव लाने के लिए जरूरी 50 सांसदों का आंकड़ा आराम से जुट जाएगा। इसके साथ ही लेफ्ट फ्रंट, आप और बाकी विपक्षी दल भी सरकार के खिलाफ लामबंद हो चुके हैं। इस तरह सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने में कोई मुश्किल नहीं होगी।