नई दिल्लीः देश के पूर्व प्रधानमंत्री पी वी नरसिम्हा राव को जिस कांग्रेस ने 16 साल से भूला रखा था, आज भूली कांग्रेस को खुली अर्थव्यवस्था के जनक नरसिम्हा राव की याद आ गयी।
पार्टी की तेलंगाना कांग्रेस ने राव के जन्म शांति समारोह का हैदराबाद में भव्य आयोजन किया, वीडियो के ज़रिये आयोजित समारोह में प्रणब मुखर्जी ,मनमोहन सिंह ,पी चिदंबरम जयराम रमेश सहित अनेक कांग्रेसी नेताओं ने वीडियो के ज़रिये शिरकत की और राव को उनके कामों के लिये याद किया।
इस पूरे आयोजन की विशेषता यह थी कि जिस गांधी परिवार ने 23 दिसंबर 2004 को नरसिम्हा राव के पार्थिव शरीर को कांग्रेस मुख्यालय प्रवेश की अनुमति देने से इंकार कर दिया था, इतना ही नहीं केंद्र में कांग्रेस सरकार के होते हुये भी राजधानी दिल्ली में उनकी समाधि के लिये भूमि का आवंटन से इंकार किया गया आज उसी गाँधी परिवार ने तेलंगाना कांग्रेस इकाई की इस बात को लेकर प्रशंसा की कि वह नरसिम्हा राव की जन्मशती मना रहे हैं।
उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार इस आयोजन का फ़ैसला तेलंगाना कांग्रेस का नहीं था ,यह आयोजन राहुल गाँधी के कहने पर आयोजित किया गया था। हालाँकि राहुल और सोनिया ने वर्चुअल मीटिंग में शिरकत तो नहीं की। लेकिन दोनों ने अपने अपने संदेश भेज कर यह साफ़ किया कि राव कांग्रेस के नेता थे।
इस सफाई की ज़रूरत इस लिये पड़ी क्योंकि भाजपा नरसिम्हा राव को लेकर अक्सर आक्रामक होती रही है, भाजपा पटेल का नाम गुजरात में भुनाती है तो नरसिम्हा राव का तेलंगाना में। राहुल ने अपने संदेश में राव को उदारीकरण का जनक बताते हुये लिखा 1991 का बज़ट हमेशा कांग्रेस नेता की याद दिलाता रहेगा। सोनिया गाँधी ने लिखा नरसिम्हा राव एक बहादुर नेता थे और उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था को नया कलेवर दिया।
नरसिंह राव को वास्तव में भारत में आर्थिक सुधारों का जनक कहा जा सकता है : मनमोहन
नरसिम्हा राव की सरकार में वित्त मंत्री रहे मनमोहन सिंह ने शुक्रवार को कहा कि राव ‘‘माटी के महान सपूत" थे और उन्हें वास्तव में भारत में आर्थिक सुधारों का जनक कहा जा सकता है क्योंकि उनके पास उन सुधारों को आगे बढ़ाने के लिए दृष्टि और साहस था।
सिंह बाद में खुद देश के प्रधानमंत्री बने। सिंह कांग्रेस की तेलंगाना इकाई द्वारा आयोजित नरसिंह राव जन्मशताब्दी वर्ष के उद्घाटन समारोह को डिजिटल तरीके से संबोधित कर रहे थे। सिंह ने कहा कि वह विशेष रूप से खुश हैं कि इसी दिन 1991 में उन्होंने राव सरकार का पहला बजट पेश किया था। 1991 के बजट की काफी सराहना की जाती है क्योंकि उसी से आधुनिक भारत की नींव रखी गयी और देश में आर्थिक सुधारों को आगे बढ़ाने का खाका तैयार किया गया।