पद्म पुरस्कारों पर इस बार बदली-बदली दिखी मोदी सरकार, राजनीतिक संदेश देने की कोशिश! चुनाव वाले राज्यों का हिस्सा रहा ज्यादा

By हरीश गुप्ता | Published: February 1, 2021 08:18 AM2021-02-01T08:18:38+5:302021-02-01T08:18:38+5:30

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने इस बार आधा दर्जन से ज्यादा राजनीतिक नेताओं को पद्म पुरस्कारों की सूची में शामिल किया. खास बात ये भी है कि 119 पद्म पुरस्कारों में से 35 प्रतिशत उन राज्यों के लोगों को गए हैं, जहां अप्रैल-मई में चुनाव होना है.

Narendra Modi govt changed plans on Padma awards this year 2021 tried to give political message | पद्म पुरस्कारों पर इस बार बदली-बदली दिखी मोदी सरकार, राजनीतिक संदेश देने की कोशिश! चुनाव वाले राज्यों का हिस्सा रहा ज्यादा

मोदी सरकार की पद्म पुरस्कारों के जरिए राजनीतिक संदेश देने की कोशिश! (फाइल फोटो)

Highlightsमोदी सरकार ने इस बार आधा दर्जन से ज्यादा राजनीतिक नेताओं को पद्म पुरस्कारों की सूची में शामिल किया 119 पद्म पुरस्कारों में से 35 प्रतिशत उन राज्यों के लोगों को गए हैं, जहां अप्रैल-मई में चुनाव होना हैतमिलनाडु को सबसे ज्यादा 11 पद्म पुरस्कार मिले, अकाली दल (बादल) के प्रमुख नेता त्रिलोचन सिंह का नाम भी चौंकाने वाला

नई दिल्ली: लुटियन की दिल्ली के इलाके के लोगों को सम्मानित करने की पूर्ववर्ती सरकारों की परंपरा को तोड़कर उपेक्षित, अनजान हीरोज को सम्मानित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार को जाना जाता रहा है. वे ऐसा एक बार कह भी चुके हैं, लेकिन उनकी सरकार का सातवां साल (2021) कुछ अलग ही है.

पीएम मोदी ने इस मर्तबा आधा दर्जन से ज्यादा राजनीतिक नेताओं को पद्म पुरस्कारों की सूची में शामिल कर बदलाव का संकेत दिया है.

उन्होंने केशुभाई पटेल (भाजपा-गुजरात), रामविलास पासवान (लोजपा-बिहार) और तरुण गोगोई (कांग्रेस-असम) को मरणोपरांत पद्मभूषण देकर कुछ राजनीतिक संकेत दिए हैं. उन्होंने कुछ वर्तमान राजनेताओं का भी पद्म पुरस्कारों के लिए चयन किया.

पद्म पुरस्कार 2021: चौंकाने वाला चयन

पद्मभूषण पुरस्कारों के लिए सबसे चौंकाने वाला चयन सरदार त्रिलोचन सिंह (हरियाणा) का रहा. त्रिलोचन सिंह मूलत: पंजाब के हैं और अकाली दल (बादल) के प्रमुख नेता हैं, लेकिन राज्यसभा में हरियाणा का प्रतिनिधित्व करते हैं. उन्हें पुरस्कार देकर मोदी सरकार ने अकाली दल के साथ सुलह की कोशिशों के संकेत दिए हैं.

त्रिलोचन सिंह हरियाणा के चौटाला परिवार के भी करीबी हैं. चौटाला परिवार किसान आंदोलन में सक्रिय है. उल्लेखनीय है कि हरसिमरत कौर बादल के कृषि कानून का विरोध करते हुए केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफे के बाद अकाली दल ने राजग का साथ छोड़ दिया था.

पद्म पुरस्कार 2021: बदलते इरादों के संकेत

पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन को पद्मभूषण की सूची में स्थान मिला तो पूर्व केंद्रीय मंत्री बिजोय चक्रवर्ती को पद्मश्री से सम्मानित किया गया.

भाजपा की एक अन्य नेता और गोवा की पूर्व राज्यपाल मृदुला सिन्हा को भी पद्मश्री मिली. इससे जाहिर होता है कि मोदी का इरादा पंजाब, असम और बिहार में पार्टी की स्थिति को और अधिक मजबूत करने का है.

उल्लेखनीय तथ्य यहां इस बात का उल्लेख जरूरी है कि 119 पद्म पुरस्कारों में से 35 प्रतिशत उन राज्यों के लोगों को गए हैं, जहां अप्रैल-मई में चुनाव होना है. तमिलनाडु को सबसे ज्यादा 11 पद्म पुरस्कार मिले.

इसके बाद असम (9), प. बंगाल (7), केरल (6) और पुद्दुचेरी (1) का स्थान रहा. गैर-भाजपा नेताओं को भी पद्म पुरस्कार देकर मोदी ने खुद को निष्पक्ष नेता के तौर पर स्थापित करने की भी कोशिश की है.

Web Title: Narendra Modi govt changed plans on Padma awards this year 2021 tried to give political message

राजनीति से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे